Injured man accused of police beating, forcibly driven away from hospital | पुलिस की पिटाई से घायलों से मिलने पहुंचे अजय मंडल: पीड़ितों से बोले डॉक्टर-नाटक कर रहे तुमलोग, कुछ नहीं हुआ है…सभी का नाम काटो – Bhagalpur News

घायलों से बात करते सांसद अजय मंडल

भागलपुर के गोराडीह थाना क्षेत्र में शुक्रवार को हुए किसान हत्या मामले में पुलिस ने 7 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ के दौरान मारपीट की थी। मारपीट की घटना में 6 लोग घायल हुए थे। जिसका इलाज शुक्रवार से ही मायागंज अस्पताल में चल रहा था। बुधवार

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पीड़ित द्वारा कहा गया कि अभी हम चलने लायक नहीं है। हम घर कैसे जाएंगे? काफी रिक्वेस्ट और जनप्रतिनिधियों के पैरवी पर उन्हें फिर से भर्ती किया गया। मामले को लेकर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि ऐसा कोई बात नहीं है, सभी घायल मायागंज अस्पताल में ही भर्ती हैं।

पीड़ित का बयान

घायल धनेश्वर दास ने बताया कि ड्रामा वार्ड में दो लोग आए दोनों ने पूछा कि क्या हुआ है? आपबीती बताने पर उन्होंने कहा कि यह लोग नाटक कर रहे हैं। सभी को डिस्चार्ज करो, नाम काट दो। इसके बाद उन्होंने रिक्वेस्ट किया तो एक्स-रे के कागजात ले लिया। पीड़ित ने कहा कि हमने जख्म के निशान को दिखाया, कहा मैं चलने के लायक अभी नहीं हूं। अभी मुझे क्यों डिस्चार्ज कर रहे हैं? इसके बाद उन्होंने कागजात लेकर चले गए।

घायल से मिलने पहुंचे सांसद

घायल से मिलने पहुंचे सांसद

घायल से मिलने पहुंचे सांसद अजय मंडल

जदयू सांसद अजय मंडल घायल से मिलने बुधवार को मायागंज अस्पताल पहुंचे। जहां पर पीड़ित से उन्होंने मुलाकात की। परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया। कहा, दोषियों को बक्सा नहीं जाएगा। अजय मंडल ने भास्कर को बताया कि एसपी से निवेदन किया गया है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए इस मामले में पुलिस काम कर रही है। दोषियों को बक्सा नहीं जाएगा।

इधर, स्पेशल सेल के एक अधिकारी परिजनों से पूछताछ करने के लिए पहुंचे। पूछताछ करने आए अधिकारियों ने बताया कि हमने यहां से पीड़ित से बयान ले लिया है आगे से फॉरवर्ड की प्रक्रिया कर रहे हैं।

बेटी के शादी में लिए कर्ज के टेंशन में है पीड़ित – सात घायल में शामिल एक घायल संदीप दास भी है जो अपने बेटी के शादी के लिए कर्ज पर पैसा लिए थे। भास्कर को बताया की तीन लाख कर्ज हैं। पुलिस ने उसे परेशान किया। तीन दिन से घायल मायागंज अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।

घर में कमाने वाले सिर्फ वही थे, मजदूरी कर घर का भरण पोषण करते थे। अस्पताल में एडमिट हो जाने के कारण घर की दहनीय स्थिति खराब हो चुकी है। पत्नी और बेटे घर पर ही है। अकेले मायागंज अस्पताल में इलाज चल रहाहै। भास्कर को उन्होंने आगे बताया कि हम मजदूरी करते थे, तो कर्ज वाले को भी पैसे देते थे और घर में राशन भी आता था. लेकिन पुलिस की पिटाई में घायल होने के बाद स्थिति घर की ठीक नहीं है।

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