Karnataka Congress MLA says officials pretend to be pregnant | कर्नाटक कांग्रेस विधायक बोले- अधिकारी प्रेग्नेंसी का बहना बनाती हैं: मीटिंग में नहीं आतीं, पूछो तो कहती हैं डॉक्टर के पास जाना है, क्या उन्हें शर्म नहीं आती

चेन्नई19 मिनट पहले

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कांग्रेस नेता शिवगंगा बसवराज चन्नागिरी से विधायक हैं। - Dainik Bhaskar

कांग्रेस नेता शिवगंगा बसवराज चन्नागिरी से विधायक हैं।

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक शिवगंगा बसवराज ने एक महिला अधिकारी पर विवादित कमेंट कर दिया। विधायक राज्य में डेवलेपमेंट प्रोग्राम से जुड़ी एक रिव्यू मीटिंग ले रहे थे। जिसमें वन रेंज अधिकारी श्वेता शामिल नहीं हुईं।

फिर विधायक ने मीटिंग में सभी के सामने कहा कि “अगर वे (अधिकारी) प्रेग्नेंट हैं, तो उन्हें छुट्टी ले लेनी चाहिए। उन्हें काम करने की क्या जरूरत है? वह पैसा कमाना चाहती हैं, लेकिन जब उन्हें बैठकों के लिए बुलाया जाता है, तो वह छुट्टी ले लेती हैं। क्या उन्हें शर्म नहीं आती।

6 दिन पहले कर्नाटक सरकार ने पीरियड लीव पॉलिसी मंजूर की कर्नाटक सरकार ने 9 अक्टूबर को पीरियड लीव पॉलिसी 2025 अप्रूव कर दी है। इससे सरकारी दफ्तर, प्राइवेट कंपनीज और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में काम करने वाली महिलाओं को हर महीने 1 पेड मेंस्ट्रुअल लीव यानी सालभर में 12 छुट्टियां मिलेंगी।

चीफ मिनिस्टर सिद्धारम्मैय्या की कैबिनेट मीटिंग में इस पॉलिसी पर चर्चा की गई थी।

एक साल से चल रहा था काम

कर्नाटक के लेबर मिनिस्टर संतोष लाड ने कहा, ‘विभाग पिछले एक साल से इसपर काम कर रहा था। इसे लेकर कई लोगों ने अपने आपत्ति भी दर्ज कराई। हमने अलग-अलग विभागों से भी बात की।

महिलाएं बहुत स्ट्रेस में होती हैं, खासतौर पर वो जो दिन में 10 से 12 घंटे तक काम करती हैं। इसलिए हम थोड़ा प्रगतिशील होते हुए एक दिन की छुट्टी उन्हें देना चाहते थे। अब उनके पास महीने में एक दिन छुट्टी लेने की छूट होगी। हम उम्मीद करते हैं कि इसका गलत फायदा नहीं उठाया जाएगा। अगर कुछ जरूरत लगी तो आने वाले समय में हम और नियम इसमें जोड़ेंगे।’

60 लाख महिलाओं को होगा फायदा

लेबर डिपार्टमेंट के अनुसार राज्य में करीब 60 लाख कामकाजी महिलाएं हैं। इनमें से 25 से 30 लाख महिलाएं कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करती हैं। विभाग सभी एम्प्लॉयर्स के साथ एक बार मीटिंग करके उन्हें इस नए नियम को लेकर अवेयर करेगा।

पॉलिसी के अप्रूव होने से पहले 18 सदस्यों की एक कमेटी ने कुछ सुझाव दिए थे। इसमें पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव, उनकी मुश्किलें और ऐसे समय में उनके शरीर को आराम की जरूरत का उल्लेख किया गया था।

इस कमेटी को क्राइस्ट यूनिवर्सिटी की लॉ डिपार्टमेंट की चीफ सपना एस लीड कर रही थीं। इसके बाद सरकार ने इसके फायदे-नुकसान को जाना। अलग-अलग विभागों और ऑर्गेनाइजेशन्स से इसपर सुझाव लिया। महिला प्रधान उद्योग जैसे कपड़ा उद्योग पर पड़ने वाले असर को भी समझा।

बिहार, ओडिशा में पहले से लागू

इसी के साथ कर्नाटक देश के उन कुछ राज्यों का हिस्सा बन गया है जहां महिलाओं को पीरियड लीव दी जाती है। बिहार में महिलाओं को हर महीने दो पीरियड लीव मिलती हैं। हाल ही में ओडिशा में सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं के लिए 1 पीरियड लीव देने की घोषणा की गई थी।

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