डिग्री पाकर खिले छात्र-छात्राओं के चेहरे।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) कानपुर के बीएससी एग्रीकल्चर ऑनर्स के छात्र रितिक कुमार ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक समेत पांच स्वर्ण पदक हासिल किए हैं।
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मेरठ निवासी रितिक ने कहा कि भले ही घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत ना हो लेकिन ये सब कुछ कर पाना मेरे लिए तभी संभव हुआ है जब पिता और मेरे दादा जी दोनों का मेरे लिए पूर्ण सहयोग रहा है।
रितिक कुमार
पिता के साथ पदक लेने पहुंचे मेरठ निवासी ऋतिक कुमार अपने पिता अमर वीर सिंह के साथ पदक लेने पहुंचे थे, जैसे ही बेटा मंच पर पहुंचा तो पीछे से उनके पिता भी पहुंचे। इस पर राज्यपाल ने उनसे हाल-चाल जाने। अमर वीर सिंह इलेक्ट्रीशियन है और उनकी पत्नी अनीता ग्रहणी है। रितिक ने कहा कि मेरा सपना है कि किसानों की जो भी योजनाएं हैं वह उन तक जमीनी स्तर पर पहुंचे और उन्हें इसका लाभ मिल सके ताकि किसान एक ‘समृद्ध किसान’ बने। किसानों के पास टेक्नोलॉजी नहीं पहुंच पा रही कौशांबी निकासी मनदीप कुमार दिवाकर को एमएससी एग्रीकल्चर में उन्हें कुलाधिपति स्वर्ण पदक समेत कुल चार स्वर्ण पदक मिले। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर में आने का सिर्फ एक ही मकसद था कि किसानों तक उनकी टेक्नोलॉजी पहुंचे, जो कि नहीं पहुंच रही है। मनदीप के पिता फूलचंद किसान हैं, मां शकुंतला देवी ग्रहणी है।
मनदीप कुमार दिवाकर
BHU से बीएससी ऑनर्स करने के बाद अब उन्होंने एमएससी CSA से किया। इसके बाद वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाह रहे हैं, लेकिन मनदीप का कहना है कि किसानों तक उनकी टेक्नोलॉजी नहीं पहुंच पाती है, इसलिए हमारा पहला मकसद है की हर किसान अपनी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें ताकि दिन रात मेहनत करने वाले किसानों को एक अच्छी उपज मिल सके। मनदीप ने कहा कि जो स्कॉलरशिप मिलती थी, उसकी मदद से और कुछ परिवार की मदद से फीस भर देते थे। इसीलिए आज सफल हुए हैं।
अविरल राय
अविरल को मिला रजत पदक
अविरल राय बीटेक डेरी टेक्नोलॉजी में रजत पदक मिला है। पिता उपेंद्र राय एडवोकेट हैं और मां संध्या गृहणी। अविरल ने कहा कि मैं डेरी में रिसर्च करना चाहता हूं, हाइजेनिक पर काम करूंगा।
क्वालटी को लेकर आज कल सबसे बड़ा इशू चल रहा है। उस क्वालटी को डवलप करने के लिए रिसर्च करनी होगी, ताकि किसान और आम आदमी दोनों ही सुरक्षित रहे और आमदनी भी बढ़े।