11 साल पहले लापता हुई बेटी अपनी मां से मिलते हुए।
हरियाणा की स्टेट क्राइम ब्रांच एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट ने 11 साल से लापता बच्ची को उसके परिवार से मिलवाया है। बच्ची 6 साल की उम्र में दिल्ली के नरेला से लापता हुई थी, उस समय परिवार दिल्ली में ही रहता था।
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परिवार ने अपनी बच्ची को ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद परिवार करनाल आ गया था। क्राइम ब्रांच ने बच्ची परिवार को सौंपी तो परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। बच्ची अपने परिवार से मिलकर भावुक हो गई। पूरा परिवार आज क्राइम ब्रांच का आभार जताया रहा है।
सारी उम्मीद खो चुकी थी मां
बच्ची की मां ने बताया कि उसकी बच्ची 28 अप्रैल 2013 को नरेला से अपने 8 साल के भाई के साथ खेलते हुए लापता हो गई थी। बच्ची उस वक्त छह साल की थी। दोनों बच्चों को ढूंढा, लेकिन नहीं मिले। पुलिस को भी शिकायत दी गई थी। हम दिल्ली से करनाल शिफ्ट हो गए थे। हम सारी उम्मीद खो चुके थे कि बच्ची कभी मिल भी पाएगी, लेकिन कहीं न कहीं एक छोटी सी आस जरूर थी कि बेटी हमें मिलेगी। एएसआई राजेश कुमार ने बच्ची को ढूंढा। इनका किन शब्दों में धन्यवाद करूं।

बेटी को मां ने लगाया गले।
बाल ग्राम आश्रम में रही बच्ची
बच्ची ने बताया कि उसे कोई बाल ग्राम आश्रम सोनीपत में छोड़ गया था। वह काफी छोटी थी और सिर्फ अपना, अपने पिता व अपने दादा का नाम ही जानती थी। आश्रम में ही मेरा पालन पोषण हुआ। मुझे कभी नहीं उम्मीद थी कि मैं अपने परिवार से मिल भी पाऊंगी। वहीं बच्ची की नानी का कहना है कि मेरी जिंदगी भी एएसआई राजेश को लग जाए।

बेटा चार साल बाद मिला और बेटी 11 साल बाद
एएसआई राजेश ने बताया कि जिस दिन बच्ची लापता हुई थी, वह उसी दिन कुंडली बॉर्डर पर पुलिस को मिल गई थी। बच्ची छोटी थी, इसलिए कुछ ढंग से नहीं बता पाई थी। इसलिए पुलिस ने उसे सोनीपत के राई में स्थिति सीसीआई में छोड़ दिया था। जहां पर बच्ची पढ़ी और अब 10वीं के एग्जाम देगी। वहीं इसका बड़ा भाई भी 8 साल की उम्र में लापता हो गया था, लेकिन वह चार साल बाद खुद ही घर पहुंच गया था।