Jai Maharashtra slogans written on Karnataka bus | कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच बस सर्विस बंद: KRTC के कंडक्टर से मराठी नहीं बोलने पर मारपीट हुई थी; पुणे में कर्नाटक की बस पर लिखा- जय महाराष्ट्र

बेंगलुरू21 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
21 फरवरी को कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KRTC) के बस कंडक्टर के साथ मराठी नहीं बोलने पर मारपीट हुई थी। - Dainik Bhaskar

21 फरवरी को कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KRTC) के बस कंडक्टर के साथ मराठी नहीं बोलने पर मारपीट हुई थी।

कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच बस सेवाएं रोक दी गई हैं। यह फैसला महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MSRTC) और कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KRTC) ने मिलकर लिया है। पूरा विवाद दोनों राज्यों के बस ड्राइवर और कंडक्टर की पिटाई से जुड़ा है।

दरअसल 21 फरवरी को कर्नाटक के बेलगावी में मराठी में बात नहीं करने पर कुछ लोगों ने बस कंडक्टर महादेव हुक्केरी को पीटा था। यह इलाका महाराष्ट्र के बॉर्डर से लगता है। अगले दिन 22 फरवरी को कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के गुइलाल में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के बस ड्राइवर भास्कर जाधव पर हमला किया गया।

अस्पताल में भर्ती KRTC के बस महादेव हुक्केरी, जिनसे मारपीट हुई थी।

अस्पताल में भर्ती KRTC के बस महादेव हुक्केरी, जिनसे मारपीट हुई थी।

पीड़ित बोला- बस रुकते ही 6-7 लोग आए और पीटने लगे

बस कंडक्टर महादेव हुक्केरी ने बताया था कि मैं जब टिकट काट रहा तभी बस में एक महिला और एक पुरुष बैठे थे। पुरुष के साथ बैठी महिला ने मुफ्त में दो टिकट मांगी, मैंने उसे एक दे दिया और पूछा आप दूसरी टिकट किसके लिए चाहते हैं। महिला ने पुरुष की ओर इशारा किया।

मैंने बताया कि कर्नाटक में पुरुषों के लिए बस में मुफ्त सफर की सुविधा नहीं है तो उन्होंने मुझसे मराठी में बात करने को कहा। मैंने कहा कि मुझे मराठी नहीं आती है। मैंने उनसे कन्नड़ में बात करने को कहा। इतने पर ही बस में सवार 6-7 लोगों ने हमला कर दिया। बस के रुकते ही वहां लगभग 50 लोग और पहुंच गए। उन लोगों ने भी मारपीट की

कंडक्टर हॉस्पिटल में एडमिट, 4 लोग अरेस्ट

DCP रोहन जगदीश ने बेलगावी के BIMS अस्पताल जाकर कंडक्टर के स्वास्थ्य की जानकारी ली। कर्नाटक की मरिहाल पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक नाबालिग को हिरासत में भी लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मारुति तुरुमुरी, राहुल नायडू और बालू गोजगेकर के तौर पर हुई है।

DCP रोहन जगदीश ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। तीनों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

महाराष्ट्र के बस ड्राइवर पर भी हमला

इस घटना के बाद शनिवार को एक बदले की कार्रवाई में कर्नाटक के चितरदुर्ग जिले के गुइलाल में एक महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के बस ड्राइवर भास्कर जाधव पर हमला किया गया। इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक से आने वाली बस सेवाओं को निलंबित करने का ऑर्डर दिया।

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने शनिवार को यह बताया कि शुक्रवार रात 9.10 बजे चितरदुर्ग में कर्नाटक से मुंबई जा रही MSRTC बस पर कन्नड़ समर्थक के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया।

परिवहन मंत्री ने घायल ड्राइवर को फोन पर आश्वस्त किया

परिवहन मंत्री सरनाइक ने घायल ड्राइवर भास्कर जाधव से फोन पर बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि वे इस मामले में पूरी तरह से सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा…

QuoteImage

आप अकेले नहीं हैं, हमारी सरकार आपके साथ खड़ी है। जब तक कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाती और महाराष्ट्र सरकार से बातचीत नहीं करती, तब तक प्रभावित क्षेत्रों में ST बस सेवा निलंबित रहेगी।

QuoteImage

संजय राउत ने कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई

शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच बढ़ते विवाद पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात करें ताकि बेलगावी जैसे हमले फिर कहीं न हो।

राउत ने कहा…

QuoteImage

हम नहीं चाहते कि ऐसे घटनाएं फिर से हों। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बैठक बुलानी चाहिए। बेलगावी सीमा विवाद सुप्रीम कोर्ट में है, फिर भी कर्नाटक सरकार इस तरह की गतिविधियां कैसे कर रही है, यह ठीक नहीं है। हमले और मराठी स्कूलों और साहित्य संगठनों को बंद करने जैसी घटनाएं क्यों हो रही हैं

QuoteImage

शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया

महाराष्ट्र के बस ड्राइवर के साथ मारपीट के बाद पुणे शहर के स्वारगेट इलाके में शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और कर्नाटक नंबर प्लेटों वाली बसों पर कालिख पोती। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बेलगावी में एक मराठी भाषी बस चालक पर कथित तौर पर कन्नड़ भाषा में बात न करने के कारण हमला किया गया था।

डीसीपी स्मार्तना पाटिल ने कहा- जैसे ही हमें पता चला कि शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ता यहां आकर कुछ करने वाले हैं, हमने तुरंत फोर्स भेजी और स्थिति को संभाला। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक बस पर काला रंग छिड़का। हालांकि किसी भी बस या अन्य को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।

कर्नाटक की बसों पर जय महाराष्ट्र के नारे लिखे

पुणे में कर्नाटक की बस पर लिखे जय महाराष्ट्र के नारे।

पुणे में कर्नाटक की बस पर लिखे जय महाराष्ट्र के नारे।

रविवार को एक कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KSRTC) की लग्जरी बस को निशाना बनाया गया। इस बस पर जय महाराष्ट्र और मराठी जैसे नारे काले रंग से लिखे गए। इस घटना के बाद कर्नाटक राज्य ने महाराष्ट्र जाने वाली बसों की संख्या में कमी कर दी।

उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NWKRTC) के एक सीनियर अधिकारी ने PTI से कहा कि, हमने महाराष्ट्र जाने वाली बसों की संख्या सीमित कर दी है और स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।

दोनों राज्यों के परिवहन अधिकारी स्थिति को सामान्य करने के लिए संपर्क में

अधिकारी ने यह भी बताया कि वह महाराष्ट्र के अधिकारियों के संपर्क में हैं ताकि दोनों राज्यों के बीच बस सेवाएं फिर से सामान्य हो सकें। कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं और यात्री बसों की सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने भी आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है।

क्या और क्यों है महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद

  • दोनों राज्यों के बीच बेलगावी, खानापुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार (उत्तरी कन्नड़ जिले) की सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। 1956 में भाषाई आधार राज्यों के पुनर्गठन के दौरान महाराष्ट्र के कुछ नेताओं ने मराठी भाषी बेलगावी सिटी, खानापुर, निप्पानी, नांदगाड और कारवार को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने की मांग की थी।
  • इसको लेकर कर्नाटक में विवाद शुरू हो गया था। कर्नाटक तब मैसूर था। मैसूर के तत्कालीन CM एस. निजालिंग्पा, तत्कालीन PM इंदिरा गांदी और महाराष्ट्र के तत्कालीन CM वीपी नाइक इसके लिए तैयार हो गए थे।
  • महाजन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वह बेलगाम को महाराष्ट्र में मिलाने की की अनुशंसा नहीं कर सकता, लेकिन बेलगावी से पांच किलोमीटर दूर बेलागुंडी गांव को आयोग ने महाराष्ट्र को सौंप दिया था।
  • BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक तैयार था, क्योंकि उसे 247 गांवों वाला बेलगावी मिल रहा था, लेकिन उसे निप्पानी और खानापुर को खोने के कारण उसमें अंसतोष भी था।
  • विवाद इतना गहराया कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी समस्या हल नहीं हो सकी। दोनों राज्य अपनी जगह ना छोड़ने और ना ही लेने की नीति पर कायम रहे और इसके चलते ही यह मुद्दा बार-बार सिर उठता रहता है।
  • 2004 में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक से 814 गांव दिलाने की मांग की थी। यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, क्योंकि कर्नाटक मामले की सुनवाई में गैर-हाजिर रहकर जिरह से बचता रहा है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *