India Richest Woman Savitri Jindal BJP Ticket Controversy Kurukshetra MP Naveen Jindal | सावित्री जिंदल को सांसद बेटे का समर्थन: बोले- मैं साथ हूं, पार्टी का फैसला भी सही; पूर्व विधायक ने लिया निर्दलीय लड़ने का फैसला – Haryana News

देश की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार उद्योगपति सावित्री जिंदल की बीजेपी से बगावत को उनके बेटे नवीन जिंदल ने सही बताया है। बता दें कि नवीन कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं।

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एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने कहा है कि “मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मैं अपनी मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं”।

जिंदल ने कहा कि “मेरी मां के 4 बेटे और 5 बहनें हैं, हम कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। इसके अलावा पूरा हिसार मेरा परिवार है। मेरे पिता और मेरी मां का हिसार लंबे समय से कार्यक्षेत्र है, यहां के लोग भी उनका परिवार है। इस कारण से मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा”।

टिकट कटने के बाद जिंदल हाउस में जमा समर्थक।

टिकट कटने के बाद जिंदल हाउस में जमा समर्थक।

सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए सावित्री जिंदल की बगावत

1. लिस्ट जारी होते ही शुरू हुई बगावत
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। हालांकि बुधवार की सुबह ही सावित्री जिंदल दिल्ली पहुंच चुकी थी। लेकिन जब उन्हें पता लगा की सूची में उनका नाम नहीं है तो वह हिसार वापस लौट आईं। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, सावित्री जिंदल की टिकट कटने के बाद हिसार के जिंदल हाउस में भी हलचल बढ़ गई। परिवार के कई करीबियों ने फोन कर इस मामले पर चर्चा की।

2. सुबह होते ही जिंदल हाउस पहुंचे समर्थक
वहीं गुरुवार सुबह होते ही जिंदल परिवार के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचने लगे। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। जहां सभी के साथ चर्चा के बाद देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत का ऐलान कर दिया। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

3. क्या बोलीं सावित्री जिंदल
चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा।

इन चार कारणों से सावित्री जिंदल को नहीं मिली टिकट
1.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता सावित्री जिंदल को चुनाव में हरा चुके हैं। दो ही महीने पहले पार्टी से जुड़े जिंदल परिवार के कारण अगर संघ और पार्टी से जुड़े मंत्री का टिकट काटता तो पार्टी में गलत मैसेज जाने का डर था।

2. डॉ. कमल गुप्ता ने टिकट कटने की खबरों के बीच पूर्व सीएम मनोहर लाल से 2 बार मुलाकात की। बताया जा रहा है कि 2 सितंबर को जब फाइनल सूची तैयार की गई उसमें सावित्री जिंदल का नाम था। मगर खट्‌टर ने जब अपने आवास पर रात को बैठक बुलाई तब सावित्री जिंदल का नाम काटकर सूची में कमल गुप्ता का नाम जोड़ दिया गया।

3. डॉ. कमल गुप्ता RSS से जुड़े हुए हैं और इसका भी उन्हें फायदा मिला है। सूत्रों की मानें तो जिन लोगों ने कमल गुप्ता को टिकट दिलवाने के लिए लॉबिंग की है वो संघ के पुराने प्रचारक हैं जो आज अखिल भारतीय स्तर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

4. कमल गुप्ता का ससुराल इंदौर है। इस नाते कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, साथ ही विजयवर्गीय भी डॉ. कमल गुप्ता को दामाद मानते हैं। इस नाते भी कैलाश विजयवर्गीय ने टिकट दिलाने में कमल गुप्ता की पूरी मदद की।

अब 4 पार्टियों से होगा मुकाबला
सावित्री जिंदल अगर चुनाव लड़ती हैं तो उनका मुकाबला 4 पार्टियों से होगा। जिसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के साथ ही होगा। बता दें कि डॉ. कमल गुप्ता और सावित्री जिंदल 2014 में भी आमने-सामने हो चुके हैं, हालांकि तब सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से और कमल गुप्ता ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बिजनेसमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता की मदद की थी।

ओपी जिंदल और उनके बेटे पृथ्वीराज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिंदल।

ओपी जिंदल और उनके बेटे पृथ्वीराज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिंदल।

जानिए सावित्री जिंदल का हिसार कनेक्शन
ओपी जिंदल ने हिसार आकर सबसे पहले बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। इससे आमदनी शुरू हुई तो 1962 में हिसार में भी फैक्ट्री खोल दी। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री खोली। आज इसका नाम स्टेनलेस है। अब जिंदल ग्रुप का देश विदेश में इस्पात, बिजली, सीमेंट और बुनियादी ढांचे में निवेश है।

साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल समूह की कंपनियों का 4 बेटों में बंटवारा हो गया। उनमें से एक बिजनेस टाइकून सज्जन जिंदल हैं, जो JSW स्टील चलाते हैं।

सावित्री जिंदल अपने पति ओपी जिंदल व बच्चों के साथ।

सावित्री जिंदल अपने पति ओपी जिंदल व बच्चों के साथ।

सावित्री जिंदल 2.77 लाख करोड़ की मालकिन
जिंदल परिवार की मुखिया एवं जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल देश में चौथे नंबर पर सबसे अमीर हैं। इसके अलावा वह देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। इनके बेटे नवीन जिंदल कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। फॉर्च्यून इंडिया द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन हैं। टॉप 10 में वह चौथे स्थान पर हैं और इकलौती महिला हैं।

परिवार के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं सावित्री जिंदल
1.
सावित्री जिंदल ने एशियावन मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि “मैं आम भारतीय नारी की तरह ही घर में रहकर परिवार की देखभाल कर रही थी। अचानक पति (ओपी जिंदल) की मौत के बाद मुझे बिजनेस संभालना पड़ा। अगर किसी के पिता का साया अचानक सिर से उठ जाए तो मां को पिता की भूमिका निभानी पड़ती है। जिंदल साहब अपने पीछे समाज और परिवार को प्रेम के सूत्र में बांधे रखने की विरासत छोड़ गए थे”।

2. ओपी जिंदल के बारे में आगे और बताते हुए उन्होंने कहा- “उनमें सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी, इसलिए उनसे प्रेरणा लेकर मैंने एक कड़ी के रूप में अपनी भूमिका निभाई। बच्चों के साथ भी और हिसार-हरियाणा परिवार के साथ भी। मुझे अपने बच्चों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने जिंदल साहब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए न सिर्फ बिजनेस को सफलतापूर्वक संभाला है, बल्कि प्यार से साथ रहकर अपना बिजनेस और परिवार भी एक साथ चला रहे हैं”।

3. अपने बच्चों के बारे में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा “आज के माहौल में दो भाइयों का एक साथ रहना मुश्किल है, लेकिन हमारे लिए यह बड़ी बात है कि मेरे सभी बच्चे एक साथ प्यार से रह रहे हैं। जिंदल साहब की भी यही सोच थी कि सबको मिलजुल कर रहना चाहिए और हमारे बच्चे उनकी इच्छा का सम्मान करते थे। हम सब एक साथ हैं। मेरी नजर में प्यार और आपसी विश्वास ही सफलता की कुंजी है”।

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