Kartik Amavasya on 1 November 2024, Kartika month amawasya, mahalaxmi puja vidhi, diwali puja vidhi | आज भी है कार्तिक अमावस्या: सुबह करें महालक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा, दोपहर में करें पितरों के लिए धूप-ध्यान

16 मिनट पहले

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आज (1 नवंबर) कार्तिक मास की अमावस्या है। इस साल कार्तिक अमावस्या दो दिन की है। 31 अक्टूबर को भी कार्तिक अमावस्या थी और इस रात में लक्ष्मी पूजा की गई। कुछ जगहों पर आज यानी 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन होगा। जानिए इस तिथि पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, कार्तिक अमावस्या की सुबह देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा करें, दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान करें। शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं और लक्ष्मी-विष्णु की फिर से पूजा करें।

ऐसे कर सकते हैं विष्णु जी की पूजा

भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की प्रतिमा पर पंचामृत चढ़ाएं। दक्षिणावर्ती शंख में जल-दूध भरकर अभिषेक करें।

लाल-पीले चमकीले वस्त्र और पूजन सामग्री देवी-देवता को अर्पित करें।

हार-फूल से श्रृंगार करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं।

धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा के अंत में भगवान से जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगें।

प्रसाद बांटें और खुद भी लें। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए।

ऐसे करें पितरों के लिए धूप-ध्यान

पितरों के लिए लिए धूप-ध्यान दोपहर में करें, क्योंकि दोपहर का समय पितरों के लिए धर्म-कर्म सबसे अच्छा माना जाता है।

गाय के गोबर से बना उपला यानी कंडा जलाएं और जब कंडे से धुआं निकलना बंद जाए, तब कंडे के अंगारे पर गुड़ और घी से धूप देना चाहिए। इस दौरान पितरों का ध्यान करते रहना चाहिए।

धूप देने के बाद हथेली में जल लें और अंगूठे की ओर से पितरों को जल अर्पित करें। ये धूप देने की सामान्य विधि है।

कार्तिक अमावस्या पर ये शुभ काम कर सकते हैं

अमावस्या पर नदियों में स्नान करने की भी परंपरा है। अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही सभी तीर्थों का और नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए। पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने से भी घर पर ही तीर्थ स्नान के समान पुण्य मिल सकता है।

स्नान के बाद घर के आसपास अगर कोई जरूरतमंद व्यक्ति दिखे तो उसे धन, वस्त्र और अनाज का दान जरूर करें। किसी गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए अपनी शक्ति के अनुसार दान करना चाहिए।

शिवलिंग पर तांबे के लोटे से चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। चांदी के लोटे से कच्चा दूध भगवान को अर्पित करें। इसके बाद फिर से शुद्ध जल चढ़ाएं। शिवलिंग का श्रृंगार करें। तिलक लगाएं, बिल्व पत्र, धतूरा, फल-फूल चढ़ाएं। भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

अमावस्या सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल जरूर चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। कुंडली में सूर्य से संबंधित दोष हों तो गुड़ का दान करें।

कार्तिक अमावस्या पर चंद्र देव की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। चंद्र ग्रह से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाना चाहिए और जरूरतमंद लोगों को दूध का दान करना चाहिए। शिवलिंग के सामने दीपक जलाकर सों सोमाय नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

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