नई दिल्ली2 घंटे पहले
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अमेरिका के 50% टैरिफ के बाद भारत ने चीन को अपना एक्सपोर्ट बढ़ा दिया है। 2025-26 के पहले छह महीनों में ये पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22% बढ़ गया।
अप्रैल से सितंबर 2025 में भारत ने चीन को 8.41 अरब डॉलर (करीब ₹74 हजार करोड़) का माल बेचा, जो पिछले साल 6.90 अरब डॉलर (करीब ₹60 हजार करोड़) था। ये बढ़त टेलीफोन सेट के पार्ट्स, झींगे, एल्युमिनियम जैसी चीजों से आई है।
पहली बार OLED के फ्लैट पैनल डिस्प्ले मॉड्यूल्स एक्सपोर्ट किए
- अप्रैल-सितंबर में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट 116% बढ़ गया। ये 686 मिलियन डॉलर (₹6 हजार करोड़) से 1.48 अरब डॉलर (₹13 हजार करोड़) पर पहुंच गया।
- टेलीफोन सेट के पार्ट्स का एक्सपोर्ट 162% बढ़ गया। ये। 178 मिलियन डॉलर (करीब ₹1565 करोड़) से बढ़कर 467 मिलियन डॉलर (करीब ₹4,100 करोड़) हो गया है।
- फ्रोजन झींगे और प्रॉन्स का एक्सपोर्ट 25% बढ़ा है। ये 373 मिलियन (करीब 3,200 करोड़ रुपए) से बढ़कर 467 मिलियन (करीब 4,100 करोड़ रुपए) पहुंच गया है।
- एल्युमिनियम एक्सपोर्ट 59% बढ़कर 191 मिलियन डॉलर (₹1680 करोड़ रुपए) और सल्फर एक्सपोर्ट 175% बढ़कर 116 मिलियन डॉलर (1 हजार करोड़ रुपए) हो है।
- कुछ नई चीजें भी एक्सपोर्ट में शामिल हुई है। जैसे OLED के फ्लैट पैनल डिस्प्ले मॉड्यूल्स का पिछले साल एक्सपोर्ट जीरो था। ये 246 मिलियन डॉलर (₹2100 करोड़) हो गया।

अभी इसे स्ट्रक्चरल शिफ्ट नहीं कह सकते
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के CEO अजय सहाय ने कहा- 22% की बढ़ोतरी एक्सपोर्टर्स की कंपटीटिवनेस का संकेत है, खासकर झींगे, एल्युमिनियम और टेलीफोन पार्ट्स में। लेकिन अभी इसे स्ट्रक्चरल शिफ्ट नहीं कह सकते।
उन्होंने कहा- ट्रेडिशनल मार्केट्स जैसे यूएस से दूर जाना अच्छा है, लेकिन हमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते बाजारों में और गहराई लानी होगी। साथ ही यूएस और ईयू के साथ हाई-वैल्यू ट्रेड को मजबूत रखना पड़ेगा।
27 अगस्त से 50% अमेरिकी टैरिफ लागू हुआ था
भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर 27 अगस्त से 50% टैरिफ लागू हुआ था। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का अनुमान है इस टैरिफ से भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकते हैं।
