नई दिल्ली3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

एक्सपोर्ट में गिरावट के कारण भारत का मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट यानी व्यापारिक व्यापार घाटा जनवरी 2025 में बढ़कर 22.99 बिलियन डॉलर (1.99 लाख करोड़ रुपए) हो गया है। पिछले महीने दिसंबर में यह 21.94 बिलियन डॉलर यानी 1.90 लाख करोड़ रुपए रहा था।
वहीं साल-दर-साल आधार पर जनवरी में गुड्स यानी वस्तुओं का व्यापार घाटा 38.8% बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में यह रिवाइज्ड आंकड़ा 16.56 बिलियन डॉलर यानी 1.43 लाख करोड़ रुपए था।
जनवरी में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 2.4% घटा
कॉमर्स मिनिस्ट्री के 17 फरवरी को जारी प्रोविजनल डेटा के अनुसार, जनवरी में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में 2.4% की गिरावट आई है। वहीं गुड्स के इंपोर्ट में 10.3% की ग्रोथ हुई है।

जनवरी में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में 2.4% की गिरावट आई है।
क्या होता है ट्रेड डेफिसिट?
जब एक निश्चित टाइम पीरियड को दौरान देश का इंपोर्ट यानी विदेशों से मंगाए गए सामान की वैल्यू देश के एक्सपोर्ट यानी देश देश के बाहर भेजी जाने वाली सामानों की वैल्यू से ज्यादा हो जाता है।
ऐसी स्थिती में भारत का पैसा विदेशों में ज्यादा चला जाता है, इसी स्थिती को ट्रेड डेफिसिट या व्यापार घाटे कहा जाता है। इसे निगेटिव बैलेंस ऑफ ट्रेड भी कहते हैं। दूसरे शब्दों में, जब कोई देश बेचने से ज्यादा खरीदता है, तो उसे ट्रेड डेफिसिट कहा जाता है।