दुष्यंत चौटाला गुहला हलके में पार्टी प्रत्याशी के लिए प्रचार करने गए थे।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतरे पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को कैथल में भी जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। वे गुहला चीका में JJP प्रत्याशी कृष्ण कुमार बाजीगर के लिए वोट मांगने गए थे। गांव बलबेड़ा में किसानों ने गांव के बाहर ही
.
कैथल जिले के गुहला हलके में जजपा ने कृष्ण कुमार बाजीगर को अपना प्रत्याशी बनाया है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के मंगलवार को गुहला हलके में प्रोग्राम रखे गए थे। इस दौरान उनको दर्जन भर गांवों में जाना था। अपने प्रत्याशी की जीत की अपील भी लोगों से करनी थी। लेकिन दुष्यंत को गुहला हलके में विरोध का सामना करना पड़ा।
बलबेहड़ा गांव में गाड़ी को घेरे खड?े किसान नारेबाजी करते हुए। हालांकि दुष्यंत गाड़ी में था या नहीं दिखाई नहीं दिया। नारे दुष्यंत के खिलाफ लग रहे थे।
दुष्यंत चौटाला के विरोध को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुल 17 सेकेंड के एक वीडियो में किसान जेजेपी के झंडे वाली गाड़ी को घेरे खड़े हैं। वे दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और काले झंडे दिखा रहे हैं। गाड़ी में कंडक्टर साइड में बैठा व्यक्ति तो शीशा उतार कर बातचीत करता है, लेकिन गाड़ी का पीछे का शीशा नहीं उतारा जाता। गाड़ी में पीछे दुष्यंत है या कोई अन्य, लेकिन किसान नारेबाजी कर उस गाड़ी काे वापस लौटा देते हैं।
गांव हरिगढ़ किंगन में दुष्यंत को एक युवक ने आप बीती बताई और सरकार में रहते हुए उनकी खामियां गिना दी।
दुष्यंत चौटाला की एक दूसरी वीडियो भी सामने आयी है। ये गुहला हलके के गांव हरिगढ़ किंगन की बताई जा रही है। इसमें दुष्यंत चौटाला अपने वर्करों के साथ है। इसमें एक युवक उनकी क्लास ले रहा है और आपबीती बता रहा है। इस दौरान दुष्यंत चौटाला जवाब भी दे रहे हैं, कुछ हो हल्ला भी होता है। ये वीडियो 1:28 मिनट 28 सेकेंड का है।
बलबेहड़ा गांव में जमकर विरोध किया और किसानों ने गाड़ी को रोक कर नारेबाजी की।
इसी बीच किसानों को सूचना मिली कि दुष्यंत चौटाला बलबेहड़ा गांव में आ रहा है। किसान काले झंडे लेकर गांव के बाहर खड़े हो गए। किसानों ने जजपा की गाड़ी को रोक कर नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों ने कहा कि किसानों पर सरेआम गोलियां चलाई गई, उस समय आप सरकार का हिस्सा थे। इससे पहले जब किसान दिल्ली जा रहे थे, तब उनके रास्ते में लोहे की कीलें गाड़ दी थी, तब भी आप सरकार का हिस्सा थे। इन बातों को लेकर किसानों ने खूब खरी खोटी सुनाई।