How is the politics of Bihar changing? | 12 दिन बाद 4 सीटों पर वोटिंग,जानिए पार्टियों की तैयारी: नीतीश का सहयोगियों को मैसेज-साथ चलो, लालू-शहाबुद्दीन फैमिली साथ-साथ, छठ पर शाह आ रहे हैं – Patna News

बिहार की 4 विधानसभा सीट बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ में उपचुनाव होना है। 13 नवंबर को इन सीटों के लिए वोटिंग होगी। 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। महज 12 महीने के लिए इन सीटों पर 4 विधायक चुने जाएंगे। इन 4 सीटों में से 3 पर महागठबंधन का कब्जा था, केवल

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इस बार ये मुकाबला केवल एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच नहीं है। जनसुराज के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर की पार्टी पर सबकी नजर होगी, क्योंकि पहली बार वो चुनाव लड़ रही है।

इस बीच कभी नीतीश के करीबी रहे आरसीपी ने भी नई पार्टी बना ली है। हालांकि वो चुनाव नहीं लड़ रहे, लेकिन उनकी नई पार्टी से विधानसभा चुनाव पर असर पड़ सकता है। इधर शहाबुद्दीन परिवार को साथ लाकर लालू-तेजस्वी ने मुस्लिम वोट बैंक की मोर्चाबंदी की है।

पड़ोसी राज्य झारखंड में विधानसभा चुनाव होने की वजह से भी राजनीति गर्म है। 2025 में विधानसभा चुनाव से पहले उपचुनाव को सत्ता का सेमी फाइनल माना जा रहा है। पढ़िए उपचुनाव की घोषणा से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ और आगे पार्टियों की क्या तैयारी है…

पीके की नई पार्टी को बदलने पड़े 2 कैंडिडेट

2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर ने अपनी नई पार्टी जनसुराज बनाई। अपने संगठन का नाम भी उन्होंने जनसुराज ही रखा था। जनसुराज ने विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही थी। विधानसभा उपचुनाव में चारों सीटों पर जनसुराज ने उम्मीदवार उतारे।

बेलागंज और तरारी में कैंडिडेट बदलने को लेकर वे विवाद में रहे। तरारी सीट से पहले उम्मीदवार जनरल एसके सिंह को इसलिए बदलना पड़ा कि उनका नाम बिहार के वोटर लिस्ट की बजाय नोएडा के वोटर लिस्ट में था। उनकी जगह किरण सिंह को टिकट मिला है। वहीं बेलागंज से प्रोफेसर खिलाफत हुसैन की जगह अमजद को प्रत्याशी बनाया गया है।

नीतीश को बुलानी पड़ी NDA कॉर्डिनेशन कमेटी

29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर एनडीए की बैठक बुलाई। एनडीए की पार्टियों के बीच किस तरह से बेहतर कॉर्डिनेशन हो इस पर बात हुई। कई मुद्दों पर जेडीयू और बीजेपी के बीच मतभेद रहा है। इसे खत्म करने की कोशिश की गई।

बैठक का लक्ष्य 4 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से ज्यादा 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव रहा। बैठक में बड़ा उलटफेर ये रहा कि एनडीए के घटक दल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति पारस को इसमें नहीं बुलाया गया। इस पर पशुपति पारस की पार्टी ने अपनी आपत्ति दर्ज की।

29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर एनडीए की बैठक की, जिसमें उपचुनाव और आने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई।

29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर एनडीए की बैठक की, जिसमें उपचुनाव और आने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई।

राष्ट्रीय लोजपा को कार्यालय खाली करने को कहा गया

एक ओर एनडीए की बैठक में पशुपति पारस की पार्टी को निमंत्रण नहीं दिया गया। वहीं पार्टी के कार्यालय वाले बंगले को चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को अलॉट कर दिया गया है। भवन निर्माण विभाग ने पीर अली खान रोड स्थित कार्यालय को 15 दिनों के अंदर खाली कराने का आदेश दिया।

राष्ट्रीय लोजपा ने इसका विरोध किया। 30 अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट ने पारस को राहत दी और आवास आवंटन को रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी। साथ ही 15 दिन का समय दिया।

शहाबुद्दीन की पत्नी और बेटा ओसामा आरजेडी में शामिल

उपचुनाव से पहले लालू-तेजस्वी ने बड़ा दांव खेलते हुए मुसलमानों को साधने की कोशिश की। पार्टी से दूर हो चुकीं शहाबुद्दीन की पत्नी और उनके बेटे को राजद में शामिल किया गया।

शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को आरजेडी ने राज्यसभा भी नहीं भेजा गया। इस बार के लोकसभा चुनाव में हिना शहाब निर्दलीय लड़ीं। वह हार जरूर गईं पर दूसरे स्थान पर रहीं और आरजेडी के उम्मीदवार बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को तीसरे नंबर पर पहुंचा दिया। लालू परिवार को कई सीटों पर शहाबुद्दीन परिवार के खराब संबंध से नुकसान झेलना पड़ा।

अब 4 सीट पर विधानसभा उपचुनाव से पहले हिना शहाब और बेटे ओसामा को लालू प्रसाद ने 27 अक्टूबर को अपनी पार्टी आरजेडी में शामिल कराया है। तेजस्वी ने कहा कि ‘शहाबुद्दीन के परिवार से हमारे हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं।’ माना जा रहा है कि हिना और ओसामा के आने से पार्टी के MY समीकरण में से M मजबूत होगा।

27 अक्टूबर को शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने आरजेडी जॉइन कर ली। वहीं हिना शहाब की पार्टी में वापसी हुई। राबड़ी आवास में लालू-तेजस्वी ने दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई।

27 अक्टूबर को शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने आरजेडी जॉइन कर ली। वहीं हिना शहाब की पार्टी में वापसी हुई। राबड़ी आवास में लालू-तेजस्वी ने दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई।

ईशान किशन के पिता प्रवण पांडेय जेडीयू में शामिल

क्रिकेटर ईशान किशन के पिता प्रवण पाडेय ने जेडीयू की सदस्यता ले ली है। इशान किशन का परिवार शुरुआत से समता पार्टी से जुड़ा था। 27 अक्टूबर को पार्टी जॉइन करने के बाद प्रवण पांडेय ने कहा ‘हम जेडीयू के सिपाही हैं और पूरी निष्ठा से पार्टी के लिए काम करेंगे। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।

आरसीपी ने बनाई नई पार्टी ‘आसा’

कभी नीतीश कुमार के साथ रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी ने 31 अक्टूबर को अपनी नई पार्टी ‘आसा’ बनाई। आप सबकी आवाज पार्टी को लेकर आरसीपी ने दावा किया कि ‘140 कैंडिडेट अभी ही उनकी पार्टी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। पार्टी लॉन्चिंग वाले दिन नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने शराबबंदी पर सवाल उठाए। माना जा रहा है कि वे सबसे अधिक जेडीयू को नुकसान पहुंचाएंगे।’

चुनावी माहौल में छठ महापर्व भारी

बिहार की 4 सीटों पर भले ही उपचुनाव होने वाले हैं, लेकिन चुनावी माहौल पर छठ महापर्व का माहौल भारी पड़ेगा। राजनीतिक दलों के लोक आस्था के छठ पर्व के दौरान चुनाव प्रचार प्रभावित होगा। 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक बिहार छठ महापर्व में डूबा रहेगा। ऐसे में इन चार दिन तक प्रत्याशियों को संयमित तरीके से चुनावी प्रचार करना होगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि धार्मिक आयोजन कर वोट नहीं मांग सकते। ऐसे में पार्टी और प्रत्याशी पर्दे के पीछे से खेल खेलेंगी।

छठ पर पटना आ रहे जेपी नड्डा

छठ महापर्व के दौरान जेपी नड्डा बिहार पहुंच रहे हैं। जेपी नड्डा 7 नवंबर को शाम 3 बजे पटना आ रहे हैं। इस दौरान वह गंगा घाट जाकर छठ व्रतियों को अर्घ्य देंगे। उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी साथ रहेंगे। यह दोनों नेता स्टीमर के जरिए अलग-अलग गंगा घाट में छठ पूजा की छटा को देखेंगे।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 18 अक्टूबर को भागलपुर से हिंदू स्वाभिमान यात्रा शुरू की। इस दौरान त्रिशूल के साथ उन्होंने भाषण दिया था।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 18 अक्टूबर को भागलपुर से हिंदू स्वाभिमान यात्रा शुरू की। इस दौरान त्रिशूल के साथ उन्होंने भाषण दिया था।

गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा

बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाली। उन्होंने 1989 के दंगा पीड़ित इलाके भागलपुर से 18 अक्टूबर को यात्रा की शुरुआत की और सीमांचल के इलाके में गए। इस बीच वे विवादित बयान भी देते रहे।

उनकी यात्रा के दौरान ही बीजेपी सांसद प्रदीप सिंह ने कहा कि अररिया में रहना है तो हिंदू बनना होगा। उनके इस बयान से राजनीति गरमा गई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सोशल मीडिया पर लाइव आए और कहा कि मुसलमानों को किसी ने बुरी नजर से देखा तो ईंट से ईंट बजा देंगे। गिरिराज की यात्रा की वजह से नीतीश कुमार पर भी सवाल उठने लगे।

माले और कांग्रेस की यात्रा

भाकपा माले ने बिहार में 16 अक्टूबर से पदयात्रा का आयोजन किया। इसके पहले तीन माह तक ‘हक दो वादा निभाओ’ अभियान माले ने चलाया। पदयात्रा के अंतिम दिन पटना के मिलर हाई स्कूल में बदलो बिहार न्याय सम्मेलन का आयोजन किया गया। माले ने 9 सूत्री मांग पत्र सरकार के सामने रखा।

इसमें प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर को हटाने, भूमि सुधार आयोग की सिफारिश को लागू करने,आरक्षण विस्तार को नवमी सूची में शामिल करने, जीविका कर्मियों की हड़ताल खत्म करने जैसी मांग शामिल रहीं। स्मार्ट बिजली मीटर के खिलाफ कांग्रेस ने भी पदयात्रा निकाली।

जहरीली शराब से मौत के बाद राजद की ओर से जदयू पर तंज कसते हुए पार्टी का नामकरण किया था।

जहरीली शराब से मौत के बाद राजद की ओर से जदयू पर तंज कसते हुए पार्टी का नामकरण किया था।

छपरा-सीवान में शराब कांड के बाद राजनीति गरमाई

जहरीली शराब से बिहार के सारण, सीवान, गोपालगंज और औरंगाबाद में जहरीली शराब से करीब 50 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद शराबबंदी पर फिर से सवाल उठे। विपक्षी पार्टी ने सरकार को घेरा तो सरकार ने राजद को। नीतीश सरकार ने 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने की बात कही।

आरजेडी ने जहरीली शराब से लोगों की मौत के बाद जेडीयू का नया नामकरण किया। कहा जेडीयू का मतलब है- जहां दारू अनलिमिटेड। इसके जवाब में जेडीयू ने भी आरजेडी का नया नाम रख दिया। कहा राजद मतलब- राष्ट्रीय जहरीला दल। इस फुल फॉर्म वाली सियासत से राजनीति गरमाई रही। जेडीयू बिहार में शराबबंदी पर अड़ी रही और आरजेडी कहती रही कि शराब की होम डिलीवरी हो रही है।

11 नवंबर की शाम पांच बजे थम जाएगा चुनावी शोर

विधानसभा के चार सीटों के मतदान के लिए 11 नवंबर की शाम 5 बजे चुनावी शोर थम जाएगा। इसके बाद अगले 36 घंटे तक सभी दलों के प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जुटेंगे। गांव- गांव घूमेंगे। कमजोर दिख रहे मतदान केंद्रों पर अपने कार्यकर्ताओं को अलर्ट करेंगे। मजबूत करेंगे। साम- दाम- दंड- भेद से वोट हासिल करेंगे।

चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ 10 दिन

निर्वाचन आयोग से प्रत्याशियों के सिंबल अलॉटमेंट के बाद प्रचार के लिए सिर्फ 12 दिन का वक्त मिला। इनमें से 2 दिन निकल चुके हैं। 10 दिनों में प्रत्याशी हर टोले तक पहुंचेंगे। वोटर्स को साधेंगे। स्टार प्रचारक से लेकर बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को एक्टिव रखेंगे।

NDA, I.N.D.I.A और जनसुराज के कैंडिडेट को जानिए

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