If you have hope and faith, you can conquer any Everest that comes your way in life | आशा व विश्वास हो तो जीवन में आने वाले किसी भी एवरेस्ट को कर सकते हैं फतह – Ranchi News


जैप-1 के शौर्य सभागार डोरंडा में रविवार को ‘एवरेस्ट समिट 2.0 बियोंड द माउंटेंस’’ में देशभर के 19 पर्वतारोहियों ने अपने एवरेस्ट यात्रा के बारे में बताया। इस दौरान आई चुनौतियों को साझा किया और लोगों को प्रेरित किया। आयोजन आयडिएट इंस्पायर इग्नाइट फाउंडे

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डॉ. तूलिका ने कहा- हमें अपने आप को जानने के लिए एवरेस्ट पर चढ़ना चाहिए

उत्तर प्रदेश की स्क्वाड्रन डॉ. तूलिका रानी ने 10 सालों तक इंडियन एयर फोर्स में अपनी सेवा देने के बाद साल 2012 में एवरेस्ट फतह की। डॉ. तूलिका ने कहा हमें अपने आप को जानने के लिए एवरेस्ट चढ़ना चाहिए। आशा और विश्वास को अपनी शक्ति बताई। युवाओं को फेलियर के लिए खुद की कमियों पर ध्यान देने को कहा। डॉ. उषा हेगड़े एवरेस्ट फतह करने वाली कर्नाटक की पहली नागरिक हैं। कार्यक्रम में युवाओं से पैसे बचाकर पैशन फॉलो करने की बात कही। घर, काम और एवरेस्ट के बीच सामंजस्य को बताया। संगीता सिंधी बहल ने कहा कि खुद पर भरोसा हो तो किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकते हैं। मौके पर उनकी लिखी कॉफी टेबल बुक ‘रिचिंग फोर द स्काई’ का लोकार्पण तेंजिंग जैमलिंग ने किया। सुनील नटराज ने साल 2022 में एवरेस्ट पर फतह की।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषता मालवथ पूर्णा की भागीदारी रही, जिन्होंने साल 2014 में सिर्फ 13 साल और 11 महीने की उम्र में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़कर दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बनने का रिकॉर्ड बनाया है। साथ शामिल हुए देश की दूसरी बाप बेटी की जोड़ी जिन्होंने साल 2024 में एवरेस्ट फतह की। कमांडर एस कार्तिकेयन की बेटी काम्या कार्तिकेयन सिर्फ 16 साल की उम्र में एवरेस्ट फतह कर दुनिया की दूसरी सबसे युवा बनी। काम्या के सातों हाइएस्ट पीक पर चढ़ने के मिशन साहस को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने भी सराहा है। साल 2021 में काम्या को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

कार्यक्रम में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली कई बेटियां पहुंचीं

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