नई दिल्ली32 मिनट पहले
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
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में इनकम टैक्स बिल पेश किया।
नया इनकम टैक्स बिल आज यानी गुरुवार, 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया है। 622 पन्नों वाला बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है।
नए इनकम टैक्स बिल की 4 बड़ी बातें…
- इनकम टैक्स बिल में असेसमेंट ईयर को टैक्स ‘ईयर’ से रिप्लेस किया गया है। बिल के पन्ने 823 से घटकर 622 रह गए हैं। हालांकि, चैप्टर्स की संख्या 23 ही है। सेक्शन 298 से बढ़ाकर 536 कर दिए गए हैं और शेड्यूल्स भी 14 से बढ़कर 16 हो गए है।
- क्रिप्टो एसेट्स को किसी भी अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, जैसे अभी नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी पारदर्शी और कानूनी तरीके से कंट्रोल किया जा सके।
- बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर को शामिल किया गया है, जो टैक्स पेयर्स के अधिकारों को प्रोटेक्ट करेगा और टैक्स प्रशासन को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाएगा। यह चार्टर टैक्सपेयर्स के हितों की रक्षा करने के साथ टैक्स अधिकारियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को भी साफ करेगा।
- सैलरी से संबंधित कटौतियां, जैसे कि स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट को अब एक ही जगह पर लिस्ट कर दिया गया है। पुराने कानून में मौजूद मुश्किल एक्सप्लेनेशन और प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए इसे समझना आसान हो जाएगा।
न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की कमाई पर टैक्स नहीं
इससे पहले बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई थी। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी।
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संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा बिल
नए इनकम टैक्स बिल को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। समिति अपनी सिफारिशें देगी, फिर सरकार कैबिनेट के माध्यम से इस पर निर्णय लेगी कि क्या इन संशोधनों को शामिल करने की जरूरत है।
इसके बाद विधेयक संसद में वापस आएगा और फिर सरकार इसके रोलआउट की तारीख पर फैसला करेगी। सरकार पिछले कई सालों से इनकम टैक्स कानून को आसान बनाने की कोशिश कर रही थी। इसके लिए 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।