प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र को नए वर्ष में रेलवे नई वंदेभारत ट्रेन की सौगात देगा। रेलवे की सौगात से पूर्वांचल से लेकर पश्चिमांचल तक श्रद्धालुओं और पर्यटकों को लाभ मिलेगा। भारतीय रेलवे ने मेरठ-लखनऊ वंदे भारत को काशी तक विस्तारित करने का फैसला लिया
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उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से रूट का सर्वे कराया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर, सबकुछ ठीक रहा तो नए साल के पहले सप्ताह में ही मेरठ-लखनऊ वंदे भारत को वाराणसी के बीच चलाया जा सकता है। इस रूट पर हाईस्पीड वंदे भारत से चलने से यात्रियों को बड़ी सहूलियत होगी। अब बनारस से चलने वाली वंदेभारत ट्रेनों की संख्या 7 हो जाएगी।
यात्रियों की माने तो वर्तमान में पश्चिम से पूर्वांचल के बीच इस तरह की कोई हाईस्पीड ट्रेन नहीं है। लिहाजा, इस गाड़ी के चलने से यात्रा काफी आरामदायक होगी। वाराणसी-मेरठ के बीच सीधी सेवा की यह एकमात्र ट्रेन होगी। अभी तक वाराणसी-मेरठ के बीच सीधी सेवा वाराणसी समेत आसपास के जिलों से भी नहीं है। ऐसे में वाराणसी समेत पूर्वांचल के यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा होगी।
ये रहेगा वंदे भारत का शेड्यूल
रेलवे ने वंदे भारत का टाइम शेड्यूल तैयार किया है जिसमें वंदे भारत सुबह मेरठ से चलकर शाम 6:15 बजे वाराणसी पहुंचेगी। वाराणसी से रोजाना सुबह 9:00 बजे चलकर रात 9:00 बजे मेरठ आएगी। अयोध्या और वाराणसी के लिए नई ट्रेन को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि बात उठा चुके हैं।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड से सर्वे को हरी झंडी मिल चुकी है। सर्वे के तहत इसके ठहराव, रूट और समय, किराये को लेकर मंथन चल रहा था। 31 अगस्त से मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस संचालित है। हालांकि यह ट्रेन इस रूट पर यात्रियों की कमी से जूझ रही है, रेलवे बोर्ड ने वाराणसी तक संचालित किए जाने का निर्णय लिया है।