हिंदू संगठनों की रैली में हरिद्वार से आए संत पहुंचे।
अवैध मस्जिद विवाद के बाद उग्र हुए हिंदू संगठनों ने एक बार फिर मंडी शहर में हुंकार भरी और एक जागरूकता रैली निकाली। इस रैली में संत समाज के लोग शामिल हुए। आए हुए संतों में बिलासपुर से रूपेश्वर गिरी, पंडोह से विष्णु मोहन, कांगनीधार से भरत दास, सौली खड्ड
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संत रूपेश्वर गिरी ने कहा कि जो हिमाचल का स्थायी मुसलमान है उसका कोई विरोध नहीं है। लेकिन प्रवासी के रूप में जो लोग यहां आ रहे हैं वे यहां की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी लिहाज में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रवासी के रूप में चाहे कोई संत ही क्यों न आ रहा हो लेकिन उसे भी पंजीकरण के बाद ही यहां रहने दिया जाना चाहिए। जो बिना पंजीकरण के यहां आकर रह रहा है वो चाहे हिंदू ही क्यों न हो, वो हमारा विरोधी है।

हिंदू संगठनों के साथ आम लोगों ने भी रैली निकाली।
जम्मू कश्मीर और केरल की तरह हालात होंगे रूपेश्वर गिरी ने मंडी शहर के भगवान मोहल्ले में लोगों को एक टेलर शॉप के बाहर संबोधित करते हुए पूछा कि यहां लोग सिर्फ महिलाओं के कपड़े सिलने ही क्यों आते हैं। हर जगह लेडीज टेलर क्यों बैठे हैं क्या जेंट्स के कपड़े सिलना इन्हें नहीं आता। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे चंद पैसों के लालच में महंगी दरों पर इन्हें दुकानें देना बंद करें नहीं तो भविष्य में जम्मू कश्मीर और केरल की तरह यहां के लोगों को भी गंभीर हालातों का सामना करना पड़ेगा।
रूपेश्वर गिरी ने कहा कि मुजायरा एक्ट के बाद बहुत से हिमाचलियों की जमीन चली गई। लेकिन वक्फ बोर्ड की जमीनों को आंच तक नहीं आई। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के नाम पर हिमाचल प्रदेश की जमीनों को लूटने का काम हो रहा है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान पुलिस का भी कड़ा पहरा देखने को मिला और शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। जेल रोड़ में विवादित मस्जिद के पास भी पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे।