स्पोर्ट्स डेस्क10 मिनट पहले
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भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने जिस गेंद पर गस एटकिंसन को बोल्ड कर ओवल टेस्ट में भारत को जीत दिलाई, वह इस मैच के 295वें ओवर की पहली गेंद थी। यह मुकाबला इतना रोमांचक और हमेशा के लिए यादगार इसलिए बन गया, क्योंकि इस गेंद से पहले हुए 294 ओवर के खेल में यह तय नहीं हो पा रहा था कि मैच का नतीजा किसके पक्ष में जाएगा।
मुकाबला भारत भी जीत सकता था और इंग्लैंड भी। यह भी संभव था कि यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अब तक का तीसरा टाई मैच हो जाए। अब तक दो ही टेस्ट टाई हुए हैं। इंग्लैंड अगर 373 रन पर ऑलआउट होता तो यह तीसरा टाई होता।
मुकाबले में 12 मोमेंट ऐसे रहे, जिससे मैच का पलड़ा कभी भारत के पक्ष में झुका, तो कभी इंग्लैंड के पक्ष में। इन सभी 12 नाटकीय घटनाओं से एक-एक कर गुजरते हैं।
द ओवल टेस्ट के 12 टर्निंग पॉइंट्स…
1. भारत का टॉस हारकर सस्ते में ऑलआउट हो जाना; करुण नायर की फाइटिंग हाफ सेंचुरी गुरुवार को लंदन के द ओवल में भारत की शुरुआत ही खराब किस्मत से हुई। टीम ने सीरीज में लगातार पांचवां टॉस गंवा दिया। ओवल की स्विंगिंग पिच पर भारत को बैटिंग करने उतरना पड़ा, टीम ने 123 रन पर ही 5 विकेट गंवा दिए।

टीम इंडिया सीरीज में एक भी टॉस नहीं जीत सकी। पांचवें मुकाबले में भी इंग्लैंड ने टॉस जीता, इस कारण भारत को गेंदबाजों की मददगार पिच पर पहले बैटिंग करने उतरना पड़ा।
नंबर-5 पर बैटिंग करने उतरे करुण नायर ने फिर पारी संभाली और टीम को 200 रन के पार पहुंचा दिया। हालांकि उनके आउट होते ही टीम 224 रन पर ऑलआउट हो गई। पूरी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में यह पहली पारी में किसी टीम का सबसे छोटा स्कोर रहा। इससे पहले 358 रन सबसे छोटा स्कोर था।

2. डकेट-क्रॉली की तेज पार्टनरशिप, लगा भारत मैच में बहुत पीछे हो जाएगा पहली पारी में भारत को कम स्कोर पर समेटने के बाद इंग्लैंड ने तेज शुरुआत की। बेन डकेट और जैक क्रॉली ने 13वें ओवर में ही टीम का स्कोर 90 के पार पहुंचा दिया। डकेट के विकेट के बाद भी क्रॉली ने तेजी से बैटिंग की और फिफ्टी लगा दी। 128 रन तक इंग्लैंड ने 1 ही विकेट गंवाया था, यहां लग रहा था इंग्लैंड मैच में पूरी तरह हावी हो जाएगा।

3. पेसर्स ने इंग्लैंड को बड़ी लीड लेने से रोका प्रसिद्ध कृष्णा ने पहली पारी में क्रॉली को कैच कराया और भारत को ब्रेकथ्रू दिलाया। 215 रन तक भी इंग्लैंड के 5 ही विकेट गिरे थे। हैरी ब्रूक एक एंड से तेज बैटिंग कर रहे थे। यहां मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध ने टीम का कमबैक कराया। दोनों ने मिलकर अगले 33 रन के अंदर 5 विकेट लिए और इंग्लैंड को 247 रन पर ही समेट दिया। सिराज-प्रसिद्ध की बेहतरीन बॉलिंग से इंग्लैंड महज 23 रन की बढ़त ले सका।


4. जायसवाल की सेंचुरी और नाइट वॉचमैन आकाशदीप की फिफ्टी दूसरी पारी में भारत ने संभलकर शुरुआत की, लेकिन मुकाबले के दूसरे दिन केएल राहुल और साई सुदर्शन आउट हो गए। 70 रन पर टीम ने 2 विकेट गंवा दिए, यहां गेंदबाज आकाशदीप नाइट वॉचमैन बनकर बैटिंग करने उतरे। मुकाबले के तीसरे दिन पिच बैटिंग के लिए मददगार हो गई।

तीसरे दिन यशस्वी ने संभलकर बैटिंग की, आकाशदीप भी टिक गए। उन्होंने खुलकर शॉट्स खेले और अपने करियर की पहली हाफ सेंचुरी लगा दी। उनके सामने यशस्वी ने भी फिफ्टी लगा दी। दोनों ने टीम को 150 के पार पहुंचाया और सेंचुरी पार्टनरशिप कर ली।

5. भारत का दूसरी पारी में मिनी कोलैप्स पहली पारी में इंग्लैंड को बड़ी लीड से रोकने के बाद भारत ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट पर 177 रन बना लिए थे। नाइटवॉचमैन आकाशदीप ने हाफ सेंचुरी बना दी थी और ओपनर यशस्वी जायसवाल सेंचुरी की ओर बढ़ रहे थे।
यहां आकाशदीप 66 रन के स्कोर पर जैमी ओवर्टन को विकेट दे बैठे। अगले 12 ओवर में भारत ने तीन विकेट और गंवा दिए और स्कोर 229 रन पर पांच विकेट हो गया। तब भारत की लीड सिर्फ 206 रन की थी। टीम इंडिया के इस मिनी कोलैप्स ने इंग्लैंड की मैच में वापसी करा दी।

भारत ने 53 रन के अंदर 3 अहम विकेट गंवा दिए। आकाशदीप, शुभमन गिल और करुण नायर के आउट होने से भारत पर दबाव बढ़ गया।
6. जडेजा-सुंदर ने भारत की लीड को बढ़ाया यशस्वी जायसवाल ने शतक जरूर बनाया, लेकिन जब वे 118 रन बनाकर आउट हुए, तब भी भारत की लीड सिर्फ 250 रन की ही थी। पिच बैटिंग के लिए अच्छी होती जा रही थी और 300 के आसपास का टारगेट इंग्लिश टीम के लिए काफी आसान होता। ध्रुव जुरेल अच्छा खेल रहे थे, लेकिन वे भी 34 रन बनाकर आउट हो गए।

6 विकेट के बाद रवींद्र जडेजा और फिर वॉशिंगटन सुंदर ने हाफ सेंचुरी जमाकर भारत की बढ़त को मुकाबले लायक बना दिया। जडेजा ने 77 गेंदों पर 5 चौके की मदद से 53 रन बनाए। वहीं, सुंदर ने 46 गेंदों पर 4 चौके और इतने ही छक्के के दम पर 53 रन बना दिए। सुंदर ने प्रसिद्ध कृष्णा के साथ आखिर विकेट के लिए 39 रन जोड़े। यही रन आखिर में भारत के लिए निर्णायक साबित हुए।

7. सिराज ने कैच छोड़ा, ब्रूक ने भारत को मैच लगभग से बाहर कर दिया तीसरे ही दिन इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी शुरू कर दी। टीम ने तेजी से 50 रन बना भी लिए, लेकिन दिन के आखिरी ओवर में जैक क्रॉली आउट हो गए। चौथे दिन 106 रन पर 3 विकेट हो गए। यहां जो रूट और हैरी ब्रूक ने पारी संभाल ली। यहां ब्रूक जब 19 रन के स्कोर पर बैटिंग कर रहे थे, तब मोहम्मद सिराज से फाइन लेग पोजिशन पर उनका कैच छूट गया।

सिराज ने बाउंड्री पर कैच पकड़ लिया था, लेकिन उनका पैर बाउंड्री से टकरा गया। इससे ब्रूक को जीवनदान मिल गया।
ब्रूक ने इस जीवनदान का फायदा उठाया और रूट के साथ मिलकर टीम को 300 के पार पहुंचा दिया। एक समय इंग्लैंड का स्कोर 3 विकेट पर 301 रन हो चुका था। तब उसे जीत के लिए सिर्फ 73 रन की जरूरत थी और 7 विकेट बाकी थे।
दोनों जब बैटिंग कर रहे थे तो लग रहा था कि 1 घंटे में ही इंग्लैंड जीत जाएगा और भारत को 1-3 से हार का सामना करना पड़ेगा। यहां तक कि गेंदबाजों के हौसले भी पस्त हो चुके थे और वे बेहद निराश होकर बॉलिंग करते दिख रहे थे।

हैरी ब्रूक और जो रूट ने 195 रन की पार्टनरशिप की। इस साझेदारी ने होम टीम को जीत के बेहद करीब पहुंचा दिया।

8. ब्रूक का खराब शॉट और मोमेंटम भारत के पास पहुंचा 301 रन तक इंग्लैंड के 3 ही विकेट गिरे थे। ब्रूक यहां आकाशदीप के एक ओवर में 2 बाउंड्री लगा चुके थे, इसके बावजूद बड़ा शॉट खेलने गए और कैच आउट हो गए। इस विकेट के साथ भारत ने मैच में वापसी की कोशिश की। हालांकि, रूट और जैकब बेथेल ने अगले 7 ओवर तक टीम का विकेट नहीं गिरने दिया और टीम मैच में बनी हुई थी।

हैरी ब्रूक टीम को जीत दिलाने से पहले ही आउट हो गए। उनका विकेट गिरने के बाद भारत ने मैच पर पकड़ बनानी शुरू कर दी।
71वें ओवर में फिर जैकब बेथेल आगे निकलकर बड़ा शॉट खेलने गए और बोल्ड हो गए। यहीं से मोमेंटम भारत के पक्ष में आ गया। 2 ओवर बाद सेंचुरी लगा चुके जो रूट भी कॉट बिहाइंड हो गए। 337 रन पर टीम के 6 विकेट गिरे और मोमेंटम पूरी तरह से भारत के हक में आ गया। यहां पहली बार लगा कि टीम इंडिया यह मुकाबला जीत सकती है।

जैकब बेथेल 5 रन बनाकर बोल्ड हुए। उन्हें प्रसिद्ध कृष्णा ने पवेलियन भेजा। इस विकेट के साथ मोमेंटम भारत के पक्ष में चला गया।
9. चार दिन में मैच खत्म होना बारिश को नामंजूर इस सीरीज के पहले चार मुकाबले पूरे पांच-पांच दिन तक चले थे। यह मैच चार दिन में ही खत्म होने वाला था। एक दिन में 90 ओवर होते हैं, लेकिन चौथे दिन के खेल में सिर्फ 62.3 ओवर का ही खेल हो सका और यह टेस्ट भी पांचवें दिन में चला गया। बारिश और खराब रोशनी के कारण चौथे दिन निर्धारित समय से एक घंटा पहले ही खेल रोक देना पड़ा।

चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद पवेलियन लौटते दोनों टीमों के प्लेयर्स। इंग्लैंड ने चौथे दिन 6 विकेट गंवा दिए थे।

चौथे दिन बारिश के कारण आखिरी 90 मिनट का खेल नहीं हो सका।
10. इंग्लैंड को 35 रन चाहिए थे और पहली दो गेंदों पर लगे दो चौके पांचवें दिन की शुरुआत में इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन और भारत को 4 विकेट की जरूरत थी। दिन का पहला ओवर प्रसिद्ध कृष्णा फेंकने आए और ओवर्टन ने कृष्णा की पहली दो गेंदों पर दो चौके जमा दिए। अब इंग्लैंड को सिर्फ 27 रन की जरूरत रह गई थी।

जैमी ओवर्टन ने पांचवें दिन की शुरुआती 2 गेंदों पर 2 चौके लगा दिए। इन बाउंड्रीज के बाद इंग्लैंड को महज 27 रन की जरूरत थी।
11. फिर चला मियां मैजिक और भारत जीत के करीब आया कृष्णा की गेंदों पर दो चौके की भरपाई अगले ओवर में मोहम्मद सिराज ने कर दी। उन्होंने दिन के अपने पहले ओवर की तीसरी गेंद पर इंग्लैंड के आखिरी स्पेशलिस्ट बल्लेबाज जैमी स्मिथ को विकेट के पीछे ध्रुव जुरेल के हाथों कैच करा दिया। इस झटके से इंग्लैंड उबर पाता, उससे पहले ही सिराज ने अपने अगले ओवर में ओवर्टन को LBW आउट कर दिया।
अंपायर धर्मसेना के आउट देने पर ओवर्टन ने DRS लिया, लेकिन रिव्यू काम न आया और वे अंपायर्स कॉल पर आउट हुए। कुछ देर बाद प्रसिद्ध कृष्णा ने जोश टंग (0) को आउट कर भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया।

मोहम्मद सिराज ने 2 ओवर में 2 विकेट लेकर भारत को हावी किया। उन्होंने जैमी ओवर्टन और जैमी स्मिथ को पवेलियन भेजा।

12. एक हाथ से बैटिंग करने उतर गए क्रिस वोक्स इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स भारत की पहली पारी में फील्डिंग के दौरान अपना कंधा डिसलोकेट करवा बैठे थे। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने यह घोषणा भी कर दी थी कि वोक्स मैच में आगे हिस्सा नहीं लेंगे, लेकिन जब इंग्लैंड का नौवां विकेट गिरा था, तब टीम जीत से सिर्फ 17 रन दूर थी, वोक्स ने टूटे हुए हाथ को स्वेटर के अंदर डाला और एक हाथ से बैटिंग करने पहुंच गए।

क्रिस वोक्स एक हाथ पर पट्टा बांधकर दूसरे हाथ में बैट लेकर बैटिंग करने उतरे। वे पहली पारी में बैटिंग करने नहीं आए थे।
वोक्स अगली 13 गेंदों तक क्रीज पर रहे। एटकिंसन उन्हें स्ट्राइक से बचा रहे थे और खुद तमाम गेंदें खेल कर बड़ी हिट जमाने की कोशिश करने लगे। उन्होंने सिराज की गेंद पर एक छक्का भी जमाया और लगातार दो ओवर में आखिरी गेंद पर एक रन लेकर वोक्स को स्ट्राइक से दूर रखा।

इंजर्ड हाथ के साथ रन दौड़ते क्रिस वोक्स। वे 13 गेंदों तक नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े रहे।
अब इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 7 रनों की जरूरत थी। तब पूरे टेस्ट मैच का ओवरऑल 295वां और इंग्लैंड की दूसरी पारी का 86वां ओवर फेंकने फिर मोहम्मद सिराज आए। उन्होंने एटकिंसन को बोल्ड किया और भारत को 6 रनों से ऐतिहासिक जीत दिला दी। यह टेस्ट क्रिकेट में भारत की रनों के लिहाज से सबसे कम अंतर से मिली जीत है। इसके साथ ही भारत की युवा टीम ने इंग्लैंड में सीरीज 2-2 से बराबर कर ली।

मोहम्मद सिराज ने ओवर की पहली गेंद पर गस एटकिंसन को बोल्ड किया और भारत को जीत दिला दी। एटकिंसन 17 रन बनाकर आउट हुए।

गस एटकिंसन ने इंग्लैंड को जीत दिलाने की कोशिश की, लेकिन वे टीम के 10वें विकेट के रूप में आउट हो गए।

बोल्ड होने के बाद इंग्लैंड के गस एटकिंसन निराश होकर पवेलियन लौटते हुए।

जीत सेलिब्रेट करते भारतीय प्लेयर्स।

लंदन के दर्शकों का अभिवादन करते भारतीय प्लेयर्स।

प्लेयर ऑफ द मैच मेडल के साथ मोहम्मद सिराज।

भारत को द ओवल टेस्ट जिताने वाले तीनों तेज गेंदबाज। बाएं से आकाशदीप, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा।

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के साथ इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और भारत के कप्तान शुभमन गिल।

सीरीज ड्रॉ कराने के बाद फोटोशूट के दौरान टीम इंडिया के प्लेयर्स।

मोहम्मद सिराज ने दूसरी पारी में 5 विकेट लिए। वे प्लेयर ऑफ द मैच बने। उन्होंने पहली पारी में 4 विकेट लिए थे।