Kapoor Family Success Story; Prithviraj – Raj Kapoor | Ranbir Kapoor Kareena | शोमैन राजकपूर के 100 साल: कपूर कुनबा 1100 से ज्यादा फिल्मों में दिखा; बहू-बेटियों को एक्टिंग की मनाही थी, मजबूरी में बेचा RK स्टूडियो

मुंबई5 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी और अभिनव त्रिपाठी

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पिछले 9 दशक से कपूर परिवार का हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर दबदबा कायम है। राज कपूर ने सही मायनों में इस कुनबे को आगे बढ़ाया। - Dainik Bhaskar

पिछले 9 दशक से कपूर परिवार का हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर दबदबा कायम है। राज कपूर ने सही मायनों में इस कुनबे को आगे बढ़ाया।

हमारी खास सीरीज ‘शो मैन के 100 साल’ के पिछले दोनों एपिसोड में आपने राज कपूर के बचपन और उनके फिल्मी सफरनामे को पढ़ा।

सीरीज के अंतिम एपिसोड में बात कपूर फैमिली की लीगेसी की। यह दो चैप्टर में है, पहले चैप्टर में अचीवमेंट और दूसरे चैप्टर में कपूर फैमिली से जुड़े विवाद।

चैप्टर-1:- कपूर फैमिली की अचीवमेंट कपूर फैमिली की चार पीढ़ियों से कोई न कोई स्टार जरूर निकला है। पृथ्वीराज कपूर इस फैमिली के सबसे पहले स्टार थे। पृथ्वीराज के 6 बच्चों में राज कपूर ने फैमिली की लीगेसी को आगे बढ़ाया। तीसरी पीढ़ी में राज कपूर के मंझले बेटे ऋषि कपूर सबसे बड़े स्टार के रूप में उभरे।

चौथी जेनरेशन में रणधीर कपूर की दोनों बेटियां करिश्मा और करीना टॉप की एक्ट्रेसेस में शुमार हुईं। इसी जेनरेशन के ही रणबीर कपूर की गिनती आज बेस्ट एक्टर्स में होती है।

पहली जेनरेशन से चौथी जेनरेशन तक टोटल 37 लोगों की इस फैमिली से 19 लोग फिल्मों में आए। जिनमें से 18 लोगों ने 1171 फिल्मों में बतौर एक्टर काम किया। वहीं, 19 लोगों ने 23 फिल्मों में डायरेक्टर, 47 फिल्मों में प्रोड्यूसर और 21 फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया।

इस परिवार ने टोटल 3 पद्म पुरस्कार, 9 नेशनल अवॉर्ड और 3 दादा साहब फाल्के अवॉर्ड अपने नाम किए हैं।

  • पृथ्वीराज कपूर- पद्म भूषण (1969) और दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, मरणोपरांत (1972)
  • राज कपूर- 3 नेशनल अवॉर्ड, पद्म भूषण (1971) और दादा साहब फाल्के अवॉर्ड (1987)
  • शशि कपूर- 3 नेशनल अवॉर्ड, पद्म भूषण (2011) और दादा साहब फाल्के पुरस्कार (2015)
  • ऋषि कपूर- नेशनल अवॉर्ड (बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट) फिल्म- मेरा नाम जोकर
  • करिश्मा कपूर- नेशनल अवॉर्ड (बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस) फिल्म- दिल तो पागल है
  • आलिया भट्ट कपूर- नेशनल अवॉर्ड (बेस्ट एक्ट्रेस) फिल्म- गंगूबाई काठियावाड़ी

शादी से पहले कपूर परिवार की बहुओं का भी फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा-खासा नाम रहा। हालांकि, शादी के बाद कइयों ने एक्टिंग छोड़ दी थी। फिलहाल, रणबीर कपूर की पत्नी आलिया भट्ट शादी के बाद भी सक्सेसफुली करियर आगे बढ़ा रही हैं।

कपूर परिवार की विरासत का स्मारक- आरके स्टूडियो राज कपूर की विरासत का एक बहुत बड़ा स्मारक मुंबई के चेंबूर स्थित आरके स्टूडियो था। इसके बैनर तले राज कपूर ने 21 फिल्में बनाईं। आरके स्टूडियो के अंदर हर साल होने वाले होली और गणपति सेलिब्रेशन की चर्चा होती थी। चूंकि राज कपूर ने इस स्टूडियो का निर्माण किया था, इसलिए उनके बाद इस पर उनके बेटों रणधीर, ऋषि और राजीव का मालिकाना हक हुआ।

बड़े होने के नाते रणधीर कपूर ने स्टूडियो के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभाली। 2017 में वहां आग लग गई। सब कुछ जलकर राख हो गया। कॉस्ट्यूम्स से लेकर तकनीकी उपकरण और फोटोज भी जल गए।

आखिरकार राज कपूर के तीनों बेटों रणधीर, ऋषि और राजीव ने आपसी सहमति से इसे बेचने का फैसला कर लिया।

आरके स्टूडियो का निर्माण राज कपूर ने 1948 में किया था।

आरके स्टूडियो का निर्माण राज कपूर ने 1948 में किया था।

मजबूरी में बेचना पड़ा आरके स्टूडियो रणधीर ने BBC हिंदी को दिए इंटरव्यू में स्टूडियो बेचने की वजह भी बताई थी। उन्होंने कहा था, ‘हम आरके स्टूडियो को रेनोवेट करना चाहते थे, लेकिन एक बात खटक रही थी। दरअसल, वहां अब शूटिंग के लिए कोई नहीं जाता।

लगभग सारी शूटिंग्स फिल्म सिटी में हो जाती हैं। अगर हम स्टूडियो दोबारा बना भी लेते, तो क्या भरोसा कि वहां कोई आता भी। ऊपर से मेंटेनेंस में काफी पैसे लगते। आखिरकार मां कृष्णा राज की परमिशन लेकर हमने दुखी मन से इसे बेचने का फैसला किया।’

फिलहाल कपूर फैमिली में रणधीर ही सबसे सीनियर सदस्य हैं। उनके दोनों छोटे भाई ऋषि कपूर और राजीव इस दुनिया में नहीं हैं।

चैप्टर-2:- कपूर फैमिली से जुड़े 5 विवाद 1- वैजयंतीमाला से राज कपूर का अफेयर, पत्नी कृष्णा ने गुस्से में घर छोड़ा राज कपूर और वैजयंतीमाला ने फिल्म ‘संगम’ (1964) में काम किया था। शूटिंग के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। राज कपूर पहले से शादीशुदा थे।

जाहिर सी बात यह कि पति राज को दूसरी महिला के साथ देखकर कृष्णा पूरी तरह टूट गईं। उन्होंने बच्चों सहित घर छोड़ दिया। वे मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित नटराज होटल में रहने चली गईं।

कुछ दिन वहां रुकीं, फिर मुंबई में ही अपने दूसरे घर में शिफ्ट हो गईं। कृष्णा तब तक घर नहीं आईं जब तक राज कपूर ने वैजयंतीमाला के साथ अपना रिश्ता खत्म नहीं कर लिया ।

वैजयंतीमाला 50-60 के दशक की बेहतरीन एक्ट्रेस थीं। उन्हें 5 फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया है।

वैजयंतीमाला 50-60 के दशक की बेहतरीन एक्ट्रेस थीं। उन्हें 5 फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया है।

2- वैजयंतीमाला ने अफेयर को नकारा, राज कपूर को बताया पब्लिसिटी का भूखा वैजयंतीमाला ने आगे चलकर राज कपूर के साथ अफेयर की खबरों को खारिज किया था। उन्होंने अपनी बायोग्राफी में लिखा कि राज कपूर ने सिर्फ पब्लिसिटी के लिए अफेयर की बात को मैन्युफैक्चर किया था।

ऋषि कपूर ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा था, ‘वे अफेयर की खबरों को नकार कैसे सकती हैं। उन्हें ऐसा कहने का कोई अधिकार नहीं है। वे उस आदमी (राज कपूर) के बारे में गलत बात कर रही हैं, जो अपना पक्ष रखने के लिए इस दुनिया में ही नहीं है। अगर आज पापा जिंदा होते तो वे (वैजयंतीमाला) खुले तौर पर उन्हें पब्लिसिटी का भूखा नहीं कह पातीं।’

3- बहू-बेटियों के लिए कपूर खानदान की शर्त राज कपूर के बाद उनके तीनों बेटों रणधीर, ऋषि और राजीव ने फिल्मी विरासत को आगे बढ़ाया। तीन बेटों के अलावा राज कपूर की दो बेटियां (ऋतु और रीमा) भी हुईं। वे फिल्मों में नहीं आईं। दरअसल, कपूर परिवार में सख्त नियम था कि बहू-बेटी एक्टिंग में नहीं आएंगी।

राज कपूर की बड़ी बहू बबीता के पिता एक्टर हुआ करते थे। जब बबीता फिल्मों में आईं तो उन्हें भी खूब कामयाबी मिली। ‘एक हसीना दो दीवाने’, ‘पहचान’, ‘डोली’ जैसी फिल्मों में आ चुकीं बबीता ने रणधीर से शादी करने के बाद एक्टिंग छोड़ दी।

ठीक इसी तरह, अपने वक्त की टॉप एक्ट्रेस नीतू सिंह ने ऋषि कपूर से शादी के बाद फिल्मों से दूरी बना ली थी। हालांकि नीतू का कहना था कि उन्होंने फिल्में किसी परंपरा के लिए बल्कि अपने लिए छोड़ी थीं। 29 साल बाद नीतू ने पति ऋषि के साथ फिल्म ‘लव आज कल’ से कम बैक किया।

शम्मी कपूर की पहली पत्नी गीता बाली खानदान की पहली बहू थीं, जो शादी के बाद भी फिल्मों में काम करती रहीं। शादी के बाद गीता ने 8 फिल्मों में काम किया था।

सही मायनों में राज कपूर की पोती और रणधीर कपूर की बड़ी बेटी करिश्मा ने इस तिलिस्म को तोड़ा।

उन्होंने 1991 में सिर्फ 16 साल की उम्र में फिल्मों में डेब्यू कर लिया। उनके पिता रणधीर इस फैसले के खिलाफ थे। हालांकि, करिश्मा को अपनी मां बबीता का सपोर्ट मिला। कहा जाता है कि करिश्मा के फिल्म जॉइन करने को लेकर रणधीर और बबीता में ठन गई। दोनों के बीच विवाद हुआ, जिससे अलगाव की स्थिति भी आ गई।

आगे चलकर रणधीर ने खुद माना है कि वे अपनी बेटियों के लिए अच्छे पिता साबित नहीं हो सके। रणधीर ने कहा कि उन्हें अपनी दोनों बेटियां (करिश्मा और करीना) पर गर्व है। उन्होंने बिना किसी सपोर्ट के इंडस्ट्री में आला मुकाम हासिल किया है।

करीना (बाएं) के दादा राज कपूर ने उनका नाम 'सिद्दीमा' रखा था, लेकिन मां बबीता ने प्रेग्नेंसी के दौरान पढ़ी एक बुक एना कैरेनीना से प्रेरित होकर उनका नाम करीना रख दिया।

करीना (बाएं) के दादा राज कपूर ने उनका नाम ‘सिद्दीमा’ रखा था, लेकिन मां बबीता ने प्रेग्नेंसी के दौरान पढ़ी एक बुक एना कैरेनीना से प्रेरित होकर उनका नाम करीना रख दिया।

4- बेटी रिद्धिमा फिल्मों में आतीं, तो सुसाइड कर लेते ऋषि राज कपूर के छोटे बेटे ऋषि कपूर ने भी अपनी बेटी रिद्धिमा को फिल्मों में नहीं आने दिया। इस बात का खुलासा उनकी पत्नी नीतू कपूर ने ऋषि की ऑटोबायोग्राफी ‘खुल्लम-खुल्ला’ में किया था। नीतू का कहना था कि अगर उनकी बेटी इंडस्ट्री में आती तो शायद कई एक्ट्रेसेस को पीछे छोड़ देती।

लेकिन वह अपने पापा को दुखी नहीं करना चाहती थी। वह जानती थी कि अगर उसने एक्टिंग की बात भी की तो ऋषि सुसाइड कर लेंगे। ऐसा नहीं है कि वे रुढ़िवादी थे, वे बस अपनी बच्ची को लेकर एक्स्ट्रा प्रोटेक्टिव थे।

रिद्धिमा ने अपने पिता की इच्छा का सम्मान किया और फैशन डिजाइनिंग में करियर बनाया। पिता के निधन के 4 साल बाद रिद्धिमा ने ‘बॉलीवुड वाइव्स’ शो से स्क्रीन पर डेब्यू किया है।

मां नीतू कपूर (बीच में) के साथ रणबीर और रिद्धिमा। रणबीर और रिद्धिमा अपने दादा राज कपूर के काफी क्लोज थे। वे दोनों हर वीकेंड दादा से मिलने उनके चेंबूर वाले बंगले पर जाते थे।

मां नीतू कपूर (बीच में) के साथ रणबीर और रिद्धिमा। रणबीर और रिद्धिमा अपने दादा राज कपूर के काफी क्लोज थे। वे दोनों हर वीकेंड दादा से मिलने उनके चेंबूर वाले बंगले पर जाते थे।

5- पिता से नाराज हो गए थे राजीव राज कपूर के तीनों बेटों में सबसे छोटा करियर राजीव का रहा। उनके करियर को संवारने के लिए राज कपूर ने फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ जरूर बनाई, लेकिन चर्चा राजीव से ज्यादा फिल्म की एक्ट्रेस मंदाकिनी की हुई।

लहरें रेट्रो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘राम तेरी गंगा मैली’ की रिलीज के बाद राजीव पिता से नाराज हो गए। राजीव की सोच थी कि उन्हें जिस तरह से प्रोजेक्ट करना चाहिए था, वैसा नहीं किया गया। लीड एक्टर होने के बावजूद उनके रोल की चर्चा नहीं हुई।

राजीव के बारे में उनके बड़े भाई ऋषि कपूर ने लिखा था, ‘तीनों भाइयों में चिम्पू यानी राजीव सबसे टैलेंटेड था। उसे म्यूजिक का अच्छा सेंस था। बिना सीखे गजब का पियानो बजाता था। मुझे दुख है कि वह अपनी काबिलियत समझ नहीं सका। अगर उसने अपना पोटेंशियल समझा होता तो बहुत आगे जाता।’

25 अगस्त 1962 को जन्मे राजीव कपूर ने बहुत ही कम फिल्मों में काम किया है।

25 अगस्त 1962 को जन्मे राजीव कपूर ने बहुत ही कम फिल्मों में काम किया है।

सोर्स- एपिसोड के किस्से ऋषि कपूर की बायोग्राफी ‘खुल्लम खुल्ला’, बीबीसी हिंदी और लहरें रेट्रो से लिए गए हैं। आंकड़ें IMDB से लिए गए हैं।

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