Jaya Ekadashi is on 8th February, significance of ekadashi fast, how to do ekadashi fast, benefits of fasting | जया एकादशी 8 फरवरी को: एकादशी की सुबह भगवान के सामने लें व्रत-पूजा करने का संकल्प, शाम को तुलसी के पास जलाएं दीपक

3 घंटे पहले

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शनिवार, 8 फरवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, इसका नाम अजा, जया और भीष्म एकादशी है। ये व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि एकादशी व्रत से जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों का फल कम होता है। एक एकादशी व्रत से यज्ञ करने से जितना पुण्य मिलता है, उतना पुण्य मिलता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, एकादशी पर भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का विशेष अभिषेक और तुलसी की पूजा करनी चाहिए।

जानिए जया एकादशी व्रत और विष्णु पूजा की विधि…

  • जो लोग एकादशी व्रत करते हैं, वे एक दिन पहले यानी दशमी की शाम से व्रत के नियमों का पालन करते हैं। दशमी तिथि की शाम सात्विक खाना खाएं और ब्रह्मचर्य का पालन करें। शाम को भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को अधार्मिक कामों से बचना चाहिए, वर्ना एकादशी व्रत का पूरा पुण्य नहीं मिलता है।
  • एकादशी की सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा में भगवान विष्णु की पूजा करने का और एकादशी व्रत करने का संकल्प लें।
  • भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। जल, दूध, पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें। अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा। अभिषेक के बाद लक्ष्मी-विष्णु का हार-फूल और नए वस्त्रों से श्रृंगार करें।
  • धूप-दीप जलाएं। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। मौसमी फल अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम, भगवद गीता या विष्णु चालीसा का पाठ करें। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
  • पूजा के बाद पूरे दिन निराहार रहना चाहिए, भूखे रहना मुश्किल हो तो फलाहार कर सकते हैं। फलों का रस और दूध पी सकते हैं।
  • एकादशी की शाम को भी विष्णु-लक्ष्मी और तुलसी की पूजा करें, तुलसी के पास दीपक जलाएं। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठें। भगवान विष्णु की पूजा करें। जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें। इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें। इस तरह एकादशी व्रत पूरा होता है।

व्रत करने से पाचन तंत्र को मिलता है आराम

जब हम व्रत करते हैं, तो अन्न नहीं खाते हैं और अन्न नहीं खाते हैं तो हमारे पाचन तंत्र को खाना पचाने के काम से ब्रेक मिलता है। व्रत से गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं। जब हम हल्का और संतुलित आहार लेते हैं, तो ये चीजें हमारा पाचन तंत्र आसानी से पचा लेता है। व्रत के दौरान पर्याप्त पानी पीते रहना चाहिए और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती रहे, इसके लिए फलों का सेवन करना चाहिए।

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