तेल अवीव24 मिनट पहले
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मस्जिद परिसर के अंदर प्रार्थना करते इजराइली मंत्री बेन-ग्विर। फुटेज सोर्स- सोशल मीडिया
इजराइल के सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर ने रविवार को यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद के कैंपस में जाकर प्रार्थना की। एक यहूदी संगठन ने इसका वीडियो जारी किया, जिसमें ग्विर कुछ लोगों के साथ मस्जिद कैंपस में घूमते और प्रार्थना करते नजर आए।
मक्का और मदीना के बाद अल-अक्सा इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद है। नियमों के मुताबिक, यहूदी लोग यहां जा सकते हैं, लेकिन प्रार्थना नहीं कर सकते।
सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ता देख इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये नियम नहीं बदले हैं और न ही बदलेंगे।
बेन-ग्विर का यह दौरा ‘तिशा बाव’ के दिन हुआ, इस दिन यहूदी लोग प्राचीन मंदिरों के तबाही की याद में उपवास करते हैं।
ग्विर बोले- बंधकों की रिहाई के लिए प्रार्थना की
बेन-ग्विर ने कहा कि उन्होंने गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल की जीत और बंधकों की रिहाई के लिए प्रार्थना की। उन्होंने गाजा पर पूरी तरह कब्जा करने की मांग भी दोहराई।
इस परिसर की देखभाल करने वाली संस्था ने बताया कि बेन-ग्विर सहित 1,250 लोग वहां गए और कुछ ने प्रार्थना की, नारे लगाए और डांस किया।
वहीं, फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदैन ने इस दौरे की निंदा की और इसे “सारी हदें पार करने वाला” बताया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका से दखल देने और गाजा युद्ध रोकने की मांग की।
कैंपस की जिम्मेदारी जॉर्डन की संस्था के पास
अल-अक्सा मस्जिद येरुसलम में स्थित है। जॉर्डन की एक धार्मिक संस्था इस मस्जिद कैंपस को संभालती है। 1967 में इजराइल जंग के बाद जॉर्डन और इजराइल के बीच एक समझौता हुआ था।
इसमें तय हुआ था कि अल-अक्सा मस्जिद के भीतर के मामलों पर जॉर्डन के इस्लामिक वक्फ ट्रस्ट का कंट्रोल रहेगा और बाहरी सुरक्षा इजराइल संभालेगा।
ऐसे में कई बार सुरक्षा को लेकर इजराइल की पुलिस मस्जिद में घुस जाती है। इससे जंग जैसे हालात हो जाते हैं।
जॉर्डन और इजराइल के बीच समझौते में इस बात पर भी सहमति बनी थी कि गैर-मुस्लिमों को मस्जिद के अंदर आने की इजाजत होगी, लेकिन उनको वहां प्रार्थना करने की इजाजत नहीं होगी।

बेन-ग्विर इजराइल के सबसे विवादित नेता
बेन-ग्विर इजराइल के सबसे विवादित नेताओं में एक हैं। वे इजराइल की धुर दक्षिणपंथी पार्टी रिलिजियस जिओनिस्ट से ताल्लुक रखते हैं। बेन-ग्विर कट्टरपंथी यहूदी नेता माएर कहाने की काहानिस्ट विचारधारा को मानते हैं।
बेन-ग्विर, मीर कहाने को धर्मात्मा मानते हैं। उनकी काहानिस्ट विचारधारा का मानना है कि इजराइल में गैर यहूदियों को मतदान तक का अधिकार नहीं होना चाहिए।
बेन-ग्विर 2021 में पहली बार इजराइली संसद नीसेट के सदस्य बने। वे हमेशा से फिलिस्तीनियों से शांति वार्ता करने के खिलाफ रहे हैं। वे उन इजराइली सैनिकों को लीगल माफी देना चाहते हैं , जो फिलिस्तीनियों को गोली मारने के दोषी पाए गए हैं।
बेन-ग्विर 25 नवंबर 2022 को इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री बने थे। बाद में, उन्होंने जनवरी 2025 में गाजा युद्धविराम समझौते के विरोध में इस्तीफा दे दिया, लेकिन मार्च 2025 में फिर से मंत्री पद पर नियुक्त हो गए।

जब बेन-ग्विर जब सिर्फ 15 साल के थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री यित्जाक राबिन की गाड़ी के आगे लगा एक सिंबल चुरा लिया था। इसके बाद बेन-ग्विर ने मीडिया के कैमरे में कहा था जैसे हम राबिन की गाड़ी तक पहुंचे हैं वैसे ही उस तक पहुंचेंगे।
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