Jaishankar Says Relationship With China Not Good, Rules Out Any Role For Third Party In Mediation | जापान में जयशंकर बोले- चीन ने समझौतों का उल्लंघन किया: उससे हमारे रिश्ते खराब हैं, लेकिन तीसरे की दखल मंजूर नहीं


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टोक्यो56 मिनट पहले

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विदेश मंत्री जयशंकर क्वाड की बैठक के लिए जापान की राजधानी टोक्यो में हैं। - Dainik Bhaskar

विदेश मंत्री जयशंकर क्वाड की बैठक के लिए जापान की राजधानी टोक्यो में हैं।

जापान के टोक्यो में क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की सोमवार काे बैठक हुई। बैठक से पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे नहीं चल रहे हैं। इसकी वजह 2020 में कोरोना के दौरान चीन-भारत सीमा पर सेना तैनाती है। जयशंकर ने कहा कि सेना की तैनाती कर चीन ने समझौतों का उल्लंघन किया है। यह मुद्दा अभी भी हल नहीं हुआ है, लेकिन किसी तीसरे की दखल मंजूर नहीं है।

जयशंकर बोले- चीन को अपना रवैया बदलना होगा
विदेश मंत्री ने कहा कि एक पड़ोसी के रूप में हम चीन के साथ बेहतर रिश्ते की उम्मीद करते हैं। लेकिन यह तभी हो सकता है, जब वे लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) का सम्मान करें। उन समझौतों का सम्मान करें जिन पर उन्होंने पहले हस्ताक्षर किए हैं। जब तक उनका रवैया नहीं बदलेगा, भारत के साथ संबंध नहीं सुधरने वाले।

25 जुलाई को चीन के विदेश मंत्री से मिले थे जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच 25 जुलाई को लाओस में अहम बैठक हुई। इसमें नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा हुई। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से LAC और पहले हो चुके समझौतों का सम्मान करने की बात कही। जयशंकर ने कहा कि संबंधों को स्थिर करना ही दोनों देशों के हित में है। उन्होंने वांग यी से भारत-चीन संबंधों को फिर से बहाल करने की राह में सीमा विवाद को मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा कि सीमा पर जैसे हालात होंगे वैसे ही हमारे रिश्तों में भी दिखेगा।

ये दोनों नेता इस महीने दूसरी बार मिले। इस दौरान दोनों नेताओं ने सीमा पर डिसइंगजमेंट यानी कि दोनों देशों की तरफ से सीमा पर सैनिकों की संख्या को कम करने को लेकर सख्त दिशा निर्देश देने पर सहमति जताई। जयशंकर और वांग यी इस महीने की शुरुआत में कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के मौके पर मिले थे।

जयशंकर-वांग यी की यह मुलाकात पूर्वी लद्दाख में पांच साल पहले से जारी सीमा विवाद के बीच हुई है।

जयशंकर-वांग यी की यह मुलाकात पूर्वी लद्दाख में पांच साल पहले से जारी सीमा विवाद के बीच हुई है।

भारत ने पहले भी कहा- सीमा पर शांति होगी तभी सही होंगे रिश्ते
विदेश मंत्री दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण आसियान से जुड़ी बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस पहुंचे हैं। एस. जयशंकर लाओस के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री सलीमक्से कोमासिथ के निमंत्रण पर लाओस का दौरा कर रहे हैं। यही पर गुरुवार को जयशंकर की मुलाकात चीनी विदेश मंत्री से हुई।

भारत और चीन के बीच मई 2020 से संबंध और खराब हो गए हैं। भारत पहले भी कह चुका है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि सीमा पर शांति न हो।

गलवान झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे
इसी साल मार्च में जापान की राजधानी टोक्यो में जयशंकर ने कहा था- 1975 से 2020 तक बॉर्डर पर शांति थी। 2020 (गलवान झड़प) में सब बदल गया। हम (भारत-चीन) कई मुद्दों पर सहमत नहीं हैं। जब पड़ोसी लिखित समझौतों का उल्लंघन करे तो ये चिंता की बात है। इससे दोनों के रिश्तों की स्थिरता पर सवाल खड़े होते हैं।

गलवान झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थेसाल 2020, अप्रैल-मई में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे।

हालात इतने खराब हो गए कि 4 दशक से ज्यादा वक्त बाद LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। गलवान झड़प में चीन के 38 सैनिक मारे जाने की बात कही गई थी। हालांकि चीन ने केवल 4 की मौत कबूली थी।

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