37 मिनट पहले
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आज (17 अक्टूबर) आश्विन मास की पूर्णिमा है। ये तिथि शाम 5 बजे तक रहेगी, इसके बाद कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। कार्तिक हिन्दी पंचांग का आठवां महीना है और ये महीना 15 नवंबर तक रहेगा। कार्तिक में धन तेरस, रूप चौदस, दीपावली जैसे पर्वों के साथ ही लगभग हर दिन बड़े व्रत-उत्सव रहते हैं। इस वजह से इसे उत्सवों का महीना भी कहा जाता है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, कार्तिक मास में भगवान गणेश, कार्तिकेय स्वामी, धनवंतरि, यमराज, महालक्ष्मी, विष्णु जी, गोवर्धन पर्वत, छठ माता और सूर्य देव की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस महीने में इन देवी-देवताओं से जुड़े व्रत-पर्व मनाए जाते हैं। जानिए कार्तिक मास से जुड़ी खास बातें…
कार्तिक मास में खान-पान का रखें ध्यान
- अब शीत ऋतु यानी ठंड शुरू हो जाएगी। मौसम में ठंडक बढ़ने लगेगी। ऋतु परिवर्तन के समय खान-पान और जीवन शैली के लिए सतर्क रहना चाहिए, वर्ना सर्दी-जुकाम, बुखार, वात-पित्त से संबंधित बीमारियां होने की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ जाती हैं। कार्तिक मास में रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए, मंत्र जप और ध्यान करना चाहिए। योग-प्राणायाम भी करें।
- कार्तिक मास में पवित्र गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा, कावेरी, सिंधु जैसी पवित्र नदियों में दीप दान करने की परंपरा है। काफी लोग इस महीने में हर रोज नदी स्नान करते हैं, तीर्थ दर्शन और पूजन करते हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने-अपने क्षेत्र की पवित्र नदियों में स्नान, दीप दान करने पहुंचते हैं।
- कार्तिक मास को प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का महीना माना जाता है। इस महीने में आंवले की पूजा के लिए आंवला नवमी, तुलसी पूजा के लिए देवउठनी एकादशी जैसे पर्व आते हैं। कार्तिक मास में पीपल की भी विशेष पूजा करने की परंपरा है।
- काफी लोग कार्तिक महीने में मथुरा, वृंदावन, गोकुल में दर्शन-पूजन और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी करते हैं। यमुना नदी में स्नान करते हैं। खासतौर दीपावली के अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर गोवर्धन जी की पूजा और परिक्रमा करने का विशेष महत्व है।
- कार्तिक मास में जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, ऊनी कपड़े, जूते-चप्पल, खाना दान करें। गायों की देखभाल के लिए किसी गौशाल में धन का दान करें।
- कार्तिक मास में घर और घर के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। मान्यता है कि इस महीने में देवी-देवता उन्हीं घरों में प्रवेश करते हैं, जहां साफ-सफाई और पवित्रता का ध्यान रखा जाता है। पवित्रता के लिए घर में गौमूत्र या गंगाजल का छिड़काव कर सकते हैं।
- ध्यान रखें, कार्तिक मास में घर में प्रेम बनाए रखें। क्लेश न करें। देवी-देवता ऐसे घरों में प्रवेश नहीं करते हैं, जहां अशांति रहती है। इसके अलावा घर में क्लेश करेंगे तो त्योहारों को उत्साह के साथ नहीं मना पाएंगे। मन अशांत रहेगा और बने-बनाए काम बिगड़ने की संभावनाएं बनी रहेंगी।