Janmashtami 2024 Shubh Muhurat; Puja Vidhi Timing Mantras | Mathura Vrindavan Dwarka | श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आज: घर में पूजन कैसे करें, उज्जैन-मथुरा के ज्योतिषाचार्य से जानिए मंत्र, विधि और शुभ मुहूर्त

26 मिनट पहले

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आज (सोमवार, 26 अगस्त) श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में अष्टमी की रात श्रीकृष्ण प्रकट हुए थे। उस समय रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि का चंद्र था। आज रात भी रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि का चंद्र रहेगा। श्रीकृष्ण रात में अवतरित हुए, इस वजह से जन्माष्टमी रात में मनाने की परंपरा है।

इस साल श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, इस साल श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। द्वापर युग में श्रीकृष्ण के कारण ही कंस, जरासंध, कालयवन जैसे राक्षसों का वध हुआ। भगवान ने पांडवों की मदद करके अधर्मी कौरव वंश को खत्म करवाया।

शुभ मुहूर्त, जरूरी चीजें, पूजन-व्रत विधि और मंत्र

मुहूर्त - पं. मनीष शर्मा, ज्योतिषाचार्य (उज्जैन)

मुहूर्त – पं. मनीष शर्मा, ज्योतिषाचार्य (उज्जैन)

पूजन विधि - पं. अंकित गोस्वामी, बांके बिहारी मंदिर, मथुरा-वृंदावन; पं. प्रणव पुजारी, द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका

पूजन विधि – पं. अंकित गोस्वामी, बांके बिहारी मंदिर, मथुरा-वृंदावन; पं. प्रणव पुजारी, द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका

जन्माष्टमी से जुड़ी खास बातें

  • श्रीकृष्ण को पंचजीरी यानी पंजीरी का भोग भी लगाते हैं। पंजीरी काजू-बादाम, किशमिश, मखाने, अदरक, अजवाइन, सौंफ, धनिया, जीरा और चीनी जैसी चीजें मिलाकर बनाई जाती है। व्रत के बाद ये चीजें खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है, क्योंकि ये सभी चीजें स्वास्थ्य वर्धक हैं।
  • श्रीकृष्ण माखन चोरी की लीला करते थे। दरअसल, उस समय गोकुल के लोग अधर्मी कंस को कर के रूप में माखन दिया करते थे इसलिए गांव के बच्चों को माखन नहीं मिल पाता था। इस वजह से श्रीकृष्ण माखन चोरी करने की लीला करते और अपने सखाओं को खिलाते थे। गांवों के कर से कंस की ताकत बढ़ रही थी, श्रीकृष्ण ने कंस को कर देने की प्रथा बंद करवा दी थी। श्रीकृष्ण ने संदेश दिया है अधर्मियों की ताकत नहीं बढ़ानी चाहिए और जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।
  • जन्माष्टमी पर दिनभर व्रत रखने की परंपरा है ताकि भक्त पूरी एकाग्रता से पूजा-पाठ कर सकें। जब हम निराहार रहते हैं तो आलस नहीं आता है और हमारा मन व्यर्थ बातों में भटकता नहीं है। व्रत रखने से हमारे पाचन तंत्र को भी आराम मिलता है।
  • श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर रखें। तुलसी विष्णु प्रिया है, इसलिए इसके बिना भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं।
  • सोमवार और जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ भगवान शिव का भी अभिषेक करना चाहिए। तांबे के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा, अंजीर के फूल और गुलाब से शिवलिंग का श्रृंगार करें। चंदन का लेप लगाकर धूप-दीप जलाएं। इसके बाद मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें और ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।
  • गाय माता को भगवान कृष्ण की प्रिय माना जाता है, इसलिए भगवान कृष्ण की पूजा के बाद गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गाय को हरी घास खिलाएं।

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