फ्लोरिडा39 मिनट पहले
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भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनका ड्रैगन फ्रीडम स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड हुआ।
ये दोनों एस्ट्रोनॉट बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे, लेकिन स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर्स में आई परेशानी के कारण इनका 8 दिन का सफर 9 महीने में बदल गया।
खबर में आगे बढ़ने से पहले वापसी की 3 तस्वीरें…

सुनीता विलियम्स को ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाला गया। इस दौरान उनके चेहरे पर खुशी दिख रही थी। उन्होंने हाथ हिलाकर वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया।

डॉल्फिन ने अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत किया। ये कैप्सूल के चारों ओर तैरती नजर आईं।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हार्मनी मॉड्यूल के एक पोर्ट से अलग होते हुए। 18 मार्च को सुबह 10:35 बजे ये अलग हुआ था।
अब एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर वापसी कैसे हुईं, इसमें 9 महीने का समय क्यों लग गया 7 सवाल-जवाब में जानें….
1. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेस स्टेशन कब और क्यों गए थे?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था।
एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था।
2. बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट कब और कैसे लॉन्च किया गया था?
5 जून 2024 को रात 8:22 बजे एटलस V रॉकेट के जरिए बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च हुआ था। ये 6 जून को रात 11:03 बजे स्पेस स्टेशन पहुंचा था। इसे रात 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में परेशानी आ गई थी।

बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट एटलस V रॉकेट से 5 जून 2024 को भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे लॉन्च हुआ।
3. सुनीता और विल्मोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए?
- स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के 28 रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टरों में से 5 फेल हो गए थे। 25 दिनों में 5 हीलियम लीक भी हुए। हीलियम प्रोपेलैंट को थ्रस्टरों तक पहुंचाने के लिए बहुत अहम है। ऐसे में स्पेसक्राफ्ट के सुरक्षित रूप से लौटने पर चिंताएं थी।
- डेटा का विश्लेषण करने के बाद नासा ने फैसला लिया कि स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट सुनीता और बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए सुरक्षित नहीं है, इसलिए वो अंतरिक्ष यात्रियों के बिना ही स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को 6 सिंतबर 2024 को पृथ्वी पर वापस ले आया।
- अब स्पेसएक्स को एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई। स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट हर कुछ महीनों में 4 एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन लेकर जाता है और वहां मौजूद पिछला क्रू स्पेस स्टेशन में पहले से पार्क अपने स्पेसक्राफ्ट से वापस आ जाता है।
- स्पेसएक्स ने जब 28 सितंबर 2024 को क्रू-9 मिशन लॉन्च किया तो इसमें भी 4 एस्ट्रोनॉट जाने वाले थे, लेकिन सुनीता और बुच के लिए दो सीट खाली रखी गई। इनके पहुंचने के बाद क्रू-8 स्पेस स्टेशन में पार्क अपने स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी पर लौट आया।
- 15 मार्च 2025 को SpaceX ने 4 एस्ट्रोनॉट्स के साथ क्रू-10 मिशन लॉन्च किया। 16 मार्च को ये एस्ट्रोनॉट ISS पहुंच गए। क्रू-9 के चारों एस्ट्रोनॉट अपनी जिम्मेदारी क्रू-10 को हैंडओवर करने के बाद स्पेस स्टेशन पर सितंबर से पार्क अपने स्पेसक्राफ्ट से लौट आए हैं।

क्रू-10 की एस्ट्रोनॉट ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव 16 मार्च को स्पेस स्टेशन पहुंचे थे। सुनीता विलियम्स सहित अन्य एस्ट्रोनॉट्स ने उनका वेलकम किया था।
4. क्रू-10 मिशन को इतनी देरी से क्यों भेजा गया, पहले भी भेज सकते थे?
स्पेसएक्स के पास अभी 4 ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट हैं। एंडेवर, रेजीलिएंस, एंड्योरेंस और फ्रीडम। पांचवें स्पेसक्राफ्ट की मैन्युफैक्चरिंग हो रही है। क्रू-10 के लिए इसी पांचवें स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग में देरी के कारण नासा ने क्रू-10 मिशन को फरवरी से मार्च के अंत तक टाल दिया। हालांकि, बाद में नासा ने क्रू-9 को वापस लाने में हो रही देरी को देखते हुए क्रू-10 के लिए पुराने एंड्यूरेंस स्पेसक्राफ्ट के ही इस्तेमाल का फैसला लिया।
वहीं इस देरी की एक वजह पॉलिटिकल भी बताई जा रही है। पिछले साल, मस्क ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को तय समय से पहले घर वापस लाने में मदद की पेशकश की थी, लेकिन उनका दावा है कि बाइडेन प्रशासन ने इसे अस्वीकार कर दिया था। फॉक्स न्यूज़ के होस्ट सीन हैनिटी के साथ एक इंटरव्यू में मस्क ने कहा, “दोनों एस्ट्रोनॉट्स को राजनीतिक कारणों से स्पेस स्टेशन में छोड़ दिया गया, जो अच्छा नहीं है।”
5. स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में कितना समय लगा?
- ड्रैगन कैप्सूल फ्रीडम के अलग होने से लेकर समुद्र में लैंडिंग तक करीब 17 घंटे लगे। 18 मार्च को सुबह 08:35 बजे स्पेसक्राफ्ट का हैच हुआ, यानी दरवाजा बंद हुआ। 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अनडॉक यानी, अलग हुआ।
- 19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ। यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया गया। इससे स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री हुई और सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर स्पैल्शडाउन यानी, पानी में लैंडिंग हुई।

6. कुल कितने एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स के साथ पृथ्वी पर लौटे हैं?
क्रू-9 मिशन में कुल 4 एस्ट्रोनॉट पृथ्वी पर लौटे हैं। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के अलावा निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव क्रू-9 का हिस्सा था। सुनीता और बुच के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में परेशानी आने की वजह से इन दोनों एस्ट्रोनॉट को नासा ने क्रू-9 का हिस्सा बना दिया था।

पृथ्वी पर लौटने से पहले क्रू-9 के मेंबर स्पेस स्टेशन और ड्रैगन क्रू स्पेसक्राफ्ट के बीच वेस्टिबुल के अंदर एक साथ पोज देते हुए। बाएं से क्लॉकवाइज, अमेरिकी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर, निक हेग और सुनीता विलियम्स और रूसी एस्ट्रोनॉट अलेक्सांद्र गोरबुनोव हैं।
7. सुनीता विलियम्स ने 9 महीने तक स्पेस स्टेशन में क्या किया?
सुनीता विलियम्स ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर अपने 9 महीने के दौरान स्पेसवॉक से लेकर वैज्ञानिक प्रयोग और स्पेस स्टेशन के मेंटेनेंस जैसे काम किए।
- स्पेसवॉक में रिकॉर्ड बनाया: सुनीता विलियम्स अब तक वह कुल 62 घंटे और 6 मिनट स्पेसवॉक कर चुकी हैं। यह किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक का रिकॉर्ड है। जनवरी 2025 में उन्होंने दो बड़ी स्पेसवॉक की थी- एक 5 घंटे 26 मिनट और दूसरी 6 घंटे की।
- वैज्ञानिक प्रयोग: उन्होंने और उनके साथी बुच विल्मोर ने स्पेस स्टेशन में 150 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए। इनमें जैव-चिकित्सा अनुसंधान, पर्यावरणीय अध्ययन, और नई तकनीकों का परीक्षण शामिल था। इन प्रयोगों में उन्होंने 900 घंटे से अधिक समय बिताया।
- स्पेस स्टेशन का मेंटेनेंस: सुनीता ने ISS की सफाई, पुराने उपकरणों को बदलने, और हार्डवेयर के निरीक्षण जैसे रेगुलर मेंटेनेंस वर्क किए। ISS का आकार एक फुटबॉल मैदान जितना बड़ा है, और इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए लगातार मेंटेनेंस की जरूरत होती है।
- फिजिकल फिटनेस: अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण मांसपेशियों और हड्डियों की कमजोरी से बचने के लिए सुनीता ने नियमित व्यायाम किया। उन्होंने वेट ट्रेनिंग और अन्य फिटनेस गतिविधियों में समय बिताया ताकि धरती पर लौटने के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।
- टीम के साथ सहयोग: शुरू में वह और बुच विल्मोर गेस्ट के रूप में ISS पर थे, लेकिन बाद में वे वहां के नियमित क्रू का हिस्सा बन गए। उन्होंने अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर दैनिक कार्यों को संभाला और मिशन टास्क में योगदान दिया।
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भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अपने चार साथियों के साथ मंगलवार देर रात 3:27 बजे पृथ्वी पर लौट आईं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 9 महीने 14 दिन तक रहीं। पूरी खबर यहां पढ़ें…