नई दिल्ली20 मिनट पहले
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रेलवे का टारगेट टिकट बुकिंग सिस्टम को ट्रांसपेरेंट, सिक्योर और ट्रैवल फ्रेंडली बनाना है।
भारतीय रेलवे ने 2.5 करोड़ से ज्यादा IRCTC यूजर्स ID को डीएक्टिवेट यानी बंद कर दिया है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में गड़बड़ियों को रोकने के लिए रेलवे ने यह कदम उठाया है।
संसद में सांसद एडी सिंह के उठाए गए सवालों के जवाब में सरकार ने इसकी पुष्टि की है। सरकार ने बताया एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स से पता चला है कि इन यूजर्स का बुकिंग पैटर्न और बिहेवियर एक जैसा था, जिससे यह पता चला कि यह आम यूजर्स नहीं है।
सांसद सिंह ने टिकट बुकिंग में तेजी से टिकट गायब होने, यूजर ID डीएक्टिवेट करने और रेलवे के उठाए गए कदमों को लेकर कई सवाल उठाए थे।
सरकार ने अपने जवाब में चार पॉइंट्स पर स्पष्ट जानकारी दी:
1. 2.5 करोड़ यूजर ID क्यों डीएक्टिवेट की गईं?
IRCTC ने टिकट बुकिंग में धोखाधड़ी रोकने के लिए 2.5 करोड़ से ज्यादा यूजर ID को डीएक्टिवेट किया है। डेटा एनालिसिस के समय इन ID की एक्टिविटी सस्पिशियस यानी संदिग्ध पाई गईं। इसमें असामान्य बुकिंग पैटर्न, बॉट्स या एजेंट्स का इस्तेमाल करना भी शामिल था।
2. रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम में डिजिटल सुधार का प्लान
रेलवे ने टिकट बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ाने और धोखाधड़ी रोकने के लिए कई डिजिटल सुधार शुरू किए हैं। इनमें शामिल हैं-
- आधार ऑथेंटिकेशन: 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट सिर्फ आधार ऑथेंटिकेटेड यूजर्स ही IRCTC वेबसाइट या एप के जरिए बुक कर सकते हैं।
- एजेंट्स पर बैन रिस्ट्रिक्शन: तत्काल बुकिंग शुरू होने के पहले 30 मिनट में एजेंट्स को टिकट बुक करने की परमिशन नहीं है।
- डिजिटल पेमेंट: रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम यानी PRS काउंटरों पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

3. टिकटों का मिनटों में गायब होना
सरकार ने माना कि कुछ पॉपुलर रूट्स और सुविधाजनक समय वाली ट्रेनों के टिकट्स बुकिंग शुरू होने के कुछ मिनटों में ही खत्म हो जाते हैं। हालांकि, कम व्यस्त ट्रेनों में आमतौर पर टिकट अवेलेबल रहते हैं। मांग के अनुसार रेलवे स्पेशल ट्रेनें चलाती है और ट्रेनों की सीट कैपेसिटी भी बढ़ाता है।
4. ट्रांसपेरेंसी और टिकट अवेलेबिलिटी के लिए कदम
रेलवे ने पैसेंजर्स के लिए कन्फर्म टिकट सुनिश्चित करने और सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए कई उपाय किए हैं –
- ऑनलाइन बुकिंग: वर्तमान में 89% टिकट ऑनलाइन बुक किए जा रहे हैं, जो पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर अवेलेबल हैं।
- विकल्प योजना: वैकल्पिक ट्रेन आवास योजना (VIKALP) और अपग्रेडेशन योजना के तहत वेटलिस्टेड पैसेंजर्स को कन्फर्म टिकट देने की कोशिश की जाती है।
- स्पेशल ट्रेनें: मांग के आधार पर रेलवे स्पेशल ट्रेनें चलाती है और मौजूदा ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ती है।
क्या है रेलवे का मकसद?
रेलवे का टारगेट टिकट बुकिंग सिस्टम को और ज्यादा ट्रांसपेरेंट, सिक्योर और ट्रैवल फ्रेंडली बनाना है। आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा और एजेंट्स की एक्टिविटीज पर नकेल कसने जैसे कदमों से रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आम यात्रियों को आसानी से टिकट मिले और धोखाधड़ी पर रोक लगे।
यह कार्रवाई न केवल टिकट बुकिंग में गड़बड़ियों को कम करेगी, बल्कि डिजिटल टेक्नोलॉजी के यूज से रेलवे सर्विसेज को और बेहतर बनाएगी। रेलवे ने पैसेंजर्स से अपील है कि वे ऑफिशियल IRCTC प्लेटफॉर्म का यूज करें और संदिग्ध गतिविधियों से बचें।
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