In Barwani, Hindus and Muslims together make the effigy of Ravana. | बड़वानी में हिंदू-मुस्लिम मिलकर बनाते हैं रावण का पुतला: 30 सालों से आर्टिस्ट ग्रुप एक साथ करते हैं काम; भाईचारे और एकता प्रतीक – Barwani News

हिंदू और मुस्लिम कारीगर एक साथ काम कर करते हैं।

बड़वानी जिले के अंजड़ नगर में एक अनोखी परंपरा 30 सालों से चली आ रही है, जहां एक आर्टिस्ट ग्रुप दशहरे के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले बनाता है। इस ग्रुप में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के कारीगर शामिल हैं, जो भाईचारे का संदेश देते हैं।

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यह ग्रुप केवल दशहरे के पुतले ही नहीं, बल्कि गणेश उत्सव की झांकियां और मोहर्रम के ताजिये भी तैयार करता है। यह परंपरा न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार देती है, बल्कि समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे का अनूठा संदेश भी फैलाती है।

अंजड़ के आर्टिस्ट ग्रुप बनाते हैं दशहरे पर रावण का पुतला।

अंजड़ के आर्टिस्ट ग्रुप बनाते हैं दशहरे पर रावण का पुतला।

यह व्यवसाय नहीं, आपसी भाईचारे का प्रतीक

ग्रुप के सदस्य किशोर बावनिया और छोटू शाह पेंटर सहित 10 कारीगरों की टीम ने इस बार सिलावद और साली के लिए रावण के पुतलों का निर्माण किया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि उनके लिए यह काम केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे का प्रतीक है। उनका मानना है कि त्योहार सबके होते हैं और सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए।

10 से अधिक कारीगरों की यह टीम महीनों तक कड़ी मेहनत कर बांस और कागज से विशाल पुतले तैयार करती है, जो दशहरे पर मुख्य आकर्षण का केंद्र बनते हैं। किशोर बावनिया के अनुसार, यह परंपरा रोजगार के साथ-साथ समाज में प्यार और आपसी एकता का संदेश भी देती है।

बांस और कागज से बने विशाल पुतले मुख्य आकर्षण बनते हैं।

बांस और कागज से बने विशाल पुतले मुख्य आकर्षण बनते हैं।

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