I worked on TV with a stone in my heart | दिल पे पत्थर रखकर टीवी पर काम किया: आमिर ने नेपोटिज्म को किया सपोर्ट, बोले- मेरी नजर में यह सही है

2 मिनट पहले

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डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ‘लुटेरे’ में एक्टर आमिर अली के परफॉर्मेंस की खूब तारीफ हो रही है। इस सीरीज का निर्देशन हंसल मेहता के बेटे जय मेहता ने किया है। आमिर अली ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की। वो फिल्मों में करियर बनाना चाह रहे थे, लेकिन जब फिल्मों में सफल नहीं हुए तो दिल पे पत्थर रखकर टीवी में काम किया। आमिर मानते हैं कि टीवी ने उन्हें सब कुछ दिया। एक ऐसा दौर आया जब टीवी को पिकनिक समझकर काम करते थे। लेकिन ओटीटी के आने के बाद अब पैशन के लिए काम कर रहे हैं। हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान आमिर ने अपने करियर और नेपोटिज्म को लेकर बात की।

वेब सीरीज ‘लूटेरे’ के लिए पहली बार जब आपको अप्रोच किया गया, आप का क्या रिएक्शन था?

इस शो के प्रोड्यूसर शैलेश सिंह ने पहली बार मुझे इस शो के बारे बताया था। उन्होंने कहा था कि हम साथ में काम कर रहे हैं, लेकिन इसमें रोल क्या है,वह नहीं बताया था। उसके बाद कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबरा का फोन आया कि शो के डायरेक्टर जय मेहता मिलना चाहते हैं। हंसल मेहता सर के साथ मैंने फिल्म ‘फराज’ की थी। काफी लंबे समय से उनके साथ काम करना चाह रहा था। मुझे नहीं लगता कि ओटीटी पर हंसल मेहता से अच्छा कोई और है।

चर्चा ऐसी भी रही है कि सीरीज में आपने स्टंट सीन खुद ही किए हैं?

मुझे एक एक्शन सीक्वेंस में कार का पीछा करना था। एक्शन डायरेक्टर ने मुझसे कहा कि मुझे स्टंट खुद करना होगा। मैंने उन्हें बताया कि खयेलित्शा सबसे खतरनाक जगहों में से एक है। फिर भी उन्होंने मुझसे इसे करने को कहा। पांच दिनों के बाद जब हमने एक्शन सीक्वेंस पूरा किया, तो मुझे पता चला कि स्टंटमैन खयेलित्शा में आने से डर रहा था। इसलिए मुझे ये खुद ही करना पड़ा। बाद में मुझे पता चला कि मुझे बुद्धू बनाया गया।

आपको लगता है कि ओटीटी के आने से काफी बदलाव आए हैं, आप जैसे टैलेंटेड कलाकारों को अच्छे मौके मिलने लगे हैं?

देखिए,टैलेंट का तो मुझे नहीं पता। लेकिन हां, जब मैंने ओटीटी देखना शुरू किया तब मैंने सोच लिया था कि मुझे ‘द ट्रायल’ और ‘लूटेरे’ जैसे शोज करने हैं। मैं ऐसे मेकर्स के साथ ओटीटी कर रहा हूं जिनके साथ काम करने की मेरी इच्छा थी। मैंने ओटीटी के लिए पहला शो ‘ब्रेकिंग बैड’ देखा था। मुझे वह शो बहुत पसंद आया था। उस तरह का कुछ करना चाहता हूं।

मॉडलिंग, फिल्म, टीवी के बाद अब आप ओटीटी कर रहे हैं, मजा किसमें आया आपको?

मैंने सब में मजे किए। शूटिंग मेरे लिए हमेशा पिकनिक जैसा रहता है। जब मैंने टीवी करना शुरू किया तो एक साल के अंदर बहुत बोर हो गया था। क्योंकि मुझे फिल्में भी करनी थी। टीवी में ब्रेक नहीं मिलता था। महीने के 25 दिन शूटिंग करते थे। फिर मैं शूटिंग की जगह को पिकनिक जैसे समझना शुरू कर दिया। मैंने ऐसे सोच लिया कि शूटिंग नहीं कर रहा, बल्कि प्रोड्यूसर के पैसे पर पिकनिक मना रहा हूं। ओटीटी मेरे लिए अलग है, इसे पैशन के लिए कर रहा हूं।

आपकी फिटनेस का राज क्या है ?

खुशी, हमेशा खुश रहने की कोशिश करता हूं। तनाव सबकी लाइफ में होता है। लेकिन मैं समझता हूं कि आपने लाइफ में जो भी अचीवमेंट की है,उसमें खुश रहने की कोशिश कीजिए।

एक्टिंग के फील्ड में कैसे आए?

मैं एक्टर नहीं बनना चाह रहा था। मैं सहारा एयरलाइंस में केबिन क्रू का काम करता था। लेकिन मैंने यह सोच लिया था कि यह काम हमेशा के लिए नहीं करूंगा। मुझे इंडस्ट्री में कैमरे के पीछे रहकर क्रिएटिव काम करना था। लोग मुझसे अक्सर बोला करते थे कि मॉडलिंग के लिए कोशिश क्यों नहीं करते। मैंने टाइमपास के लिए मॉडलिंग शुरू की। उसी दौरान कब एक्टिंग से प्यार हो गया, मुझे पता ही नहीं चला।

फिल्मों में ब्रेक कैसे मिला था?

फिल्मों में ब्रेक भी मॉडलिंग की वजह से मिला था। मेरी पहली फिल्म ‘ये क्या हो रहा है’ थी। उसके बाद भी मैंने कुछ और फिल्में की थी, लेकिन वो रिलीज नहीं हो पाईं। उसके बाद दिल पे पत्थर रखकर टीवी पर काम करना शुरू कर दिया। क्योंकि उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे और सरवाइव के लिए काम करना जरूरी था। टीवी ने मुझे सब कुछ दिया।

कभी ऐसा भी हुआ है कि काम के लिए आपको स्ट्रगल करना पड़ा हो?

मैं स्ट्रगल में विश्वास नहीं करता। जब मैं मॉडलिंग करता था तब मेरे कुछ दोस्त बोलते थे कि स्ट्रगल करने जा रहे हैं। मैं हर जगह नहीं जाता था। मैं ऑडिशन देने नहीं, बल्कि काम लेने जाता था। जब मैंने एक्टर बनने के बारे में सोचा,तभी मन बना लिया था कि खूब मेहनत करनी हैं। स्ट्रगल नहीं करना है। अच्छा काम करने की कोशिश करता हूं। काम के पीछे नहीं भागता हूं। जो मिलता है, उसी में खुश रहता हूं। जो भी काम करता हूं,पूरे दिल से करता हूं।

रेमो डिसूजा के साथ आप की बहुत अच्छी बॉन्डिंग दिखती है, इंडस्ट्री के दोस्ती के बारे में क्या कहना है?

रेमो बहुत सालों से मेरे दोस्त हैं। हमने आज तक साथ कभी काम नहीं किया। अगर हमारे लिए कुछ होगा तो श्योर काम देंगे। कभी मैंने सामने से काम नहीं मांगा है। वो बहुत अच्छे कोरियोग्राफर, डायरेक्टर हैं। उससे भी ज्यादा अच्छे इंसान हैं। हमारे रिश्ते घर के फैमिली जैसे हैं। कविता कौशिक के साथ भी हमारी अच्छी दोस्ती हैं, हमने लंबे समय तक सीरियल ‘एफआईआर’ में काम किया।

इंडस्ट्री की ऐसी कौन सी बात अच्छी लगती है। ऐसी कौन सी चीज जिसे आप चेंज करना चाहते हो?

अगर आप टैलेंटेड हो और अच्छा काम करना चाहते हो तो कभी न कभी आप को काम मिलेगा। हां,समय जरूर लगेगा। तीन महीने और तीन साल भी लग सकते हैं। बुरी बात मुझे यह लगती हैं कि इंडस्ट्री में कामयाब होने के लिए आपको 10 साल भी लग सकते हैं। यहां किसी को नहीं पता होता है कि कामयाब होने में कितना समय लगेगा।

लोग नेपोटिज्म की बात करते हैं। मैं समझता हूं कि यह सही है। अगर आप उस खानदान में पैदा हो गए तो आपको वो प्रिविलेज मिलेगा ही। मेरी मॉम बैंकर हैं। अगर मुझे बैंक में जाना होता तो जरूर मेरा सपोर्ट करतीं। मुझे एक अच्छा मौका मिल जाता। इंडस्ट्री में भी लोग अपने बच्चों का सपोर्ट करेंगे ही।

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