Kaithal 97 cases of stubble burning came to light update | कैथल में पराली जलाने के 97 मामले आए सामने: किसानों पर लगाया गया 1.72 लाख का जुर्माना, दो साल तक MSP पर फसल भी नहीं बिकेगी – Kaithal News


पराली जलाने वाले किसानों को सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि अब जिला प्रशासन सख्त हो गया है। जिस खेत में पराली जलेगी, उस खेत की मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी जाएगी। इसके बाद किसान को उस रेड एंट्री वाले खेत की गेहूं हो या धान की फसल 2 स

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पराली का करें उचित प्रबंधन अब तक 97 लोकेशन पर पराली जलाने के मामले आए हैं, जिन पर किसानों को 1 लाख 72 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पराली जलाने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा प्रशासन द्वारा लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वह किसी भी स्थिति में पराली में आग न लगाएं, बल्कि सरकार द्वारा रियायती दरों पर उपलब्ध करवाए गए कृषि यंत्रों की मदद से पराली का उचित प्रबंधन करें।

आरोपी किसानों पर सख्त कार्रवाई के आदेश कृषि उप निदेशक बाबू लाल ने बताया कि किसान पराली को या तो खेत में ही नष्ट करके खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं या उनके गट्ठे बनवाकर खरीद केंद्रों पर बेचकर आमदनी ले सकते हैं। वहीं पराली जलाने वाले किसानों की मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री की जाएगी, जिससे भविष्य में वह किसान न तो अपनी धान की फसल बेच पाएंगे और न ही गेहूं की फसल बेच सकेंगे। किसानों को काफी रियायतें देने के बावजूद कुछ किसान पराली में आग लगने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिस कारण सुप्रीम कोर्ट तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आरोपी किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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