जालंधर वेस्ट हलके से विधायक मोहिंदर भगत।
पंजाब के जालंधर वेस्ट हलके से उप चुनाव में इलेक्शन जीतने वाले AAP विधायक मोहिंदर भगत को आज मंत्री बनाया जाएगा। उन्हें स्पोर्ट्स मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। वहीं, जालंधर के करतारपुर से आप विधायक बलकार सिंह ने कल ही मंत्री बद से इस्तीफा दे दिया था। ज
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सूत्रो के अनुसार भगत को कल कॉल आ गया था। भगत का ज्यादातर एरिया ऐसा है, जहां पर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से जुड़े पंजाब के सबसे बड़े कारोबारी बैठे हैं। ऐसे में आशंका है कि उन्हें स्पोर्ट्स मंत्री बनाया जाएगा। इससे पहले स्पोर्ट्स मंत्री मीन हेयर थे, जिन्होंने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
भगत को मंत्री बनाने के लिए CM मान ने किया था वादा
जालंधर उप चुनाव के वक्त CM भगवंत मान ने भी वादा किया था कि जालंधर वेस्ट वाले CM मोहिंदर भगत को एक सीढ़ी चढ़ा दें, दूसरी सीढ़ी वह खुद चढ़ा देंगे। यहां सीएम मान के कहने का मकसद मोहिंदर भगत को मंत्री बनाने से जोड़ा गया। जालंधर अर्बन से आप सरकार में फिलहाल कोई मंत्री नहीं है। हालांकि जालंधर जिले की करतारपुर सीट से विधायक बलकार सिंह जरूर सरकार में मंत्री हैं।
पिता चुन्नी लाल भगत भी मंत्री रह चुके
मोहिंदर भगत के पिता चुन्नी लाल भगत भी मंत्री रह चुके हैं। वह अकाली-भाजपा की गठबंधन सरकार में भाजपा के कोटे से मंत्री बने थे। हालांकि अब वह एक्टिव पॉलिटिशियन नहीं है। मोहिंदर भगत ने लोकसभा चुनाव के वक्त आप ज्वाइन की थी। इसके बाद उन्हें उप चुनाव में जालंधर वेस्ट से टिकट दी गई। पूर्व मंत्री भगत ने कहा था कि अब उनका भाजपा या किसी दूसरी पार्टी से संबंध नहीं है। वह राजनीति छोड़ चुके हैं।
एकतरफा जीत की यही बड़ी वजह भी
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP को एकतरफा जीत मिली। शनिवार को उप चुनाव की मतगणना में AAP के मोहिंदर भगत यहां से 37,325 वोटों से जीते। उन्हें 55,246 वोट मिले। इसके उलट उनके खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा, कांग्रेस, अकाली दल और निर्दलीय समेत 15 उम्मीदवारों के वोट जोड़ दें तो भी उन्हें कुल 39,363 वोट पड़े।
ऐसे बनी थी उप चुनाव की स्थिति
जालंधर वेस्ट सीट पर उप चुनाव की स्थिति उस समय बनी थी, जब AAP के ही विधायक शीतल अंगुराल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तब उनका इस्तीफा विधानसभा स्पीकर की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था।
इसके बाद जैसे ही लोकसभा चुनाव संपन्न हुए तो विधानसभा स्पीकर से मिले थे। साथ ही उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की मांग की थी। उनका कहना था कि वह नहीं चाहते है कि दोबारा चुनाव की प्रक्रिया हो। हालांकि इसके बाद स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। साथ ही निर्वाचन आयोग की तरफ से इस सीट पर चुनाव की घोषणा कर दी गई थी।