Kangra dehra Former MLA Hoshiyaar Singh dharna DFO office roman Bhakal | कांगड़ा में DFO ऑफिस में धरने पर बैठे पूर्व विधायक: वन भूमि पर कब्जे के नोटिस पर हंगामा, CM के दबाव में काम करने का आरोप – Dehra News

पूर्व विधायक होशियार सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ डीएफओ ऑफिस पहुंचे।

कांगड़ा में वन भूमि पर कब्जे के आरोप में जारी नोटिस को लेकर शुक्रवार को डीएफओ देहरा कार्यालय में हंगामा हो गया। पूर्व विधायक होशियार सिंह अपने समर्थकों के साथ डीएफओ सन्नी वर्मा के दफ्तर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उन्होंने डीएफओ पर मुख्यमंत्री सुखविंदर

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दरअसल, यह पूरा मामला बीजेपी हरिपुर मंडल अध्यक्ष रोमन भक्कल को वन विभाग द्वारा जारी नोटिस से जुड़ा है। कुछ दिन पहले वन विभाग ने भक्कल को वन भूमि पर अवैध कब्जे के आरोप में नोटिस जारी किया था।

डीएफओ ऑफिस में की नारेबाजी

इसी कार्रवाई के विरोध में पूर्व विधायक होशियार सिंह के साथ बीजेपी जिला अध्यक्ष अजय खट्टा, मंडल ढलियारा अध्यक्ष अविनाश धीमान और अन्य कार्यकर्ता डीएफओ कार्यालय पहुंचे। उस समय डीएफओ सन्नी वर्मा अपने कार्यालय में काम कर रहे थे, जहां बीजेपी नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी।

महिला के साथ भेदभाव का आरोप

पूर्व विधायक होशियार सिंह ने आरोप लगाया कि डीएफओ देहरा एक महिला के साथ भेदभाव और उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब ज्वालामुखी में 400 खैर के पेड़ अवैध रूप से काटे गए, तब विभाग चुप रहा, लेकिन राजनीतिक दबाव में एक महिला को निशाना बनाया जा रहा है।

रोमन भक्कल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्हें राजनीतिक रंजिश के तहत परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ झूठी शिकायतें की गई हैं, जिसके कारण यह नोटिस जारी किया गया है।

पूर्व विधायक होशियार सिंह समर्थकों के साथ डीएफओ ऑफिस पहुंचे।

पूर्व विधायक होशियार सिंह समर्थकों के साथ डीएफओ ऑफिस पहुंचे।

सकरी की प्रधान रह चुकीं रोमन भक्कल

गौरतलब है कि रोमन भक्कल पहले ग्राम पंचायत सकरी की प्रधान रह चुकी हैं। उन्हें लगभग सात महीने पहले सरकारी भूमि पर कब्जे के आरोप में उपायुक्त कांगड़ा द्वारा पंचायती राज अधिनियम के तहत पद से अयोग्य घोषित किया गया था। इसके बाद उन्होंने बीजेपी जॉइन की और उन्हें हरिपुर मंडल अध्यक्ष बनाया गया।

डीएफओ से बात करते हुए पूर्व विधायक।

डीएफओ से बात करते हुए पूर्व विधायक।

डीएफओ सन्नी वर्मा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह नोटिस केवल कोर्ट प्रक्रिया का हिस्सा है, कोई बेदखली आदेश नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला डीसी कार्यालय से वापस आया था और अब दोबारा जांच चल रही है।

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