Income Tax Bill Changes Explained; Word Count | Legal Policy | इनकम टैक्स को समझना और आसान होगा: एक्ट में शब्दों को आधा कर 2.5 लाख कर रही सरकार; टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं होगा

मुंबई30 मिनट पहले

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सोमवार (21 जुलाई) को पांडा ने नए इनकम टैक्स बिल पर सिलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी। - Dainik Bhaskar

सोमवार (21 जुलाई) को पांडा ने नए इनकम टैक्स बिल पर सिलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी।

सरकार टैक्स कानूनों को आसान बनाने के लिए नया इनकम टैक्स बिल लेकर आ रही है। इसमें टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए इनकम टैक्स एक्ट के शब्दों की संख्या को लगभग 50 फीसदी घटाकर करीब 5 लाख से 2.5 लाख किया गया है।

सांसद और फाइनेंस सिलेक्ट कमेटी के चेयरमैन बिजयंत जय पांडा ने मंगलवार को इस कानूनी बदलाव के बारे में बात करते हुए कहा कि नए ड्राफ्ट बिल में इनकम टैक्स एक्ट में बहुत ही आसान फॉर्मूले और टेबल दिए गए हैं ताकि यह और सरल हो जाए।

टैक्स पॉलिसी और दरों में कोई बदलाव नहीं

पांडा ने कहा, इस बिल में इनकम टैक्स पॉलिसी या टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमने ऐसा सोचा भी नहीं था। फिलहाल, यह सुनिश्चित करना था कि कानून सरल हो।

सोमवार (21 जुलाई) को पांडा ने नए इनकम टैक्स बिल पर सिलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी। रिपोर्ट में इनकम टैक्स से जुड़ीं परिभाषाओं को और सख्त करने, स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण बदलावों का सुझाव दिया है।

सांसद और फाइनेंस सिलेक्ट कमेटी के चेयरमैन बिजयंत जय पांडा

सांसद और फाइनेंस सिलेक्ट कमेटी के चेयरमैन बिजयंत जय पांडा

इस बिल में क्या खास है?

इस काम में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के करीब 150 अफसरों की कमेटी लगी थी। नए बिल को अंतिम रूप देने में 60 हजार से ज्यादा घंटे लगे। इनकम टैक्स बिल को आसान, समझने लायक बनाने और गैर-जरूरी प्रावधान हटाने के लिए 20,976 ऑनलाइन सुझाव मिले।

इनका विश्लेषण किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मशविरा किया गया। ऐसे संशोधन कर चुके ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन से भी सलाह ली गई। 2009 और 2019 में इस संदर्भ में तैयार किए गए दस्तावेजों का अध्ययन भी किया गया।

नया इनकम टैक्स बिल गुरुवार, 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया। 622 पन्नों वाला बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है।

नए इनकम टैक्स बिल की 4 बड़ी बातें…

इनकम टैक्स बिल में असेसमेंट ईयर को टैक्स ‘ईयर’ से रिप्लेस किया गया है। बिल के पन्ने 823 से घटकर 622 रह गए हैं। हालांकि, चैप्टर्स की संख्या 23 ही है। सेक्शन 298 से बढ़ाकर 536 कर दिए गए हैं और शेड्यूल्स भी 14 से बढ़कर 16 हो गए है।

क्रिप्टो एसेट्स को किसी भी अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, जैसे अभी नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी पारदर्शी और कानूनी तरीके से कंट्रोल किया जा सके।

बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर को शामिल किया गया है, जो टैक्स पेयर्स के अधिकारों को प्रोटेक्ट करेगा और टैक्स प्रशासन को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाएगा। यह चार्टर टैक्सपेयर्स के हितों की रक्षा करने के साथ टैक्स अधिकारियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को भी साफ करेगा।

सैलरी से संबंधित कटौतियां, जैसे कि स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट को अब एक ही जगह पर लिस्ट कर दिया गया है। पुराने कानून में मौजूद मुश्किल एक्सप्लेनेशन और प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए इसे समझना आसान हो जाएगा।

12 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री की

1 फरवरी को पेश बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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नया इनकम टैक्स बिल आज यानी गुरुवार, 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया है। 622 पन्नों वाला बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है।

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नया इनकम-टैक्स बिल तैयार करने में 60 हजार घंटे लगे: 20,976 सुझाव मिले, जानें ये कैसे बना और इसमें क्या है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में नया आयकर बिल पेश किया है। यह लोकसभा में पास हो गया। आइए जानते हैं कि इस बिल में क्या खास है?

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