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महासमुंद जनपद पंचायत के स्वच्छ भारत मिशन में संविदा पद पर कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर ने खुद को नि:शक्त बताकर खाद्य विभाग के राशनकार्ड पोर्टल के आईडी से फर्जी तरीके से अंत्योदय राशन कार्ड बनाकर गरीबों के हिस्से का राशन खा गया। मामले की फर्जीवाड़ा उजागर होने पर राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है।
मामले में फर्जीवाड़ा पर जनपद पंचायत सीईओ को संबंधित पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाए खाद्यान्न की बाजार मूल्य की राशि रिकवरी कर उसे फिर से राशनकार्ड बनाने की जिम्मेदारी दे दी। मामले में अफसरों की मिलीभगत से यह सब काम किया गया है। जनपद पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन में संविदा पद पर कार्यरत पितेश्वर चंद्राकर ने खाद्य विभाग के राशनकार्ड बनाने वाले पोर्टल आईडी से फर्जीवाड़ा कर नि:शक्तों को दिए जाने वाला मुफ्त चावल का अंत्योदय राशन कार्ड बना कर राशन ले रहा था। यह खेल बीते कई साल से चल रहा था।
यही नहीं महासमुंद इमलीभाठा निवासी होते हुए भी पितेश्वर चंद्राकर ने राशनकार्ड में बकायदा ग्राम पंचायत मचेवा का पता बता कर बिना दस्तावेज के इस फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया। मामले में सीईओ मंडावी ने डाटा एंट्री ऑपरेटर पितेश्वर चंद्राकर को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीईओ ने 9 जुलाई को ही ग्राम पंचायत मचेवा के सचिव को पितेश्वर चंद्राकर के राशनकार्ड से जुड़ी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए पत्र लिखा है। दरअसल वर्ष 2022-23 में तात्कालीन जनपद पंचायत सीईओ निखत सुलताना ने नियम विरुद्ध स्वच्छ भारत मिशन के 3 डाटा एंट्री ऑपरेटरों को राशनकार्ड बनाने वाले छग शासन के खाद्य व नागरिक आपूर्ति निगम का पोर्टल आईडी और पासवर्ड दिया था। इन डाटा एंट्री ऑपरेटरों को जरूरतमंद व गरीब परिवार को राशनकार्ड बना कर देना था।
राशनकार्ड से जुड़े रिकॉर्ड ही नहीं, उसी से काम ले रहे मामले में अधिकारियों के पंचायत से सचिव से जानकारी मांग की थी। जिस पर सचिव ने 16 जुलाई सौंपे रिपोर्ट में कहा कि पितेश्वर चंद्राकर के राशनकार्ड से जुड़ी कोई भी दस्तावेज पंचायत के रिकॉर्ड में ही नहीं है और ना ही पंचायत द्वारा कोई प्रस्ताव दिया गया है। मामले में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। कार्रवाई करने की बजाए उसी से काम लिया जा रहा है।