मदरसे की बिल्डिंग में निरीक्षण करते अधिकारी।
रतलाम में जावरा के पास उमठपालिया गांव में मिले अवैध मदरसे को लेकर जांच शुरू हो गई है। बुधवार दोपहर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की टीम गांव में पहुंची और आवश्यक जानकारी जुटाई।
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मदरसा की जांच को लेकर कलेक्टर राजेश बाथम ने एक टीम बनाई है। टीम में जावरा एसडीएम त्रिलोचन गौड़, जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मो समेत शिक्षा व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी शामिल हैं। सभी अधिकारी बुधवार दोपहर गांव उमठपालिया पहुंचे। मदरसा कमेटी संचालनकर्ता से सारे दस्तावेज मांगे गए और बिल्डिंग का भी निरीक्षण किया गया। हालांकि, वहां पर गांव के लोगों के अलावा कोई और नहीं मिला। मदरसा संचालनकर्ताओं को बुलाकर सारी जानकारी ली गई।
उमठपालिया गांव में अवैध मदरसा।
ये है पूरा मामला
25 जनवरी को बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा व ओंकार सिंह मरकाम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पिपलौदा तहसील के गांव उमठपालिया में संचालित ‘आता-ऐ-रसूल’ आवासीय मदरसा का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में मदरसा बिना मान्यता के संचालित होना पाया गया। यह भी सामने आया था कि यह मदरसा कब्रिस्तान की जमीन पर बना है। इसकी मान्यता भी दो साल पहले खत्म हो चुकी है। बाल संरक्षण आयोग ने अपना जांच प्रतिवेदन 30 जनवरी को रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम को भेजा। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद कलेक्टर ने जांच के लिए टीम बनाई।
कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी
जावरा एसडीएम त्रिलोचन गौड़ ने बताया कि जो जांच बिंदु हैं, उनके तहत निरीक्षण किया गया है। मदरसा संचालन से जुड़े सारे दस्तावेज मांगे गए हैं। रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी।
जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मों ने बताया कि संयुक्त दल द्वारा जांच की गई है। बच्चों की भी जानकारी ली जा रही है। संयुक्त जांच रिपोर्ट बनाकर सौंपी जाएगी।