- Hindi News
- Business
- Income Tax Saving Options Explained; Old And New Tax Regimes | ITR Filing
नई दिल्ली15 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
साल 2023-24 के लिए 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। ITR भरने के लिए 2 टैक्स रिजीम के ऑप्शन मिलते हैं। पहली या पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आप 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।
वहीं नई टैक्स रिजीम चुनने पर 3 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत सैलरीड पर्सन 7.5 लाख रुपए तक की इनकम पर और अन्य लोग 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
आज हम आपको ITR भरने के लिए मिलने वाली इन दोनों टैक्स रिजीम के बारे में बता रहे हैं। ताकि आप अपने लिए सही टैक्स रिजीम चुनकर टैक्स बचा सकें
पहले पुरानी टैक्स रिजीम को उदाहरण से समझें-
भोपाल के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) कार्तिक गुप्ता के अनुसार मान लीजिए, अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। पुराने टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2.5 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5% के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 12,500 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर सरकार इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।
इसमें एक पेंच भी है। अगर आपकी कमाई 5 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए पर नहीं बल्कि ढाई लाख एक रुपए पर टैक्स चुकाना होगा। अब 2.5 लाख रुपए पर 5% के हिसाब से 12,500 रुपए की टैक्स देनदारी बनेगी। वहीं बचे हुए 1 रुपए पर 20% के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। यानी, 12,501 रुपए टैक्स चुकाना होगा।
नई टैक्स रिजीम को उदाहरण से समझें
मान लीजिए, किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। नई टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5% के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 10,000 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर इस रिजीम में सरकार 7.5 लाख तक की इनकम पर टैक्स को सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।
इसमें भी एक पेंच है। अगर आप सैलरीड है और आपकी कमाई 7.5 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए पर नहीं बल्कि 4,50,001 रुपए पर टैक्स चुकाना होगा। अब 3 लाख रुपए का टैक्स माफ होने के बाद बचे हुए 4,50001 रुपए में से 3 लाख रुपए पर 5% की दर से 15,000 रुपए और बाकी 1,50,001 रुपए पर 10% की दर से 15,000 रुपए चुकाने होंगे।
यानी टैक्स की कुल देनदारी 30,000 रुपए बनेगी। यहां हम आपको ये भी बता दें कि जो लोग सैलरीड नहीं है उन्हें टैक्स डिडक्शन का फायदा 7 लाख रुपए तक की रकम पर ही मिलता है। नए टैक्स सिस्टम में सैलरीड लोगों को 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा अलग से मिलता है, इसलिए उनकी 7.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाती है।
पुरानी और नई टैक्स रिजीम में अंतर, 2020 में दिया था नया ऑप्शन
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।
पुराने टैक्स रिजीम पर इनकम टैक्स एक्स के सेक्शन 80C के तहत 1,50,000 रुपए तक का डिडक्शन मिलता है। इसके अलावा और भी कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा पुरानी रिजीम में लिया जा सकता है। एक और बड़ा अंतर यह है कि पुरानी रिजीम में सेक्शन 87A के तहत रिबेट के बाद 5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री होती है, जबकि नई रिजीम में 7.5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाती है।
आपके लिए कौन-सी टैक्स रिजीम सही रहेगी?
अगर आप सैलरीड हैं और आपकी सालाना इनकम 7.5 लाख रुपए तक है तो आप नई टैक्स रिजीम चुन सकते हैं। इसमें आप पर कोई टैक्स नहीं बनेगा। वहीं अगर आपकी सालाना इनकम 7.5 लाख रुपए से ज्यादा है और आपने ऐसे कई निवेश कर रखे हैं जिनमें आपको टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है तो आप पुरानी टैक्स रिजीम चुन सकते हैं।
इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल साइट पर इनकम टैक्स कैलकुलेटर दिया गया है। इसकी मदद से आप आसानी से ये कैलकुलेट कर पाएंगे कि आप पर किस टैक्स रिजीम में कितना टैक्स बनेगा। इसके बाद आप अपने हिसाब से अपने लिए सही टैक्स रिजीम चुन सकेंगे। इसके अलावा आप CA की मदद भी ले सकते हैं।