King Dasharath appeared distraught due to not having a child, Janak’s court was decorated | राजा दशरथ औलाद न होने से बेकरार दिखे, जनक का दरबार सजा – Amritsar News


.

छेहर्टा नारायणगढ़ जीटी रोड स्थित भगवान वाल्मीकि मंदिर के बाहर वैष्णो ड्रामा-टिक क्लब की ओर से रामलीला शुरू की गई। रामलीला का मंचन शुरू करने से पहले सभी कलाकारों ने भगवान श्री राम जी की आरती उतारी। इसके बाद वहीं आरती रामलीला देखने वाले लोगों के बीच ले जाई गई ताकि लोग प्रभु का आशीर्वाद ले सके। रामलीला के पहले मंचन में राजा दशरथ के घर औलाद न होने से वह बेकरार दिखाई दिए।

ऋषि मुनियों की ओर से राजा दशरथ को औलाद सुख प्राप्त करने के लिए यज्ञ करने का आह्वान किया गया। ऋषियों ने मिलकर राजा दशरथ के महलों में मंत्रोच्चारण करके यज्ञ शुरू किया। ऋषियों ने तीनों रानियों को प्रभु प्रसाद के रूप में फल भेंट करके पुत्र रतन की प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। इससे पता चलता है कि जिस परिवार में बेटा या बेटी नहीं होती वहां बेकरारी काफी बढ़ जाती है। रामलीला के 3 मंचन में राजा जनक अपने दरबार में बैठे हुए हैं।

उनके राज्य में बारिश न होने के कारण खेतों में फैसले नहीं हो रही। ऋषियों के कहने पर राजा जनक खेतों में हल चलाते हैं। इसी दौरान बारिश होती है और एक खेत की जमीन में हल अटक जाता है। जमीन के नीचे एक गढ़े में छोटी कन्या के रोने की आवाज आती है। राजा जनक छोटी कन्या को देखकर हैरान रह जाते है। राजा जनक छोटी सी कन्या को पाकर अत्यंत खुश होते हैं। इसी दौरान ऋषियों द्व्रारा जमीन के नीचे से जन्मी बच्ची का नामकरण सीता रखते है। खुशी में राजा जनक अपने ईष्टदेव को याद करते हैं।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *