14 घंटे पहले
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हिन्दी पंचांग का आठवां महीना कार्तिक चल रहा है, इस महीने में करवा चौथ, धन तेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी, देव दीपावली जैसे बड़े व्रत-पर्व मनाए जाते हैं। इस वजह से इसे उत्सवों का महीना कहा जाता है। ये महीना 5 नवंबर तक रहेगा। कार्तिक मास का नाम भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय स्वामी के नाम पर पड़ा है। इस संबंध में एक कथा प्रचलित है। जानिए ये कथा…
कार्तिकेय स्वामी ने किया था तारकासुर का वध
कथा के अनुसार, तारकासुर नाम के एक असुर ने कठोर तप करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया। उसने वरदान मांगा कि उसका वध केवल शिव जी के पुत्र के हाथों से ही हो।
उस समय भगवान शिव, सती के वियोग में तपस्या में लीन थे और उनका ध्यान भंग करना असंभव माना जाता था। तारकासुर को विश्वास था कि शिव दोबारा विवाह नहीं करेंगे, अतः वह अमर हो जाएगा। वरदान मिलने के बाद तारकासुर ने सभी देवताओं को स्वर्ग से निकाल दिया और खुद वहां का राजा बन गया।
देवताओं की समस्या दूर करने के लिए जरूरी था कि भगवान शिव का दूसरा विवाह कराया जाए। इसलिए सभी देवताओं ने कामदेव की मदद से शिव जी का ध्यान भंग कर दिया।
उस समय हिमालयराज की पुत्री पार्वती शिव को पति रूप में पाने के लिए घोर तप कर रही थीं। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे विवाह किया। इस विवाह के बाद कार्तिकेय स्वामी का जन्म हुआ, लेकिन कार्तिकेय का पालन कैलाश से दूर एक वन में कृतिकाओं ने किया था, इसी कारण उनका नाम कार्तिकेय पड़ा।
जब कार्तिकेय बड़े हुए, शिव-पार्वती ने कार्तिकेय को कैलाश पर बुलवा लिया। कार्तिकेय के आने का समाचार सुनकर सभी देवता भी वहां पहुंच गए। देवताओं के अनुरोध पर भगवान शिव ने कार्तिकेय को देवसेना का सेनापति बना दिया। इसके बाद कार्तिकेय ने तारकासुर से युद्ध किया और उसका वध कर दिया।
जब ये घटना घटी, तब हिन्दी पंचांग का आठवां महीना चल रहा था। भगवान शिव कार्तिकेय के पराक्रम से बहुत प्रसन्न थे। इसलिए उन्होंने पूरे महीने का नाम कार्तिक रख दिया।
कार्तिक मास से जुड़ी खास बातें
- कार्तिक मास में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नदी में स्नान करने की परंपरा है। इसे कार्तिक स्नान कहा जाता है।
- नदी किनारे, तालाबों या घर के आंगन में दीप जलाने की परंपरा है। यह परंपरा अंधकार में भी प्रकाश फैलाने की भावना का प्रतीक मानी जाती है।
- कार्तिक मास में व्रत रखना, जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करना चाहिए।
- इस महीने में तीर्थस्थलों की यात्रा और गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है।
- कार्तिक मास में तुलसी पूजा का अत्यधिक महत्व है और कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी विवाह किया जाता है।
- कार्तिक मास का अंतिम दिन, यानी कार्तिक पूर्णिमा, इस महीने के सबसे पवित्र दिनों में से एक है। इस दिन देव दीपावली मनाई जाती है, खासतौर पर काशी में इसका भव्य आयोजन होता है। मान्यता है कि इस दिन देवता धरती पर आकर गंगा तट पर दीप जलाते हैं।