मध्य प्रदेश में रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी तीन कंपनियों त्रिशूल, ईशान और क्वालिटी कंस्ट्रक्शन पर आयकर विभाग ने बड़ी छापेमारी की। बुधवार सुबह 6:43 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में कुल 52 ठिकानों पर सर्चिंग की गई। कंपन
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देर रात तक की सर्चिंग में करीब 3 करोड़ रुपए नकद, लाखों के जेवर और 12 बैंक लॉकर्स की जानकारी मिली है। मामला सूरज नगर, रातीबड़, नीलबड़ क्षेत्र में कम कीमत की जमीन खरीदकर महंगे दामों में बेचने से जुड़ा है। सूत्रों का कहना है कि छापे में मप्र के वरिष्ठ आईएएस अफसर के करीबियों की पड़ताल की जा रही है। टीम ने छापे के दौरान लोकल पुलिस की मदद नहीं ली।
दस्तावेजों में कुछ ब्यूरोक्रेट्स के खरीदे प्लॉट्स की जानकारी
सवा सौ वाहनों के साथ आयकर टीम के 500 सदस्य तीनों शहरों में पहुंचे। भोपाल में नीलबड़, रातीबड़, नर्मदापुरम रोड, मेंडोरा, दस नंबर मार्केट व कस्तूरबा नगर समेत पुराने शहर के कुल 49 ठिकानों पर कार्रवाई की गई। अफसरों का कहना है कि तीनों कंपनियों के राजेश शर्मा, राजकुमार सिकरवार, रामवीर सिकरवार और इनसे जुड़े लोगों के यहां कार्रवाई जारी है।
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के संचालक राजेश शर्मा के कस्तूरबा नगर स्थित बंगले के अलावा टीम सूरज नगर रोड स्थित रेसीडेंशियल प्रोजेक्ट सेंट्रल पार्क के दफ्तर भी पहुंची। टीम ने प्लॉट बुकिंग व अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं।
जेवी में 31.71 एकड़ की कॉलोनी : शर्मा ने सूरज नगर के पास सेंट्रल पार्क नाम से ज्वाइंट वेंचर (जेवी) में कॉलोनी बनाई है। 31.71 एकड़ में बनी इस कॉलोनी में कुल 79 प्लॉट हैं। इस प्रोजेक्ट में ईशान ग्रुप के संचालक बिजनेस पार्टनर हैं, जबकि जमीन कुनाल बिल्डर्स के संचालक कुनाल व प्रदीप अग्रवाल हैं। अनुबंध शर्तों के आधार पर प्रोजेक्ट के 60 फीसदी प्लॉट की बिक्री कुनाल बिल्डर्स एंड डेवलपर्स करेंगे। शेष 40% प्लॉट की बिक्री राजेश शर्मा व उनके बिजनेस पार्टनर करेंगे।
बेनामी संपत्तियों की भी पड़ताल : सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों में कई ब्यूरोक्रेट्स द्वारा खरीदे प्लॉट की जानकारी और कैश डीटेल्स भी हैं। शर्मा को वरिष्ठ आईएएस का करीबी भी कहा जाता रहा है। टीम बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी खंगाल रही है। सूत्रों का कहना है कि इसमें भी कुछ ब्यूरोक्रेट्स के नाम भी सामने आ रहे हैं। बड़े सरकारी ठेके में भी गड़बड़ियां सामने आ सकती हैं।
सदन में कटारे बोले- पूर्व मुख्य सचिव भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने सदन में इनकम टैक्स की छापेमारी का मुद्दा उठाया। कटारे ने कहा कि मैं जिस दिन सदन में पहली बार चुनकर आया था, तभी से आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहा हूं। ध्यानाकर्षण भी लगाया था, लेकिन कोई सदन में कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस भ्रष्टाचार के मास्टर माइंड पूर्व मुख्य सचिव हैं, वे पिछली सरकार वालों के करीबी थे। कोई कुणाल बिल्डर्स हैं, कोई त्रिशूल हैं कोई शर्मा जी हैं, मैं नाम कोट करते हुए कह रहा हूं कि पूर्व मुख्य सचिव की जितनी बेनामी संपत्ति है, इन्हीं के ग्रुप में लगी हैं। कुछ माननीय सदस्य भी हैं, जिनके यहां उनका पैसा जमीनों में लगा है।