सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में विधान परिषद की समिति ने की समीक्षा बैठक।
केस्को के अफसरों ने शहर की जनता को परेशान कर दिया है। काम अच्छा कर रहे हैं लेकिन जमीन खोदकर डाल दी। केस्को से कौन आया खड़े हो ? अधिक्षण अभियंता प्रवेश कुमार खड़े हुए? एमएलसी सलिश विश्नोई ने कहा आप लोगों ने केबिल डालने के लिए जमीन खोद दी, नगर निगम उसे
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यह बात सुनकर अधीक्षण अभियंता बोले नगर निगम की जिम्मेदारी उनसे बात की जा रही है जल्द खड्डे भरे जाएंगे। एमएलसी बोले, कई महीनों से बिल सही नहीं कर पा रहें हैं।
खराब मीटर बदले में महीनों लगा रहे हैं? जनता की शिकायतें लंबित पड़ी हैं, परेशान होकर हम लोगों के पास आ रहे हैं? ऐसे कैसे चलेगा? उन्होंने कहा 15 दिन में अगर समस्याएं दूर नहीं हुईं तो जिम्मेदारों के खिलाफ शासन को पत्र लिखा जाएगा।

बैठक में एमएलसी व सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
विधान परिषद की बैठक ने की समीक्षा उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति के पांच सदस्यों ने सोमवार को सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज जिले के अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में उन शिकायतों पर जवाब-तलब किया गया जो जिले स्तर के अधिकारियों ने सही से निस्तारित नहीं की जिसके बाद विधान परिषद के समक्ष पहुंची थी।
कानपुर देहात के नहीं पहुंचे डीएम- सीडीओ कानपुर नगर के बाद कन्नौज जिले के प्रकरणों की समीक्षा की थी। इसके बाद कानपुर देहात की समीक्षा करने की बारी आयी। समिति ने पूछा कि कौन आया तो पता चला कि डीएम- सीडीओ कोई नहीं आया।
एडीएम एफआर आए और अन्य सभी अफसर आए। यह सुनकर समिति के सदस्य नाराज हो गए। उन्होनें कहा इस जिले की समीक्षा नहीं होगी। अब लखनऊ में प्रमुख सचिव के सामने ही समीक्षा होगी। उन्होंने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सभी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।
शिक्षा विभाग से जुड़े मामले ज्यादा बैठक के दौरान नगर निगम, बेसिक शिक्षा विभा, सीएसए, एचबीटीयू, लघु उद्योग, सिंचाई, श्रम विभाग, आईटीआई, हथकरधा एवं वृद्धा, विधवा, किसान सम्मान निधि, नक्शा, मृतक आश्रितों की शिकायतों का बारी-बारी से संबंधित अधिकारियों से पूछा गया और उसका जल्द निराकरण के निर्देश दिए गए।
जिले में सबसे ज्यादा मामले शिक्षा विभाग से जुड़े थे। जिसमें वेतन भुगतान, सेवानिवृत्त के बाद पेंशन न मिलना, एलटी ग्रेड में सविलीन किए जाने संबंधित प्रकरण थे। बैठक में सदस्य ऋषि पाल सिंह, समीक्षा अधिकारी शलभ दुबे, निजी सचिव विकास सिंह व अन्य जिलों के जिलाधिकारी, सीडीओ और एसपी उपस्थित रहे।

बैठक में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
2015 से 74 लाख का लटका रखा भुगतान वर्ष-2015 में मंडल के 119 प्राचीन तालाबों का जीर्णोद्धार करना था। इसके लिए करीब 74 लाख रुपये खर्च हुए थे। लेकिन सिंचाई विभाग ने भुगतान नहीं किया।
एमएलसी अरूण पाठक ने अधिषाशी अभियंता से पूछा नौ साल बाद भी भुगतान क्यों लंबित है? इस पर वो गोलमोल जवाब देंने लगे। समिति ने कहा एक सप्ताह में इसका रास्ता निकाले और भुगतान करें।