हिमाचल सरकार अब इन्फॉर्मेशन कमीशन दफ्तर को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट कर सकती है। सूत्रों की माने तो सरकार ने डीसी कांगड़ा को धर्मशाला में इन्फॉर्मेशन कमीशन ऑफिस के लिए जगह देखने को निर्देश दे दए है। इससे कमीशन ऑफिस के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है, इस
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हैरानी इस बात की है कि इन्फॉर्मेशन कमीशन का शिमला सचिवालय के साथ अपनी नई बिल्डिंग बनकर लगभग तैयार है। अभी कमीशन ऑफिस खलीणी में किराए के बिल्डिंग में चल रहा है। माना जा रहा था कि अगले साल मार्च तक बिल्डिंग का काम पूरा हो जाएगा और दफ्तर इसमें शिफ्ट होगा। मगर इस बीच इसे शिमला से सूचना आयोग कार्यालय को धर्मशाला शिफ्ट करने की चर्चाएं शुरू हो गई है।

कैबिनेट मीटिंग में चर्चा के बाद होगा इन्फॉर्मेशन कमीशन ऑफिस शिफ्ट करने का फैसला।
इससे पहले ये दफ्तर शिफ्ट कर चुके CM
सीएम सुक्खू इससे पहले वन्य प्राणी विंग कार्यालय और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट कर चुके हैं। 31 मई 2025 की कैबिनेट मीटिंग में रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) कार्यालय भी धर्मशाला शिफ्ट करने की मंजूरी मिल चुकी है।
सरकार कुछ दूसरे विभाग भी शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। तर्क दिया जा रहा है कि शिमला में आबादी के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए यह सब किया जा रहा है। मगर कांग्रेस अंदरखाते इसका विरोध भी शुरू हो गया है।

ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर दफ्तर शिफ्ट करने का विरोध कर चुके।
ठियोग के विधायक ने किया था विरोध
सूत्रों की माने तो विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने भी दफ्तर शिफ्ट करने का विरोध किया था और राजधानी से दफ्तर दूसरी जगह शिफ्ट न करने की मांग की थी।
इसके बाद, सरकार ने कोई दफ्तर शिफ्ट करने का फैसला नहीं लिया। मगर अब सूचना आयोग कार्यालय को शिफ्ट करने का फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया जा सकता है।
शिमला को डी-कन्जेस्ट करना जरूरी: CM
वहीं सीएम सुक्खू कह चुके हैं कि शिमला को डी कन्जेस्ट करना है। वीआईपी काफिले की मूवमेंट के दौरान सड़क पर लंबी लाइनें लग जाती हैं। डेढ़ किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम हो जाता है।
सर्कुलर रोड को चौड़ा करने के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है। सुबह के समय तो चार किलोमीटर का सफर तय करने के लिए एक घंटे का समय लग जाता है, इसलिए जो सिर्फ ऑफिस शिफ्ट हो सकते हैं, जिनके लिए जगह उपलब्ध है, उनको सरकार शिफ्ट करने पर विचार कर रही है।
