Hindenburg Research Company shutting down founder nathan anderson adani group Icahn Enterprises | हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होगी, फाउंडर ने फैसला लिया: नाथन एंडरसन बोले- जिन विचारों पर काम किया, उनके पूरे होते ही इसे बंद करना था

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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हिंडनबर्ग कंपनी के मालिक नाथन एंडरसन है। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

हिंडनबर्ग कंपनी के मालिक नाथन एंडरसन है। (फाइल फोटो)

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरनसन ने उस शॉर्ट-सेलिंग फर्म को भंग करने का निर्णय लिया है, जिसकी रिपोर्टों ने भारत के अडानी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज सहित कई कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचा था।

एंडरनसन ने बुधवार को एक नोट जारी कर कंपनी बंद करने की घोषणा की। उन्होंने इस फैसले को काफी बातचीत और सोच कर लिया गया फैसला बताया। साल 2017 में हिंडनबर्ग की शुरुआत हुई थी।

उन्होंने लिखा- जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम के साथ शेयर किया। मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग करने का निर्णय लिया है। प्लानिंग ये थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। और पिछले पोंजी मामलों के मुताबिक जिन्हें हमने अभी पूरा किया है और रेगुलेटर्स के साथ शेयर कर रहे हैं, वो दिन आज है।

एंडरसन ने लिखा है कि ​​​मैं यह सब खुशी से लिख रहा हूं। इसे बनाना मेरे जीवन का सपना रहा है। मुझे शुरू में नहीं पता था कि क्या कोई संतोषजनक रास्ता खोजना संभव होगा। यह कोई आसान ऑप्शन नहीं था। लेकिन मैं खतरे को लेकर अनुभवहीन था। मैग्नेट की तरह इसकी तरफ खिंचा चला गया।

‘हिंडनबर्ग’ कंपनी करती क्या है?

नाथन एंडरसन की कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ का मुख्य काम शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना था। इस रिसर्च के जरिए ‘हिंडनबर्ग’ कंपनी ये पता करती है कि…

  • क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा-फेरी हो रही है।
  • कहीं बड़ी कंपनियां अपने फायदे के लिए अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो नहीं कर रही हैं।
  • कोई कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है।

इस तरह रिसर्च पूरी करने के बाद ‘हिंडनबर्ग’ कंपनी एक विस्तार से रिपोर्ट पब्लिश करती है। कई मौकों पर इस कंपनी की रिपोर्ट का दुनियाभर के शेयर मार्केट पर असर देखने को मिला है।

3 मई 1937 को अमेरिका में हिंडनबर्ग एयर स्पेसशिप हादसे का शिकार हो गया। ये उसी वक्त की तस्वीर है।

3 मई 1937 को अमेरिका में हिंडनबर्ग एयर स्पेसशिप हादसे का शिकार हो गया। ये उसी वक्त की तस्वीर है।

दर्दनाक ‘हिंडनबर्ग’ हादसे पर रखा कंपनी का नाम 6 मई 1937 को ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में हिंडनबर्ग नाम का एक जर्मन एयर स्पेसशिप उड़ान भरते समय हवा में ही क्रैश हो गया था। इस हादसे में 35 लोगों की दर्दनाक मौत हुई।

जांच के बाद पता चला था कि इस विमान के हाइड्रोजन गुब्बारों में आग लगने की वजह से ये घटना घटी थी। इससे पहले भी हाइड्रोजन गुब्बारों में आग लगने की वजह से हादसे हुए थे। जांच रिपोर्ट में पता चला कि कंपनी ने नियमों का पालन किए बिना क्षमता से ज्यादा लोगों को इस विमान में बिठा दिया था।

नाथन एंडरसन का मानना था कि स्पेसशिप कंपनी पहले की घटनाओं से सीखकर इस हादसे को टाल सकती थी। 80 साल पहले हुई घटना ने नाथन एंडरसन के दिल और दिमाग पर गहरा असर छोड़ा था। इसीलिए उसने 2017 में अपनी कंपनी का नाम ‘हिंडनबर्ग’ रखा।

ये नाम रखने का मकसद सिर्फ एक था- हिंडनबर्ग की तर्ज पर शेयर मार्केट में लाभ कमाने के लिए हो रही गड़बड़ियों पर नजर रखकर उसकी पोल खोलना। ताकि शेयर मार्केट में घोटालों की वजह से होने वाले किसी क्रैश को रोका जा सके।

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