देर रात हुई घटना के बाद मारे गए मरीज को मॉर्च्युरी में लेकर जाते हुए।
पंजाब में जालंधर के सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात उस वक्त अफरा तफरी मच गई, जब ऑक्सीजन प्लांट से 35 मिनट के लिए सप्लाई बाधित होने से ICU में भर्ती 3 मरीजों की मौत हो गई। कुल पांच मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से नुकसान हुआ था, जिनमे
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इस घटना के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया और परिजनों ने भारी विरोध किया। यह मामला रात करीब 9 बजे का है। सूचना मिलने पर देर रात करीब सवा एक बजे सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने इस फॉल्ट को लेकर बंद कमरे में डॉक्टरों के साथ मीटिंग की। साथ ही देर रात डीसी हिमांशु अग्रवाल भी मौके पर पहुंच गए थे।
मृतकों की पहचान अर्चना (15), अवतार लाल (32) और राजू (30) के रूप में हुई है। अर्चना को 17 जुलाई को सर्प दंश के बाद भर्ती कराया गया था, अवतार लाल को 27 जुलाई को नशे की ओवरडोज के कारण भर्ती कराया गया था और राजू को 24 जुलाई को टीबी के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।

अस्पताल में इकट्ठा हुए मृतकों के परिजन।
35 मिनट के लिए बंद रही सप्लाई जानकारी के अनुसार, रविवार रात करीब साढ़े 8 बजे ICU में ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई बंद हुई थी। इसके बाद ही डॉक्टरों और टेक्नीशियनों को पता चल गया था। ऑक्सीजन प्लांट की गड़बड़ी के बारे में पता करने और उसे ठीक करने में उन्हें करीब 35 मिनट लग गए। इतने ही समय में 3 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके बारे में करीब साढ़े 9 बजे परिजनों को पता चला तो उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया।
डॉक्टर बोले- मामले में 9 मेंबर की जांच कमेटी बनाई देर रात सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एमएस डॉ. राज कुमार ने कहा- मरने वाले 3 मरीज थे। मौत का कारण पता करने के लिए हमने 9 मेंबरी कमेटी गठित कर दी है। 2 दिन के अंदर कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मामले में जांच की जाएगी कि ये टेक्निकल फॉल्ट है या फिर हमारे किसी मुलाजिम की गलती है। मरने वाले सभी मरीज सीरियस थे।
डॉ. राज कुमार ने कहा- घटना में अगर किसी भी आधिकारिक स्तर पर कोई गलती पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। कमेटी में अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। जोकि अपने अपने तौर पर हर चीज की रिपोर्ट सौंपेंगे।

मामले की जानकारी देते हुए एमएस डॉक्टर राज कुमार।
DC बोले- कमेटी जांच कर रही, 72 घंटे में कारण पता चलेगा इस मामले में DC हिमांशु अग्रवाल ने कहा- इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है, जो 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जांच रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि मौतें ऑक्सीजन प्रेशर की कमी के कारण हुईं या फिर मरीज पहले से ही गंभीर स्थिति में थे, जिनका इलाज ICU में चल रहा था। कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच में किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर यह मामला किसी तकनीकी खराबी का हुआ, तो उसे सुधारने के पूरे प्रयास किए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
DC ने भरोसा दिलाया कि प्रशासन पूरी गंभीरता से इस मामले की निगरानी कर रहा है और किसी भी तरह की चूक को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।

सेहत मंत्री बलबीर सिंह मामले की जानकारी लेने मौके पर पहुंचे थे।
सेहत मंत्री बोले- तीनों मरीजों की हालत नाजुक थी, मामले की जांच होगी पंजाब के सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह देर रात करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक सिविल अस्पताल जालंधर में रहे और डॉक्टरों व मरीजों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने कहा- आईसीयू में दाखिल मरीजों की हालत काफी नाजुक थी। स्टाफ से पता लगा कि ऑक्सीजन के प्रेशर में दिक्कत आई थी, लेकिन एक से दो मिनट के गैप में ऑक्सीजन को शुरू कर दिया गया था।
सेहत मंत्री ने आगे कहा- मामले की गंभीरता को देखते हुए एक स्वतंत्र जांच टीम गठित की जा रही है, जिसकी अगुआई डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे। यह टीम सोमवार सुबह जालंधर पहुंचेगी और बिना किसी हस्तक्षेप के पूरे घटनाक्रम की स्वतंत्र जांच करेगी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सीधे मुझे सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. बलबीर सिंह ने भरोसा दिलाया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

देर रात सिविल अस्पताल पहुंचे BJP के नेता।
पूर्व सांसद रिंकू बोले- लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई हो इस घटना के बारे में जब लोगों को पता चला तो तुरंत मौके पर सबसे पहले BJP के वरिष्ठ नेता पहुंचे थे और उन्होंने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। जालंधर के पूर्व सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार रिंकू ने कहा- अस्पताल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन और पंजाब सरकार की लापरवाही साफ है। इस मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए और मामले की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।