मलेशिया से वापस लौटेंगे झारखंड के मजदूर
मलेशिया की राजधानी क्वालालांपुर में फंसे झारखंड के 52 मजदूरों और उनके परिजनों के लिए अच्छी खबर है। भारत सरकार ने इनकी वापसी की तैयारी शुरू कर दी है। कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके बाद सबको 11 से 20 दिसंबर तक वापस देश लाया जाएगा।
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यह जानकारी गिरिडीह सांसद ने दी है। उन्होंने सोशल मीडिया X लिखा- मजदूरों के फंसने के मामले को सोमवार को संसद में नियम 377 के तहत सभा पटल पर रखा था। भारत सरकार ने संसद में बताया है- सभी मजदूरों को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर स्थित भारतीय दूतावास में रखा गया है। कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके बाद तय तिथि पर इन मजदूरों को देश वापस लाया जाएगा।
हजारीबाग के सबसे अधिक 27 मजदूर
मलेशिया में फंसे राज्य के 52 मजदूरों में सबसे अधिक मजदूर हजारीबाग जिले के हैं। हजारीबाग जिले के टाटी झरिया के 16 और बिष्णुगढ़ के 11 मजदूर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त गिरिडीह जिले के बगोदर के 7, बोकारो के गोमिया के 18 हैं। इनके अलावा इनके साथ ओडिशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के मजदूर भी हैं। उनकी भी वापसी होगी।
एक साल पहले गए थे कमाने
दरअसल, झारखंड के ये मजदूर क्वालालांपुर में जुलाई 2023 में मास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन SDN BHD कंपनी में काम करने गए थे। शुरुआत में सब ठीक चल रहा था। सैलरी और सुविधाएं मिल रही थी। तीन महीना पहले कंपनी ने सैलरी देनी बंद कर दी। सारी सुविधाएं भी बंद कर दी गई। इसके बाद सब कंपनी के अंदर ही धरना पर बैठ गए। स्थिति बिगड़ी तो मजदूरों ने वीडियो बनाकर घरवालों को भेजा।
इसके बाद घर वालों को भारत सरकार और राज्य सरकार से वापस लाने का अनुरोध किया। फिर लोगों ने वहां के दूतावास से संपर्क किया। इसके बाद दूतावास ने सबको कंपनी से निकालकर दूतावास में शिफ्ट किया।
विदेश मंत्री को पत्र लिख वापसी का किया प्रयास
सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने अपने X अकाउंट पर एक चिट्ठी जारी करते हुए बताया- उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर और उनसे मिलकर इन मजदूरों की देश वापसी का प्रयास किया। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के अधिकारियों व केंद्र सरकार के आला अधिकारियों से संपर्क कर मजदूरों की वतन वापसी का रास्ता प्रशस्त कराया है।