- Hindi News
- National
- India Bangladesh Map Controversy; S Jaishankar Congress | Bihar Jharkhand Odisha
नई दिल्ली1 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 31 अगस्त को राज्यसभा में लिखित जवाब दिया है।
बांग्लादेश के विवादित मैप का मुद्दा संसद में भी उठा। भारत के 7 राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश के मैप में दिखाया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल उठाया।
सुरजेवाला ने कहा- सरकार इस मुद्दे पर क्या कर रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखित जवाब में कहा- हम इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है। सरकार इस तरह के प्रोपेगेंडा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

31 जुलाई को बांग्लादेश में एक हिंदू संगठन ने विवादित नक्शे की तस्वीर पोस्ट कर बांग्लादेश सरकार पर सवाल उठाए थे।
अब जानिए क्या है पूरा मामला विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, विवादित नक्शा 14 अप्रैल, 2025 को ढाका यूनिवर्सिटी में आयोजित एक प्रदर्शनी में लगाया गया था। आरोप है कि ढाका में मौजूद इस्लामिक ग्रुप ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ की तरफ से ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा तैयार किया गया है।
‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ को ‘तुर्की यूथ फेडरेशन’ नाम एक तुर्की NGO का सपोर्ट है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के आने के बाद तुर्की-बांग्लादेश संबंध मजबूत हुए हैं। तुर्की के NGO की एक्टीविटीज और मिलिट्री कोऑपरेशन में भी इजाफा हुआ है।
सुरजेवाला ने राज्यसभा में मुद्दा उठाया, 2 सवाल
- विवादित मैप को लेकर सुरजेवाला ने सरकार से बांग्लादेश में तुर्की समर्थित एक कट्टरपंथी समूह के बारे में जानकारी मांगी थी। जो भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को शामिल करते हुए ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ नक्शे को बढ़ावा देने में शामिल है।
- कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या सरकार ने इस मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के साथ कूटनीतिक रूप से उठाया है और क्या सरकार ने बांग्लादेश में तुर्की और पाकिस्तान की बढ़ती भागीदारी के सुरक्षा निहितार्थों का आकलन किया है।

विदेश मंत्री का जवाब, 4 पॉइंट में
- सरकार ने उन रिपोर्टों का संज्ञान लिया है जिनमें ढाका में ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ नामक एक इस्लामी ग्रुप की तरफ से ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक नक्शा जारी किया है जिसमें भारत के कुछ हिस्से शामिल हैं।
- बांग्लादेश सरकार के फैक्ट चेकर प्लेटफॉर्म ‘बांग्लाफैक्ट’ ने दावा किया है कि बांग्लादेश में ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ के संचालन का कोई सबूत नहीं है।
- बयान में आगे स्पष्ट किया गया है कि यह ‘नक्शा’ तथाकथित पुराने बंगाल सल्तनत के संदर्भ में एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था।
- भारत सरकार उन सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं जिनका भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है और इसकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती रहती है।
पिछले साल भी सामने आया था ऐसा विवादित नक्शा

दिसंबर 20024 में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस के सलाहकार महफूज आलम ने बांग्लादेश का एक गलत नक्शा पोस्ट किया था। इस नक्शे में महफूज आलम ने भारत के बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्से को बांग्लादेश में दिखाया था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया था।
शेख हसीना का तख्तापलट 1947 में पूर्वी पाकिस्तान भारत से अलग होकर नया देश बना था। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान पश्चिमी पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। 1975 में बांग्लादेशी सेना ने पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। वहीं, 5 अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया गया था।

——————–
ये खबर भी पढ़ें…
सरकार ने बांग्लादेशी सामानों पर नए प्रतिबंध लगाए: भारत के कपड़ा मार्केट को फायदा

भारत ने बांग्लादेश से होने वाले आयात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इस कदम से बांग्लादेश की पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था पर और दबाव पड़ने की संभावना है। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने 17 मई को इसकी घोषणा की थी। पूरी खबर पढ़ें…