हिमाचल विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे बीजेपी विधायक
धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले शुक्रवार को BJP विधायक दल धरने पर बैठ गया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा विधायक हाथ में एक लाख नौकरी के कट-आउट लेकर प्रदर्शन करते हुए विधानसभा परिसर पहुंचे। इस दौरान कांग
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जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में बेरोजागरों से हर साल एक लाख और पांच साल में पांच लाख नौकरी का वादा किया था। यही नहीं पक्की व पेंशन वाली 58 साल तक की नौकरी देने का वादा किया था। सरकार को दो साल बीत गए। मगर यह वादा पूरा नहीं किया गया। कांग्रेस की इस गारंटी की पोल खुल गई है।
विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे बीजेपी विधायक
उन्होंने कहा कि पक्की नौकरी तो दूर 10 हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मी नौकरी से निकाल दिए गए। दो साल से खाली लगभग डेढ़ लाख पद समाप्त किए गए। बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आए। अब गेस्ट टीचर जैसी पॉलिसी लेकर बेरोजगारों से धोखा कर रहे है। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को सदन के भीतर भी उठाएगी।
सदन में आज कई विधेयक चर्चा के बाद पारित किए जाएंगे। इससे पहले सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी और प्रदेश के इतिहास में पहली बार लोकसभा की तर्ज पर शून्य काल शुरू होगा। सदन में आज 14 विधेयक चर्चा एवं पारण को लाए जाएंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक-2024 और हिमाचल प्रदेश भू जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 (लैंड सीलिंग एक्ट) प्रमुख है।
सदन की कार्यवाही का संचालन करते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में एक्ट बदल रही सरकार
कांग्रेस सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में लैंड सीलिंग एक्ट 1972 में संशोधन को कर रही है। यह विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से इसे मंजूरी मिली तो इसके तहत धार्मिक और चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन या भूमि पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा।
राजस्व मंत्री द्वारा पेश संशोधन विधेयक के उद्देश्यों में सरकार ने स्पष्ट किया कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास पूरे देश में अपना क्रियाकलाप चलाने वाला एक धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है। इसने राज्य में नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं।
इस संस्था ने हमीरपुर के भोटा में एक अस्पताल बनाया है। यह लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं देता है। इस संगठन के पास लैंड सीलिंग एक्ट के तहत अनुमानित सीमा से अधिक जमीन है, जिसे अधिनियम की धारा पांच के खंड-झ के उपबंध के तहत छूट दी गई है।
हमीरपुर के भोटा में राधा स्वामी सत्संग ब्यास का अस्पताल
जगत सिंह मेडिकल सोसाइटी के नाम ट्रांसफर चाह रहा सत्संग ब्यास
राधा स्वामी सत्संग ने कई बार सरकार से अनुरोध किया है कि उसे भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के लिए बेहतर प्रबंधन को जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए।
इसे इसका एक सहयोगी संगठन कहा गया है। मगर धारा पांच का खंड झ इसमें रोक लगाता है। ऐसे में हस्तांतरण की अनुमति सरकार कुछ शर्तों के साथ देगी। इसके लिए धारा पांच का खंड झ में संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
सरकारी कर्मचारियों के बैक-डेट से नहीं मिलेगी वरिष्ठता
हिमाचल प्रदेश कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 पर भी सदन में आज चर्चा होगी। इस विधेयक के पारित होने के बाद कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल की वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। आज इसे सदन में पारित किया जाएगा।
इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है, क्योंकि कोर्ट के आदेशों पर कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से सीनियोरिटी और वित्तीय लाभ देने पड़ रहे हैं। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा।
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में बैठे मंत्री व सत्तापक्ष के विधायक
दूसरे जिला में ट्रांसफर होंगे पुलिस जवान
हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक-2024 को भी आज सरकार पारित करवा सकती है। इसके पास से पुलिस कांस्टेबल का जिला से स्टेट कैडर हो जाएगा। अभी इनकी ट्रांसफर जिला के भीतर की जा सकती है। मगर स्टेट कैडर के बाद सरकार इन्हें दूसरा जिला में भी ट्रांसफर कर पाएगी। इनकी भर्ती भी अब पुलिस बोर्ड द्वारा की जाएगी।
आपदा प्रभावितों को वन भूमि देने के संकल्प पर चर्चा
सदन में आज महत्वपूर्ण सरकारी संकल्प पर वन संरक्षण अधिनियम (FCA)1980 में संशोधन को लेकर पेश किया जाएगा। राजस्व मंत्री जगत सिंह ने प्रस्ताव करेंगे कि आपदा के दौरान लोगों की खेती योग्य जमीन बह जाने की सूरत में उस प्रभावित व्यक्ति को 10 बीगा वन भूमि खेती के लिए प्रदान करने का केंद्र से आग्रह किया जाएगा।