Kartik Purnima rituals in hindi, Kartika Purnina on 15th November, traditions about dev deepawali in hindi | कार्तिक पूर्णिमा पर राशि अनुसार करें शुभ काम: मेष राशि के लोग खीर और सिंह राशि के लोग तिल-गुड़ का दान करें

34 मिनट पहले

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शुक्रवार, 15 नवंबर को कार्तिक मास खत्म हो रहा है। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा (त्रिपुरारी पूर्णिमा), देव दीपावली और गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी। इस पर्व पर देवी-देवताओं की पूजा-पाठ के साथ ही दान-पुण्य, नदी स्नान, तीर्थ दर्शन करने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा भी पढ़ी-सुनी जाती है। माना जाता है कि इस दिन किए गए धर्म-कर्म से अक्षय पुण्य मिलता है, जिसका शुभ असर जीवनभर बना रहता है। देव दीपावली पर राशि अनुसार शुभ काम करेंगे तो कुंडली के कई ग्रह दोषों का असर कम हो सकता है, ऐसी मान्यता है। जानिए मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों के लिए शुभ काम…

मेष– इस राशि के लोग भगवान विष्णु और महालक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और पूजा के बाद खीर का दान करें।

वृष– वृष राशि के लोग दूध और दही शिवलिंग पर चढ़ाएं। पूजा के बाद दही और दूध से बनी मिठाई का दान करें।

मिथुन– ये लोग किसी मंदिर में छायादार पेड़ का पौधा लगाएं और इस पौधे की देखभाल करने का संकल्प लें।

कर्क– कर्क राशि के लोग गन्ने का रस शिवलिंग पर चढ़ाएं। पूजा के बाद अलग-अलग फलों के रस का दान करें। पानी वाले नारियल का दान भी कर सकते हैं।

सिंह– सिंह राशि के लोग दिन की शुरुआत सूर्य को जल चढ़ाकर करें। सूर्य पूजा के बाद तिल-गुड़ का दान करें।

कन्या- इस राशि के लोग देव सरस्वती की पूजा करें। पूजा के बाद छोटी-छोटी कन्याओं को पढ़ाई की चीजें जैसे कॉपी, पेन का दान करें।

तुला- ये लोग जल, दूध और घी से शिवलिंग का अभिषेक करें। पूजा के बाद दूध और घी का दान करें।

वृश्चिक– वृश्चिक राशि के लोग शिवलिंग पर लाल गुलाल, लाल फूल और लाल मसूर की दाल चढ़ाएं। पूजा के बाद मसूर की दाल का दान करें।

धनु- इन लोगों को शिव पूजा में बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए। पूजा के बाद चने की दाल और पीले कपड़ा का दान करें।

मकर और कुंभ– इन दोनों राशियों के लोग हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। पूजा के बाद काले तिल, सरसों तेल और नीले कपड़ों का दान करना चाहिए।

मीन– ये लोग शिव जी की विधिवत पूजा करें और पूजा में भगवान को मौसमी फल चढ़ाएं। पूजा के बाद रोगियों को फल और दवाओं का दान करें।

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