34 मिनट पहले
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केरल के कोट्टायम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में 23 अक्टूबर को एक साथ तीन अंगों का ट्रांसप्लांट हुआ। ये भारत का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां एक ही दिन में तीन अंगों हृदय, फेफड़े और गुर्दे का ट्रांसप्लांट किया गया।
यह भी पहली बार है कि किसी सरकारी अस्पताल में फेफड़े का ट्रांसप्लांट किया गया है। फेफड़े का ट्रांसप्लांट देश में बहुत ही दुर्लभसर्जरी मानी जाती हैं। यहां तक कि उन निजी अस्पतालों में भी, जहां अंगदान की अनुमति है।
कोट्टायम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने दैनिक भास्कर को बताया कि यह देश में पहली बार हुआ है जब किसी सरकारी अस्पताल में एक ही दिन में तीन अंगों का प्रत्यारोपण किया गया हो। जिनमें से एक फेफड़े का था।
6 घंटे तक चली अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया
दान किए गए अंगों में हृदय, फेफड़ा, दोनों गुर्दे, अग्नाशय (पैनक्रियास), लीवर, एक हाथ और दोनों कॉर्निया। इनमें से एक गुर्दा, हृदय और फेफड़ा कोट्टायम मेडिकल कॉलेज के मरीजों को प्रत्यारोपित किए गए।
सर्जरी बुधवार, 22 अक्टूबर की रात 8:30 बजे शुरू हुई और 2:30 बजे तक चली। इसके बाद अंगों को दूसरे पेशेंट्स के अंदर ट्रांसप्लांट किया गया। 23 अक्टूबर की दोपहर तक सफलतापूर्वक पूरी सर्जरी हो गई।
अनीश की इच्छा परिवार ने की पूरी
ये अंग 38 साल के एआर अनीश के थे, मृत्यु कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान हो गई। अनीश तिरुवनंतपुरम की पूजाप्पुरा सेंट्रल जेल में अधिकारी थे। 18 अक्टूबर को सबरीमाला ड्यूटी से लौटते समय पंपा बस स्टैंड पर अचानक बेहोश होकर गिर पड़े थे। कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में 22 अक्टूबर को उनकी मृत्यु हो गई थी।
अनीश ने अपनी मृत्यु के बाद अंगदान की इच्छा पहले ही व्यक्त की थी। उनकी मृत्यु की पुष्टि होने के बाद उनकी मां और बहन सहित उनके परिवार के सदस्यों ने उनकी इच्छा पूरी करने का निर्णय लिया। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शोक की घड़ी में भी अंगदान के लिए सहमत होने पर परिवार का आभार जताया। सर्जरी डॉ. जयकुमार ने अपनी टीम के साथ की थी।
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