स्पोर्ट्स डेस्क23 मिनट पहले
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18 साल की उम्र में चेस के वर्ल्ड चैंपियन बने डी गुकेश ने दैनिक भास्कर को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा, विश्वनाथन आनंद उनके जीवन की सबसे बड़ी इंस्पिरेशन हैं। उनकी लिगेसी को आगे ले जाने की कोशिश करूंगा।
भास्कर के लिए वौदेवन आरआर ने सिंगापुर में गुकेश से खास बातचीत की। गुकेश ने युवाओं के लिए कहा, अपना गेम खुलकर एंजॉय कीजिए। मैंने भी बचपन से चेस को एंजॉय ही किया है। नई जनरेशन को भी गेम एंजॉय करने का मैसेज ही दूंगा।
भास्कर के सवालों पर गुकेश ने क्या कहा…
सवाल: चैंपियन बनने के बाद इमोशंस को कैसे कंट्रोल किया? गुकेश: मुझे लगा नहीं था कि मैच इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा। मैं ड्रॉ के लिए खेल रहा था, फिर मैंने देखा कि लिरेन ने ब्लंडर कर दिया है। मुझे जीत दिखने लगी और तभी मैं सुपर-एक्साइटेड हो गया।
सवाल: सफलता में सबसे बड़ा योगदान किसका रहा? गुकेश: पैरेंट्स ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। टीम ने भी मुझे इस जगह पहुंचाने और चैंपियन बनाने के लिए बहुत मेहनत की। मैं पैरेंट्स और सपोर्टिंग टीम दोनों का ही शुक्रगुजार हूं।
गुकेश ने ट्रॉफी मिलते ही अपने पिता और मां को सौंप दी। मां ने उनकी ट्रॉफी को चूम लिया।
सवाल: आपकी सबसे बड़ी इंस्पिरेशन कौन हैं? गुकेश: विशी सर (विश्वनाथन आनंद) ही मेरे लिए सबसे बड़ी इंस्पिरेशन हैं। आगे भी मैं अपने गेम को एंजॉय करता रहूंगा। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि विशी सर की लिगेसी को नई ऊंचाइयों पर ले जाऊं।
सवाल: आपने डिंग लिरेन की बहुत तारीफें कीं, उनके बारे में क्या कहना चाहेंगे? गुकेश: मैं उनके गेम से भी काफी इंस्पायर हुआ। 11वां गेम हारने के बाद उन्होंने 12वें गेम में जीत से वापसी की। हार के बावजूद उनकी फाइटिंग स्पिरिट ने मुझे बहुत मोटिवेट किया।
गुकेश ने कहा कि लिरेन से वह इंस्पायर हुए, लेकिन उनके ही ब्लंडर से वह चैंपियन बन सके।
सवाल: यंगेस्ट वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद आप युवा चेस प्लेयर्स को क्या मैसेज देना चाहेंगे? गुकेश: मैंने हमेशा से चेस को एंजॉय करने के बारे में ही सोचा। नई जनरेशन के लिए भी बस इतना ही कहना चाहूंगा, अपने गेम को पूरी तरह एंजॉय कीजिए।
गुकेश ने पैरेंट्स को सौंपी ट्रॉफी शुक्रवार को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का ट्रॉफी प्रेजेंटेशन हुआ। गुकेश ने ट्रॉफी लेते ही इसे अपने पैरेंट्स को सौंप दिया। गुकेश ने पिता डॉ. राजीवनकांत को ट्रॉफी दी, जिन्होंने अपनी पत्नी पद्मा को ट्रॉफी दे दी। मां ने ट्रॉफी देखी और उसे चूम लिया।
शुक्रवार को FIDE एसोसिएशन ने डी गुकेश को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की ट्रॉफी सौंपी।
लिरेन को हराकर 18वें वर्ल्ड चैंपियन बने गुकेश गुकेश ने गुरुवार को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का फाइनल जीता। उन्होंने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 14वें गेम में हराया और 7.5-6.5 के स्कोर से टाइटल पर कब्जा किया। गुकेश चेस के 18वें और सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बने।
लिरेन को हराने के बाद गुकेश इमोशनल हो गए, उनकी आंखों से आंसू बहने लगे थे।
गुकेश से पहले 1985 में रूस के गैरी कैस्परोव ने 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था। गुकेश चेस चैंपियनशिप जीतने वाले भारत के दूसरे ही प्लेयर बने। उनसे पहले 2012 में विश्वनाथन आनंद ने टाइटल जीता था। पढ़ें पूरी खबर…
मैच के बाद कहा- लिरेन का ब्लंडर, मेरा बेस्ट मोमेंट
गुकेश (बाएं) ने कहा, चीन के डिंग लिरेन (दाएं) ने उन्हें फाइनल के दौरान बहुत मोटिवेट किया।
मैच के बाद गुकेश ने कहा, ‘लिरेन का ब्लंडर मेरे जीवन का बेस्ट मोमेंट रहा। जब उन्होंने ब्लंडर किया, तब मुझे समझ नहीं आया, मैं अपनी नॉर्मल चाल चलने वाला था। तभी मैंने देखा कि उनका हाथी मेरे हाथी के निशाने पर हैं। मैंने उसे मारा और अपने ऊंट से उनके ऊंट को मार दिया। मेरे पास एक प्यादा ज्यादा बचना ही था, आखिर में वह बचा और लिरेन ने रिजाइन कर दिया।’ पढ़ें पूरी खबर…
कैंडिडेट्स और ओलिंपियाड भी जीत चुके गुकेश
गुकेश एक ही साल में कैंडिडेट्स, ओलिंपियाड और वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाले भारत के पहले ही खिलाड़ी बने।
गुकेश को 11.45 करोड़ और लिरेन को 9.75 करोड़ रुपए का इनाम मिला। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह इस खिताब को जीतने वाले भी सबसे युवा प्लेयर बन गए थे। गुकेश ने इसी साल सितंबर में चेस ओलिंपियाड जीतने वाली टीम इंडिया में भी अहम योगदान दिया था। पढ़ें पूरी खबर…