नई दिल्ली4 घंटे पहले
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हिंदुस्तान पावर अगले 3 साल यानी 2028 तक में 5 गीगावाट एनर्जी पोर्टफोलियो बनाएगी। कंपनी के चेयरमैन रतुल पुरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी का यह प्लान रेन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भारत की ग्रोथ स्ट्रेटजी में कॉन्ट्रिब्यूशन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
साल 2030 तक भारत का 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी हासिल करने का गोल है। इस एनर्जी ट्रांजिशन में हिंदुस्तान पावर अहम भूमिका निभाना चाहता है। कंपनी का लक्ष्य कटिंग-एज टेक्नोलॉजी के माध्यम से रेन्यूएबल एनर्जी का प्रोडक्शन बढ़ाकर एक बैलेंस्ड एनर्जी पोर्टफोलियो बनाना है।
कंपनी का सस्टेनेबल एनर्जी सॉल्यूशन को आगे बढ़ाने पर जोर
चेयरमैन रतुल पुरी ने कहा – ग्लोबल एनर्जी सेक्टर एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और भारत इस बदलाव में सबसे आगे है। एनर्जी सिक्योरिटी और इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए हिंदुस्तान पावर सस्टेनेबल एनर्जी सॉल्यूशन को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। 5 गीगावाट पोर्टफोलियो हासिल करने का हमारा विजन एक क्लीन एनर्जी फ्यूचर का निर्माण करने में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
रतुल पुरी का कहना है कि हिंदुस्तान पावर ने डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों मार्केट में अपनी रेपोटेशन बनाई है। भारत के अलावा जर्मनी, इटली, जापान, यूके और यूएस जैसे देशों में प्रोजेक्ट को एप्लीमेंट किया है।
भारत की फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करने और 2070 तक नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य हासिल करने की प्रतिबद्धता ने एनर्जी सेक्टर में पब्लिक-प्राइवेट पार्टरनिशप के लिए एक अच्छा एनवायरनमेंट बनाया है। हिंदुस्तान पावर की स्ट्रेटेजिक एक्सपेंशन प्लान नेशनल क्लाइमेट गोल का सपोर्ट करने और सस्टेनेबल इकोनॉमिक्स गोल को बढ़ावा देने में प्राइवेट सेक्टर की इंपॉर्टेंट रोल को दर्शाती है।
इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर है हिंदुस्तान पावर
हिंदुस्तान पावर एक लीडिंग इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर है, जिसके पास सौर और कोयला बेस्ड थर्मल पावर जनरेशन एसेट्स का एक बड़ा पोर्टफोलियो है। कंपनी ने मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, गुजरात और असम सहित अन्य राज्यों में अपने प्रोजेक्ट का विस्तार किया है।