चेन्नई में 3 दिन पूर्व हैंडीक्राफ्ट की दुकान से लाखों रुपए नगदी चोरी करने वाले 2 चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चेन्नई और अजमेर पुलिस ने संयुक्त रूप से इस कार्रवाई को अंजाम दिया। दोनों उसी दुकान में नौकरी करते थे। आरोपियों को पुलिस ने अजमेर आ रह
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मांगलियावास थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 13 दिसंबर को फ्लोर बाजार चेन्नई राज्य तमिलनाडु में धनलक्ष्मी हैंडीक्राफ्ट की दुकान में चोरी हुई थी। दूसरे दिन दुकान मालिक निखिल गांधी जब सुबह दुकान खोलने पहुंचा तो दुकान की तिजोरी का ताला टूटा हुआ मिला।
दुकान मालिक द्वारा संबंधित पुलिस को इसकी सूचना दी गई। संबंधित थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी चेक किया तो दुकान में काम करने वाला लक्ष्मण और राजेंद्र ही तिजोरी का ताला तोड़कर नगद रकम बैग में चोरी कर भागते हुए देखे गए। पीड़ित मलिक के रिपोर्ट पर पुलिस थाना सी.1 फ्लोर बाजार चेन्नई पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी।
बस में पकड़े गए दोनों आरोपी
थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों संदिग्ध युवक अजमेर के रहने वाले हैं। चेन्नई पुलिस के द्वारा अजमेर पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी। चेन्नई पुलिस के इंस्पेक्टर पुष्प राज के नेतृत्व में टीम अजमेर पहुंच गई। एसपी वंदिता राणा के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व टोल पर मुखबिर को अलर्ट किया गया। इस बीच मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि एक बस मुंबई से अजमेर आ रही है, जिसमें कुछ संदिग्ध व्यक्ति बैठे हैं।
नाकाबंदी कर लामाना चौराहे पर ब्यावर से अजमेर आ रही बस को चेक किया तो दोनों संदिग्ध युवक बस में बैठे थे। जिनकी तलाशी ली तो उनके पास से 55 लाख 85 हजार रुपए नगदी मिले। टीम ने कार्रवाई करते हुए कालेसर निवासी लक्ष्मण चौधरी उर्फ लक्की (19) पुत्र रामदेव सहित राजेंद्र उर्फ राजू (24) पुत्र सुखदेव को गिरफ्तार किया गया। दोनों के पास से मिली नगदी को पुलिस ने जब्त कर लिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मंगलवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर चेन्नई पुलिस अपने साथ ले जाएगी। जहां उनसे अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।
दुकान बंद करते वक्त अंदर ही छुपा एक नौकर
थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में यह सामने आया कि राजेंद्र उर्फ राजू काफी समय से उसी दुकान पर काम कर रहा था। उसने कुछ महीने पहले ही लक्ष्मण को नौकरी पर लगवाया था। उसने दुकान मालिक को तिजोरी में नगदी डालते हुए देख लिया। इसके बाद लक्ष्मण ने राजेंद्र के साथ मिलकर प्लानिंग की थी।
13 दिसंबर को दुकान मंगल करते समय लक्ष्मण चोरी छिपे दुकान के अंदर छुप गया। बाद में तिजोरी का ताला तोड़कर नगदी को चोरी कर लिया। इसकी सूचना राजेंद्र को दी गई। राजेंद्र मौके पर पहुंचा और ताला तोड़कर दोनों साथी वहां से भाग निकले। बाद में पुलिस से बचते हुए अलग-अलग जगह से फरारी काटते हुए अजमेर में पकड़े गए।