1 घंटे पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र
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सचिन पिलगांवकर और सुप्रिया की बेटी श्रिया ने पेरेंट्स के नक्शेकदम पर चलते हुए एक्टिंग प्रोफेशन को ही चुना। श्रिया मानती हैं कि उनकी परवरिश कभी भी स्टार किड्स के तौर पर नहीं हुई है। एक्ट्रेस ने करियर की शुरुआत मराठी फिल्म ‘एकुल्ती एक’ से की। हिंदी फिल्मों में शाहरुख खान की ‘फैन’ में बड़ा मौका मिला। लेकिन वेब सीरीज में ज्यादा कामयाबी मिली है। श्रिया की ‘ताजा खबर’ का दूसरा सीजन डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो चुका है। हाल ही में एक्ट्रेस ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।
सवाल- पहले सीजन के बाद दूसरे सीजन में किस तरह की चुनौतियां आती हैं?
जवाब- सबसे बड़ी चुनौती यह आती है कि पहले से और क्या बेहतर किया जा सकता है। ‘मिर्जापुर’ के बाद ‘ताजा खबर’ की काफी चर्चा रही है। हम दर्शकों का फीडबैक लेते हैं और कुछ बेहतर करने की कोशिश करते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं था कि सीजन वन हिट हो गया तो कुछ भी बना लें। इस बार थोड़ा एक्शन है और मुझे भी एक्शन करने का मौका मिला है। वैसे भी मुझे एक्शन करना पसंद है।
सवाल- आपके पेरेंट्स सचिन और सुप्रिया पिलगांवकर एक्टिंग प्रोफेशन से जुड़े हैं, इसलिए आपने भी एक्टिंग प्रोफेशन को चुना होगा?
जवाब- नहीं, ऐसा लोगों को लगता है कि पेरेंट्स एक्टिंग फील्ड से हैं तो एक्टिंग ही में दिलचस्पी होगी। ऐसा होता होगा, लेकिन मेरे मामले में ऐसा नहीं था। मेरी दिलचस्पी दूसरे कामों में बहुत थी। मुझे फिल्म मेकिंग और कहानियां कहने में बहुत दिलचस्पी थी। मैं तो फिल्म मेकिंग का कोर्स कर रही रही थी।
सवाल- फिर एक्टिंग की तरह झुकाव कैसे हुआ?
जवाब- फिल्म मेकिंग की कोर्स के साथ-साथ थिएटर भी करने लगी थी। पहली बार एक फेस्टिवल के लिए 10 मिनट का नाटक किया। उसके लिए एक महीने तक रिहर्सल की थी। उस दौरान एक्टिंग में मुझे दिलचस्पी लगने लगी। मुझे लगने लगा कि एक्टिंग में करियर बनाना चाहिए। मम्मी ने कहा कि घूम फिर कर तुमको भी यही काम करना है। उन्हें लगा था कि कोई और काम करेगी। पापा ने वह नाटक देखा था। उस समय मराठी फिल्म ‘एकुल्ती एक’ की कहानी लिख रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी और को फिल्म में कास्ट करने से बेहतर है कि क्यों ना श्रिया को ही कास्ट कर लें।
सवाल- डैडी ने फिल्म का डायरेक्शन भी किया था। पहली बार उनके डायरेक्शन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
जवाब- उनके पास बहुत ज्यादा अनुभव है। घर का माहौल एक्टिंग की यूनिवर्सिटी की तरह है। पेरेंट्स का एक अलग मुकाम और पहचान है। मैं तो अभी खुद का नाम बनाने की कोशिश कर रही हूं। अपने पेरेंट्स की लिगेसी को आगे बढ़ाना है।
सवाल- हिंदी सिनेमा में शुरुआत शाहरुख की फिल्म ‘फैन’ से हुई। इस फिल्म में कैसे मौका मिला था?
जवाब– उन दिनों मैं खूब ऑडिशन दे रही थी। वाईआरएफ में भी मैं लगातार अलग-अलग भूमिकाओं के लिए ऑडिशन दे रही थी। उसी दौरान फिल्म ‘फैन’ के लिए ऑडिशन दिया था। फिल्म के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने नेहा सिंह की भूमिका के लिए 750 लड़कियों में से चुना था।
सवाल- लगा नहीं कि स्टार किड्स हैं तो ऑडिशन क्यों दें। मौके तो ऐसे ही मिल सकते हैं?
जवाब- नहीं, अगर ऐसा एटीट्यूड होता तो मुझे काम ही नहीं मिलता। ऐसी एटीट्यूड से मेरी परवरिश ही नहीं हुई है। मैंने कभी भी नहीं सोचा कि आसानी से मौके मिल सकते हैं। ऑडिशन एक प्रोसेस होता है। जब मुझे पता चला कि शाहरुख सर के साथ ‘फैन’ कर रही हूं। तभी मुझे एहसास हो गया था कि वह फिल्म टिपिकल हीरो हीरोइन वाली फिल्म नहीं होगी।
सवाल- मिर्जापुर का जब आपको ऑफर मिला था तब उस सीरीज के कंटेंट को लेकर क्या प्रतिक्रिया थी?
जवाब- उस समय बस सीरीज की शुरुआत ही हो रही थी। मिर्जापुर की बहुत ही यूनिक दुनिया बनाई गई थी। किरदार बहुत अच्छे लिखे गए थे। जब हम उसकी शूटिंग कर रहे थे तब नहीं पता था कि इतना बड़ा हिट होगा। इतने सालों के बाद भी लोग स्वीटी के किरदार से ही बुलाते हैं। कुछ किरदार ऐसे होते हैं दिल के बहुत करीब होते हैं। मिर्जापुर की स्वीटी और ताजा खबर की मधू उसी में से एक है।