अलकेमिस्ट एविएशन के विमान हादसे में मृत कैप्टन जीत शत्रु आनंद व ट्रेनी पायलट शुभ्रोदीप दत्ता के परिजनों को मुआवजा देने के लिए न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने शुक्रवार को सर्वे का काम शुरू किया। सबकुछ ठीक रहा, यानी विमान डीजीसीए के नियमानुसार चल रहा थ
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट… पायलट पानी में गिरने से पहले अचेत थे
पोस्टमार्टम हाउस में दर्ज नोट के अनुसार, पायलट व ट्रेनी पायलट की मौत विमान दुर्घटना के दौरान ऊंचाई से पानी में गिरने के कारण दर्ज हुई है। पोस्टमार्टम हाउस से जुड़े सूत्रों ने बताया- दोनों मृतकों का बिसरा सुरक्षित रखा गया है। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मौत की असली वजह क्या है। अभी तक की रिपोर्ट में इस बात के संकेत मिले हैं कि दोनों पायलट पानी में गिरने से पहले अचेत थे।
कैप्टन जीत का पटना में अंतिम संस्कार
विमान दुर्घटना में मृत कैप्टन जीत शत्रु आनंद का पार्थिव शरीर लेकर परिजन शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे पटना पहुंचे। सुबह 10 बजे पटना के बांस घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई मुकुल आनंद ने मुखाग्नि दी। जीत तीन भाइयों मंे सबसे छोटे थे। मंझले भाई किशोर आनंद ने बताया- जीतशत्रु ने दिल्ली के एक निजी एयरक्राफ्ट में ज्वाइन करने के लिए परीक्षा दी थी। 18 अगस्त को जीत ने पिता को मोबाइल गिफ्ट की थी। 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन वे कार से जमशेदपुर के लिए रवाना हुए थे।
शुभ्रोदीप के अंतिम संस्कार में ट्रेनी भी शामिल
ट्रेनी पायलट शुभ्रोदीप दत्ता का शुक्रवार को पार्वती घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। दोपहर दो बजे शुभ्रोदीप का शव उनके आवास पहुंचा। माता-पिता के साथ परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। अपार्टमेंट के नीचे एंबुलेंस में ही श्रद्धांजलि व िनयम कर लोग बर्निंग घाट रवाना हो गए। इकलौते संतान के असमय जाने के सदमे से प्रदीप दत्ता-सुपर्णा दत्ता पूरी तरह टूट चुके हैं। शुक्रवार को दोनों शून्य आंखों से पूूरे घटनाक्रम को देख रहे थे। शुभ्रोदीप का अंतिम संस्कार उसके पिता ने बंगाली रीति रिवाज से कराया। मौके पर परिजन, पड़ोसियों के अलावा शुभ्रोदीप के ट्रेनी पायलट दोस्त भी उपस्थित थे।
डीजीसीए को जांच से भटकाने का प्रयास कर रहे प्रतिद्वंदी
दोनों मृतकों का बिसरा सुरक्षित रखा गया
आशंका… 2500 फीट पर विमान में खराबी से घबराए
कैप्टन-ट्रेनी पायलट का शव देख एविएशन से जुड़े जानकारों ने कहा- ऐसी स्थिति तब होती है जब विमान ऊंचाई पर बंद हो जाता है और गुरुत्वाकर्षण के कारण तेजी से गिरता है। ऐसे में पायलट पर दबाव बढ़ता है। दबाव का स्तर अधिक होने पर तथा उसके बर्दाश्त नहीं करने पर बेहोशी, हार्ट फेल्योर, ब्रेन हेमरेज की आशंका होती है। इसलिए आशंका है कि 2500 फीट ऊंचाई पर इंजन फेल होने पर विमान गिरा और यह दबाव कैप्टन व ट्रेनी पायलट नहीं झेल सके।